भिंड़। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होने हैं, जिनमें से भिंड जिले की भी गोहद विधानसभा और मेहगांव विधानसभा शामिल हैं. इन पर प्रत्याशी के नामों को लेकर बीजेपी तो पहले से ही साफ थी, लेकिन मेहगांव में कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर पार्टी में काफी घमासान मचा रहा. तमाम उठापटक के बाद आखिरकार मौका दिया गया अटेर से पूर्व विधायक हेमंत कटारे को. टिकट कंफर्म होने के बाद मेहगांव पहुंचे हेमंत कटारे ने पहले ही दिन अपने शक्ति प्रदर्शन से सिंधिया तक को हैरान कर दिया था. कांग्रेस नेता हेमंत कटारे के नाम की घोषणा होने के बाद ईटीवी भारत ने उनसे बात की जिसमें वो अपनी जीत के लिए आश्वस्त नजर आए.
अटेर के साख बढ़ गई मेहगांव की जिम्मेदारी
अटेर से पूर्व विधायक रहे हेमंत कटारे ने जिम्मेदारी बढ़ने के सवाल पर कहा कि अब तक उनके पास अटेर क्षेत्र की जनता थी, लेकिन अब उनके ऊपर मेहगांव की भी जिम्मेदारी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि यहां की जनता का वे अटेर से ज्यादा ख्याल रखेंगे. उनके नगर आगमन पर जिस तरह मेहगांव की जनता ने प्यार दिखाया है, उसे वह यादगार अनुभव बताते हुए कहते हैं कि कि 'मैं गांव की जनता ने सर्वे में मेरा नाम आगे बढ़ाया और पार्टी नेतृत्व तक पहुंचाया यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है इसके लिए मैं जीवन भर मेहगांव की जनता का ऋणी रहूंगा'.
किया कांग्रेस के जीत का दावा
चुनाव की घोषणा के लंबे समय बाद आखिर में मेहगांव सीट पर कांग्रेस ने प्रत्याशी को लेकर अपने पत्ते खोले हैं जिसकी वजह से कहीं ना कहीं अब हेमंत कटारे को चुनाव प्रचार के लिए कम समय मिलेगा क्योंकि इन उप चुनाव में चुनाव आयोग ने प्रचार की सीमा 1 नवंबर तक सीमित कर दी है. ऐसे में अटेर विधानसभा से चुनाव लड़ते आए हेमंत कटारे को मेहगांव की जनता के दिल में उतरने के लिए कम समय में ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. हलांकि हेमंत कटारे इस बात पर भी आश्वस्त नजर आए उन्होंने दावा किया कि आज चुनाव करा दिए जाएं तो जनता कांग्रेस पार्टी को जिताकर वापस कमलनाथ की सरकार बनवा देगी.
कल तक साथी आज प्रतिद्वंदी बने ओपीएस
साल 2018 में हुए विधानसभा के आम चुनाव में ओपीएस भदौरिया मेहगांव से तो हेमंत कटारे अटेर से कांग्रेस के प्रत्याशी थे. दोनों ही कांग्रेस पार्टी को जिताने के लिए पूरी दम से चुनाव लड़ते नजर आए थे. लेकिन अब पासा पलट चुका है ओपीएस भदौरिया इस बार बीजेपी से प्रत्याशी हैं, जबकि हेमंत अब उनके सामने कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए हैं. ऐसे में होने वाले उपचुनाव मेहगांव के लिए यादगार साबित होंगे. हालांकि हेमंत कटारे कहते हैं ओपीएस कभी उनके प्रतिद्वंदी नहीं रहे लेकिन वह बीजेपी में चले गए तो ऐसे में यह समझना बड़ा मुश्किल हो रहा है कि जिस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी को लेकर ओपीएस सदैव आरोप लगाते रहे आज कैसे वे उनकी तारीफों के कसीदे गढ़ते हैं और उनके पैर पड़ते हैं.
ओपीएस भदौरिया बनाम हेमंत कटारे परिमाण 10 नवंबर को
मेहगांव का उपचुनाव प्रदेश के अन्य सीटों के मुकाबले वाकई दिलचस्प होगा. क्योंकि एक ओर बीजेपी पूरे दमखम से चुनाव प्रचार में जुटी हुई है. शिवराज और सिंधिया जैसे प्रदेश के दिग्गज ओपीएस भदौरिया के लिए प्रचार प्रसार में नजर आ रहे हैं, तो वही कांग्रेस ने पूर्व विधायक हेमंत कटारे पर दांव खेला. पहली बार मेहगांव में कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने पहुंचे हेमंत कटारे का शक्ति प्रदर्शन ने हर किसी को चौंकाया था, इन दोनों ही दिग्गजों का भविष्य तो जनता तय करेगी, जिसके नतीजे 10 नवंबर को सबके सामने आएंगे, फिलहाल हेमंत कटारे को अपनी जीत और मेहगांव की जनता पर पूरा भरोसा दिख रहा है.