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जमीन छुड़ाने के लिए अनशन पर बैठा दलित परिवार, मंत्री-विधायक पर लगाया ये आरोप - Dongarpura Village, Bhind

भिण्ड में एक पीड़ित परिवार कलेक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन पर न्याय की आस में बैठा है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि क्षेत्रीय विधायत अरविंद भदौरिया और मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह के दबाव में उसके परिवार को आरोपी बना दिया गया है.

दलित की जमीन पर दंबगों का कब्जा
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Published : Oct 27, 2019, 7:33 PM IST

Updated : Oct 27, 2019, 11:22 PM IST

भिण्ड। वैसे तो चंबल शूरवीरों की धरती के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां दबंगों का इतिहास भी अपनी मौजूदगी की गवाही चीख-चीख कर देता है कि भिण्ड में आज भी दबंगों के आगे प्रशासन भी बौना नजर आता है. भिण्ड के बरोही थाना क्षेत्र के डोंगरपुरा गांव में कुछ दबंगों ने एक दलित परिवार की जमीन पर कब्जा कर लिया, यहां तक उन्हें घर छोड़ने तक मजबूर कर दिया. पीड़ित परिवार कलेक्ट्रेट परिसर के सामने आमरण अनशन पर बैठ गया है कि शायद उसे न्याय मिल जाए.

जमीन छुड़ाने के लिए अनशन पर बैठा दलित परिवार

पीड़ित परिवार का कहना है कि गांव के कुछ ठाकुर उन्हें गांव से निकालने की नीयत से उनकी पुश्तैनी जमीन हथियाने के उद्देश्य से उन्हें पिछले चार साल से परेशान कर रहे हैं. पीड़ित ने कहा कि गांव नहीं छोड़ने पर वह मारपीट पर उतर आए. उन्होंने बताया कि दबंगों ने एससी-एसटी एक्ट को क्रॉस करने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार पर झूठी शिकायत कर दी. पीड़ित केशव जाटव ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक अरविंद भदौरिया, केपी सिंह भदौरिया और डॉक्टर गोविंद सिंह के दबाव में उस पर झूठा केस कर दिया गया है.

भिण्ड एसपी रुडोल्फ अल्वारेस का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है और दोनों ही पक्षों के ऊपर अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज है. ऐसे में धरने पर बैठे लोग दोबारा से जांच की मांग रहे हैं, जिसके लिए पुलिस विभाग के अन्य आला अधिकारियों ने समीक्षा की है. जांच की जिम्मेदारी मेहगांव थाना प्रभारी को सौंपी जा रही है, उनके द्वारा जांच रिपोर्ट देने के बाद ही दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

भिण्ड। वैसे तो चंबल शूरवीरों की धरती के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां दबंगों का इतिहास भी अपनी मौजूदगी की गवाही चीख-चीख कर देता है कि भिण्ड में आज भी दबंगों के आगे प्रशासन भी बौना नजर आता है. भिण्ड के बरोही थाना क्षेत्र के डोंगरपुरा गांव में कुछ दबंगों ने एक दलित परिवार की जमीन पर कब्जा कर लिया, यहां तक उन्हें घर छोड़ने तक मजबूर कर दिया. पीड़ित परिवार कलेक्ट्रेट परिसर के सामने आमरण अनशन पर बैठ गया है कि शायद उसे न्याय मिल जाए.

जमीन छुड़ाने के लिए अनशन पर बैठा दलित परिवार

पीड़ित परिवार का कहना है कि गांव के कुछ ठाकुर उन्हें गांव से निकालने की नीयत से उनकी पुश्तैनी जमीन हथियाने के उद्देश्य से उन्हें पिछले चार साल से परेशान कर रहे हैं. पीड़ित ने कहा कि गांव नहीं छोड़ने पर वह मारपीट पर उतर आए. उन्होंने बताया कि दबंगों ने एससी-एसटी एक्ट को क्रॉस करने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार पर झूठी शिकायत कर दी. पीड़ित केशव जाटव ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक अरविंद भदौरिया, केपी सिंह भदौरिया और डॉक्टर गोविंद सिंह के दबाव में उस पर झूठा केस कर दिया गया है.

भिण्ड एसपी रुडोल्फ अल्वारेस का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है और दोनों ही पक्षों के ऊपर अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज है. ऐसे में धरने पर बैठे लोग दोबारा से जांच की मांग रहे हैं, जिसके लिए पुलिस विभाग के अन्य आला अधिकारियों ने समीक्षा की है. जांच की जिम्मेदारी मेहगांव थाना प्रभारी को सौंपी जा रही है, उनके द्वारा जांच रिपोर्ट देने के बाद ही दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एक ओर जहां देश में आज दीवाली की खुशियां है तो वही भिण्ड में एक परिवार आमरण अनशन पर बैठा है कारण है दबंगों की मनमानी, दबंगो ने इस दलित परिवार की जमीन पर न सिर्फ कब्जा किया, बल्कि उन्हें घर छोड़ने तक मजबूर कर दिया है। आज पीड़ित परिवार कलेक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन पर बैठ न्याय की गुहार लगा रहा है। पीड़ित परिवार का कहना है इतने अन्याय के बाद उल्टा उनके दोनों बेटों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर दी गई है। साथ ही भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया और कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के मंत्री डॉ गोविंद सिंह और पुलिस पर दबंगो को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया है।Body:दरअसल बरोही थाना क्षेत्र के डोंगरपुरा गांव के रहने वाले सुदामालाल अपने परिवार के साथ कलेक्टर कार्यालय के गेट पर आमरण अनशन पर बैठे हैं। परिवार का कहना है के गांव के दबंग चिम्मन सिंह भदौरिया का परिवार उनकी ज़मीन जायदाद पर जबरन कब्जा करना चाहते हैं इसके लिए उन्होंने बीती 14 और 15 अक्टूबर को सुदामा लाल के बेटे और दो पोतों के साथ मारपीट की और जातीय अपमान कर हत्या का प्रयास किया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि घटना के बाद पुलिस ने अटेर से भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया और कांग्रेस सरकार के कद्दावर मंत्री डॉ गोविंद सिंह के दबाव में आरोपी दबंगों पर मामला दर्ज करने की जगह पीड़ित सुदामा के बेटे केशव और 2 पोतों पर मामला दर्ज कर करीब 8 दिन तक जेल में रखा, साथ ही पुलिस और इन दबंग नेताओं द्वारा आरोपी दबंगो को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया है। वही आरोपी पक्ष का कहना है के आरोप झूठे हैं पहले सुदामालाल के परिवार ने हम पर हमला किया था हम पर गलत तरीके से हरिजन एक्ट लगवाई गई है। जबकि नाइंसाफी हमारे साथ हुई है। वही मामले को लेकर सपाक्स नेता ने भी दूसरे पक्ष का साथ देते हुए कहा है कि अगर धरना खत्म नही किया गया तो सपाक्स द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।Conclusion:मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक रुडोल्फ अल्वारेस का कहना है कि, मामला संज्ञान में आया है और दोनों ही पक्षों के ऊपर अलग-अलग धाराओं में एफ आई आर दर्ज है ऐसे में धरने पर बैठे लोग दोबारा से जांच की मांग रहे हैं जिसके लिए पुलिस विभाग के अन्य आला अधिकारियों द्वारा समीक्षा की गई है पर अब इस जांच की जिम्मेदारी मेहगांव थाना प्रभारी को सौंपी जा रही है उनके द्वारा जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- केशव जाटव, पीड़ित
बाइट- विनीत शर्मा, सपाक्स नेता
बाइट- रुडोल्फ अल्वारेस, एसपी, भिंड
Last Updated : Oct 27, 2019, 11:22 PM IST
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