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कोहरे के कारण ग्वालियर इटावा नेशनल हाई-वे पर बढ़ रहे सड़क हादसे - एक्सीडेंट

कोहरे के कहर से सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ जाता है. भिंड में सामान्य मौसम में होने वाले एक्सीडेंट के अलावा दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं कोहरे और धुंध के चलते हुए हैं. ग्वालियर-इटावा राष्ट्रीय राजमार्ग 719 पर ज्यादा सड़क हादसे हो रहे हैं. ज्यादातर एक्सीडेंट के पीछे की वजह कोहरा होना है. सड़कों पर धुंध होने के कारण विजिबिलिटी शून्य हो जाती है इस कारण ठंड में लोग हादसे का शिकार हो जाते हैं.

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कोहरे के कारण सड़क हादसे
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Published : Jan 19, 2021, 4:08 PM IST

Updated : Jan 20, 2021, 1:46 AM IST

भिंड। ठंड में सड़कों पर कोहरा कहर ढा रहा है. साल के 25 फीसद हादसे कोहरे के कारण होते हैं. जिसमें करीब 18 फीसद लोगों की जान चली जाती है. सबसे अधिक दुर्घटनाएं कोहरे के दौरान नेशनल हाई-वे पर होती हैं. हाई-वे पर होने वाले सड़क हादसों का प्रमुख कारण धुंध के कारण विजिबिलिटी शून्य के बराबार होना है. वहीं, दूसरा कारण सड़क पर खड़े वाहन और तेज रफ्तार भी हादसों का प्रमुख कारण है.

धुंध से 24 घंटे में 2 बड़े हादसे

भिंड जिले में 14 जनवरी के दिन अल सुबह एक युवा डॉक्टर दीपक भदौरिया की दर्दनाक मौत की खबर आई. यह मौत मेहगांव थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे 719 पर सड़क हादसे में हुई. हाल ही में दीपक ने अपनी एमबीबीएस पूरी की थी और पोस्ट ग्रेजुएशन की तैयारी कर रहे थे. इस हादसे को 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि उमरी थाना क्षेत्र के सिंध नदी के पास सुबह-सुबह एक बस और दो कार आपस में भिड़ गई. इस हादसे में पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इन सभी को तुरंत डायल 100 की मदद से अस्पताल ले जाया गया. इस तरह की घटनाएं ठंड के मौसम में आम है क्योंकि ठंड में सड़कों पर कोहरा होने की वजह से हादसों का शिकार होते हैं.

सर्दी में बढ़ता सड़क हादसों का ग्राफ

सर्दी के मौसम में कोहरा और धुंध के कारण न सिर्फ दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है बल्कि हर साल मौत का ग्राफ भी बढ़ रहा है. यातायात विभाग की मानें तो-

  • साल 2020 में कोहरे की वजह से करीब 172 सड़क हादसे हुए हैं
  • जिनमें से 123 लोग घायल और 86 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
  • जबकि 18 लोग दुर्घटनाओं में अपनी जान गवा बैठे.


नेशनल हाईवे पर सबसे ज्यादा हादसे

ग्वालियर इटावा राष्ट्रीय राजमार्ग-719 पर होने वाला वाहनों का आवागमन सबसे ज्यादा है. हर रोज करीब 50 हजार वाहन इस हाईवे से गुजरते हैं. हेवी ट्रैफिक होने के बावजूद अक्सर यहां रफ्तार का कहर देखा गया है. क्योंकि NH- 719 पर दोनों और ओपन फील्ड और खेत खलिहान है. ऐसे में सर्दियों में हाईवे पर कोहरा काफी घना होता है. जिसकी वजह से विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है और अक्सर तेज रफ्तार से दौड़ रहे वाहन कोहरे के कारण दूसरे वाहनों से टकरा जाते हैं. ऐसे में लगातार इस हाईवे को भी डिवाइडर के साथ फोरलेन किए जाने की मांग समय-समय पर उठती रही है. हाल ही में सहकारिता मंत्री ने भी जल्द भिंड ग्वालियर हाईवे को फोरलेन किए जाने की घोषणा की है.

सेफ ड्राइविंग की अपील

भिंड यातायात प्रभारी और सीएसपी की मानें तो हाल ही में फूप थाना क्षेत्र में कोहरे की वजह से एक सड़क हादसा हुआ था. जिसमे कोहरे की वजह से दो ट्रक आपस मे भिड़ गए थे. इस दुर्घटना में एक ट्रक ड्राइवर केबिन में फंस गया था. जिसे कड़ी मशक्कत के बाद निकल जा सका था. इस तरह की कई घटनाएं सर्दी के मौसम में देखने को मिलती है. ऐसे में उन्होंने लोगों से सुरक्षित रहने और सेफ ड्राइविंग की अपील की है. उन्होंने कहा कि जब कोहरा ज्यादा हो तब लोग अनावश्यक घर से बाहर न निकले और तेज रफ्तार में वाहन ने चलाए.


दुरुस्त रखें वाहन, सुरक्षित रहेगा जीवन

सर्दी में सड़क हादसों के लिए कोहरा, सड़क या बाहरी कारण ही नहीं, बहुत से अन्य कारण भी जिम्मेदार होते हैं. वाहन ड्राइवर का कुशल न होना, वाहन का दुरुस्त न होना भी बड़ी वजह रहती है. वाहन सड़क पर चलाने के लिए मानकों पर फिट हो तो दुर्घटना की संभावना लगभग नहीं रहती. सर्दी के मौसम होने के बावजूद तीन पहिया वाहन ई रिक्शा, टेंपो सहित अधिकांश चार पहिया वाहन में फॉग लाइट से लेकर रेडियम स्ट्रिप और रिफ्लेक्टर नहीं लगा होता है. जो कोहरा के समय जरूरी है.

कोहरे में चला रहे गाड़ी तो इन बातों का रखे ध्यान
घने कोहरे में वहान चलते समय एहतियात जरूरी है. हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो हादसों की आशंका को कम कर सकते हैं.

  1. कोहरा अधिक हो तो वाहन धीमी रफ्तार में चलाए
  2. हाईवे पर चलते समय अपने वाहनों की हेडलाइट और पार्किंग लाइट्स हमेशा चालू रखे.
  3. वाहन के पीछे रिफ्लेक्टर जरूर लगाएं, डिवाइडर पट्टी को ध्यान में रखते हुए सही दिशा में चले.
  4. वाहन के इंडिकेटर सही रहे, वाहन को ओवर स्पीड या ओवरटेकिंग करने से बचें.
  5. गाड़ी की हेड लाइट और टेल लाइट (पीछे वाली लालबत्ती) सही हों,ताकि पीछे से आने वाले वाहनों को नजर आए.
  6. तेज रफ्तार में वाहन न दौड़ाएं, खासकर हाईवे और बाईपास पर
  7. बिना कारण हाईवे या बाईपास किनारे न खड़े हों, दूरी कम होने से किसी वाहन की टक्कर की संभावना अधिक रहती है.
  8. बड़े वाहनों से काम से कम 10 मीटर की दूरी बनाकर चलें.
  9. किसी भी आपातकाल स्थिति में डायल 100 पर कॉल कर सूचित करें.
  10. इमरजेंसी मेडिकल किट हमेशा अपने वाहन में रखें.

अक्सर हाईवे से गुजरते ट्रैकों के पीछे कई मजेदार स्लोगन लिखे होते हैं जिनके कुछ मायने होते है जैसे कि जल्दबाजी करने से बेहतर सावधानी भली, सावधानी हटी दुर्घटना टली, यूज डिपर एट नाइट, जिन्हें जल्दी थी वो चले गए. ऐसे तमाम स्लोगन लीखे होते हैं. इनमें जनता के लिए एक मैसेज होता है. इसलिए ईटीवी भारत भी अपने पाठकों से अपील करता है कि सावधानी से चलिए, सुरक्षित रहिए (Drive safe, be safe)

भिंड। ठंड में सड़कों पर कोहरा कहर ढा रहा है. साल के 25 फीसद हादसे कोहरे के कारण होते हैं. जिसमें करीब 18 फीसद लोगों की जान चली जाती है. सबसे अधिक दुर्घटनाएं कोहरे के दौरान नेशनल हाई-वे पर होती हैं. हाई-वे पर होने वाले सड़क हादसों का प्रमुख कारण धुंध के कारण विजिबिलिटी शून्य के बराबार होना है. वहीं, दूसरा कारण सड़क पर खड़े वाहन और तेज रफ्तार भी हादसों का प्रमुख कारण है.

धुंध से 24 घंटे में 2 बड़े हादसे

भिंड जिले में 14 जनवरी के दिन अल सुबह एक युवा डॉक्टर दीपक भदौरिया की दर्दनाक मौत की खबर आई. यह मौत मेहगांव थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे 719 पर सड़क हादसे में हुई. हाल ही में दीपक ने अपनी एमबीबीएस पूरी की थी और पोस्ट ग्रेजुएशन की तैयारी कर रहे थे. इस हादसे को 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि उमरी थाना क्षेत्र के सिंध नदी के पास सुबह-सुबह एक बस और दो कार आपस में भिड़ गई. इस हादसे में पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. इन सभी को तुरंत डायल 100 की मदद से अस्पताल ले जाया गया. इस तरह की घटनाएं ठंड के मौसम में आम है क्योंकि ठंड में सड़कों पर कोहरा होने की वजह से हादसों का शिकार होते हैं.

सर्दी में बढ़ता सड़क हादसों का ग्राफ

सर्दी के मौसम में कोहरा और धुंध के कारण न सिर्फ दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है बल्कि हर साल मौत का ग्राफ भी बढ़ रहा है. यातायात विभाग की मानें तो-

  • साल 2020 में कोहरे की वजह से करीब 172 सड़क हादसे हुए हैं
  • जिनमें से 123 लोग घायल और 86 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
  • जबकि 18 लोग दुर्घटनाओं में अपनी जान गवा बैठे.


नेशनल हाईवे पर सबसे ज्यादा हादसे

ग्वालियर इटावा राष्ट्रीय राजमार्ग-719 पर होने वाला वाहनों का आवागमन सबसे ज्यादा है. हर रोज करीब 50 हजार वाहन इस हाईवे से गुजरते हैं. हेवी ट्रैफिक होने के बावजूद अक्सर यहां रफ्तार का कहर देखा गया है. क्योंकि NH- 719 पर दोनों और ओपन फील्ड और खेत खलिहान है. ऐसे में सर्दियों में हाईवे पर कोहरा काफी घना होता है. जिसकी वजह से विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है और अक्सर तेज रफ्तार से दौड़ रहे वाहन कोहरे के कारण दूसरे वाहनों से टकरा जाते हैं. ऐसे में लगातार इस हाईवे को भी डिवाइडर के साथ फोरलेन किए जाने की मांग समय-समय पर उठती रही है. हाल ही में सहकारिता मंत्री ने भी जल्द भिंड ग्वालियर हाईवे को फोरलेन किए जाने की घोषणा की है.

सेफ ड्राइविंग की अपील

भिंड यातायात प्रभारी और सीएसपी की मानें तो हाल ही में फूप थाना क्षेत्र में कोहरे की वजह से एक सड़क हादसा हुआ था. जिसमे कोहरे की वजह से दो ट्रक आपस मे भिड़ गए थे. इस दुर्घटना में एक ट्रक ड्राइवर केबिन में फंस गया था. जिसे कड़ी मशक्कत के बाद निकल जा सका था. इस तरह की कई घटनाएं सर्दी के मौसम में देखने को मिलती है. ऐसे में उन्होंने लोगों से सुरक्षित रहने और सेफ ड्राइविंग की अपील की है. उन्होंने कहा कि जब कोहरा ज्यादा हो तब लोग अनावश्यक घर से बाहर न निकले और तेज रफ्तार में वाहन ने चलाए.


दुरुस्त रखें वाहन, सुरक्षित रहेगा जीवन

सर्दी में सड़क हादसों के लिए कोहरा, सड़क या बाहरी कारण ही नहीं, बहुत से अन्य कारण भी जिम्मेदार होते हैं. वाहन ड्राइवर का कुशल न होना, वाहन का दुरुस्त न होना भी बड़ी वजह रहती है. वाहन सड़क पर चलाने के लिए मानकों पर फिट हो तो दुर्घटना की संभावना लगभग नहीं रहती. सर्दी के मौसम होने के बावजूद तीन पहिया वाहन ई रिक्शा, टेंपो सहित अधिकांश चार पहिया वाहन में फॉग लाइट से लेकर रेडियम स्ट्रिप और रिफ्लेक्टर नहीं लगा होता है. जो कोहरा के समय जरूरी है.

कोहरे में चला रहे गाड़ी तो इन बातों का रखे ध्यान
घने कोहरे में वहान चलते समय एहतियात जरूरी है. हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो हादसों की आशंका को कम कर सकते हैं.

  1. कोहरा अधिक हो तो वाहन धीमी रफ्तार में चलाए
  2. हाईवे पर चलते समय अपने वाहनों की हेडलाइट और पार्किंग लाइट्स हमेशा चालू रखे.
  3. वाहन के पीछे रिफ्लेक्टर जरूर लगाएं, डिवाइडर पट्टी को ध्यान में रखते हुए सही दिशा में चले.
  4. वाहन के इंडिकेटर सही रहे, वाहन को ओवर स्पीड या ओवरटेकिंग करने से बचें.
  5. गाड़ी की हेड लाइट और टेल लाइट (पीछे वाली लालबत्ती) सही हों,ताकि पीछे से आने वाले वाहनों को नजर आए.
  6. तेज रफ्तार में वाहन न दौड़ाएं, खासकर हाईवे और बाईपास पर
  7. बिना कारण हाईवे या बाईपास किनारे न खड़े हों, दूरी कम होने से किसी वाहन की टक्कर की संभावना अधिक रहती है.
  8. बड़े वाहनों से काम से कम 10 मीटर की दूरी बनाकर चलें.
  9. किसी भी आपातकाल स्थिति में डायल 100 पर कॉल कर सूचित करें.
  10. इमरजेंसी मेडिकल किट हमेशा अपने वाहन में रखें.

अक्सर हाईवे से गुजरते ट्रैकों के पीछे कई मजेदार स्लोगन लिखे होते हैं जिनके कुछ मायने होते है जैसे कि जल्दबाजी करने से बेहतर सावधानी भली, सावधानी हटी दुर्घटना टली, यूज डिपर एट नाइट, जिन्हें जल्दी थी वो चले गए. ऐसे तमाम स्लोगन लीखे होते हैं. इनमें जनता के लिए एक मैसेज होता है. इसलिए ईटीवी भारत भी अपने पाठकों से अपील करता है कि सावधानी से चलिए, सुरक्षित रहिए (Drive safe, be safe)

Last Updated : Jan 20, 2021, 1:46 AM IST
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