भिंड। एक बार फिर जहरीली शराब से मौत का सिलसिला शुरु हो गया है. इंदुर्खी गांव में बीते 3 दिनों में चार लोगों की मौत (4 deaths due to drinking poisonous liquor in Bhind) हो चुकी है, जबकि 6 लोग आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं. अब तक गांव वाले इसकी जानकारी छिपा रहे थे, पुलिस भी जहरीली शराब से मौत को नकारती आ रही थी. इस कांड से ETV भारत ने पर्दा उठा दिया है, ये जहरीली शराब कितनी जान लेगी, इसका ठीक-ठीक अंदाजा लगा पाना मुश्किल है. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट से समझिये पूरा मसला.
एमपी में जहरीली शराब ने फिर ली जान! भिंड में तीन मौत के बाद दो थाना प्रभारी निंलबित
साल भर पहले रौन, लहार और भिंड में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब (Madhya Pradesh Excise Amendment Act 2021) पीने से हुई थी, मौत पर राजनीति भी खूब हुई, लेकिन जल्द सब ठंडे बस्ते में चला गया. 8 महीने बाद एक बार फिर जहरीली शराब से मौत का तांडव शुरू हो गया है. इंदुर्खी गांव में दो दिन पहले दो सगे भाइयों मनीष और छोटू जाटव की मौत हुई थी, इसके बाद सोमवार को भी एक युवक पप्पू जाटव की मौत हुई थी और मंगलवार सुबह फिर संतोष नाम के अधेड़ की मौत हो गयी.
पीड़ित परिवारों से मिले एसपी-कलेक्टर
मंगलवार सुबह जब संतोष की मौत की खबर आई तो हमारी टीम इंदुर्खी गांव पहुंची, वहां पाया कि कोई भी ग्रामीण शुरुआत में कुछ बोलने को तैयार नहीं था, करीब घंटे भर में ही कलेक्टर सतीश कुमार और पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह चौहान भी इंदुर्खी गांव पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने के आश्वासन पर मृतकों के परिजनों ने स्वीकार किया कि मरने से पहले शराब पी थी, बाद में SP ने भी ये बात स्वीकार की. परिजनों ने बताया कि मनीष और छोटू दोनों गुरुवार को भिंड से आये थे, दिन भर ठीक थे. शुक्रवार की रात दोनों शराब पीकर घर आये थे, उनकी तबीयत खराब हुई और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गयी.
मौत से पहले चली गई थी आंखों की रोशनी
मृतक पप्पू जाटव के परिजनों ने भी बताया कि वह शुक्रवार रात दो पौवा शराब लेकर आया था, जो मृतकों ने पप्पू को दिए थे, लेकिन मनीष और छोटू की मौत की खबर सुन वह वापस गया तो सुबह एक क्वार्टर फैला हुआ था और दूसरा पप्पू ने उसे वापस कर दिया था, उसके बाद रविवार देर रात उसकी तबीयत बिगड़ी, उसने पीठ के पास तेज दर्द की बात बताई, जो संभवत: किडनी की वजह से हो सकता था, परिजन जिला अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने भी दम तोड़ दिया. मंगलवार सुबह संतोष की मौत के बाद परिजनों ने बताया कि वह शराब का सेवन करता था, उसकी भी अचानक तबीयत बिगड़ी, उसे दिखना बंद हुआ और उसकी मौत हो गयी.
जहरीली शराब पीने से गयी आंखों की रोशनी
पुलिस अब तक मनीष-छोटू और पप्पू और संतोष के मामले अलग अलग मान रही थी, इस बीच शराब के सेवन के बाद तबीयत बिगड़ने से ग्वालियर में भर्ती 6 अन्य लोगों में सबसे गंभीर रतिराम से फोन पर बात हुई. रतिराम ने बताया कि उसे आंखों से दिखना पूरी तरह बंद हो गया है, उसने तबियत बिगड़ने से पहले पौवा वाली शराब पी थी, संतोष दो क्वार्टर लेकर आया था, जिसमे से एक संतोष और दूसरा रतिराम ने पीया था. संतोष की मौत हो चुकी है और रतिराम की हालत भी गंभीर है.
मेडिकल में सामान्य हैं मरीज फिर मौत कैसे?
इन चारों की मौत में एक बात सामान्य थी, चारों की तबीयत अचानक बिगड़ी और कुछ घंटों में ही उनकी मौत हो गयी. पुलिस यह कह कर पल्ला झाड़ रही थी कि मृतकों के मेडिकल में हालत बिल्कुल सामान्य थी. मेडिकल करने वाले डॉक्टर हेमंत शिवहरे का कहना है कि उन्हें शराब के कोई सिम्पटम नहीं मिले हैं. परिजन तबियत बिगड़ने से मौत की बात कह रहे हैं. सूत्रों से ये बात सामने आ रही थी कि अलग-अलग तरह से सभी ने शराब का सेवन किया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी. डॉक्टर शिवहरे की मेडिकल रिपोर्ट पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि अगर सब सामान्य था तो 4 लोग अचानक तबीयत बिगड़ने से काल के गाल में कैसे समा गए.
गांव के पांच युवकों ने बनाई थी अवैध शराब
मृतक पप्पू के भतीजे लाखन जाटव ने ETV भारत से बताया (etv bharat ground report) कि गांव के पूर्व सरपंच छिट्टू का बेटा गोलू भिंड के स्वतंत्र नगर में एक किराये के मकान में अवैध शराब बनाता है, जिसके लिए वह गांव के कुछ युवकों को अपने साथ ले जाता था. खुद लाखन उसके साथ 13 जनवरी को तीसरी बार अवैध शराब निर्माण और पैकिंग के लिए गया था. मनीष और उसका भाई छोटू, शिव सिंह और छोट्टे नाम के युवक भी गए थे, पांचों ने मिलकर शराब बनाकर पैक किया था, जिसके बदले उन्हें 500-500 रुपये मिले थे, साथ ही चारों को 2-2 पौवा और मनीष को 4 पौवा दिए थे.
शराब का 1000 पौवा बनाकर किया था पैक
लाखन ने बताया कि रास्ते में मनीष और शिव सिंह ने पहले शराब पी. बाद में मनीष के भाई छोटू ने और छोट्टे ने भी शराब पी. चूंकि लाखन शराब नहीं पीता था, इसलिए उसने पौवा लाकर घर में रख दिया. 15 जनवरी को सुबह उसे पता चला कि छोटू और मनीष की तबीयत खराब होने से मौत हो गयी है और शिव सिंह भी ग्वालियर में भर्ती है. उसने अपने चाचा से शराब के बारे में पूछा था कि उनके पास एक पौवा फैला हुआ था और दूसरा पैक रखा था. पप्पू ने बताया कि उससे एक पौवा फैल गया था, दूसरा वहां से हटा दिया था, लेकिन दूसरे दिन पप्पू की भी मौत हो गयी. लाखन ने इस बात का भी खुलासा किया भिंड में उन लोगों ने उस दिन 1000 पौवा शराब बनाकर पैकिंग की थी. उन्ही का सेवन इन चारों ने भी किया था. जो शायद ज्यादा ओपी मिलने की वजह से जहरीली हो गयी होगी.
सैकड़ों की जान को खतरा, पुलिस को नहीं भनक
इस खुलासे से पुलिस के लिए मुसीबत खड़ी हो गयी है. अभी जहां पुलिस 4 मौत के बाद 6 बीमारों को बचाने और गांव में हेल्थ चेकअप के लिए शिविर लगाने का काम कर रही है, वहीं लाखन ने ऐसे 1000 पौवा बनाये जाने का खुलासा किया है, जोकि पुलिस की पहुंच से दूर हैं. इंदुर्खी के अलावा ये पौवा अब तक सैकड़ों लोगों के पास पहुंच चुके होंगे. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि जहरीले शराब से सैकड़ों लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है. पुलिस को जल्द जहरीली शराब बरामद करने का कोई रास्ता अपनाना होगा, नहीं तो मौत का ऐसा तांडव हो सकता है, जो बीते समय के सारे रिकॉर्ड तोड़ दे.