भिण्ड। वैसे तो चंबल शूरवीरों की धरती के लिए जाना जाता है, लेकिन यहां दबंगों का इतिहास भी अपनी मौजूदगी की गवाही चीख-चीख कर देता है कि भिण्ड में आज भी दबंगों के आगे प्रशासन भी बौना नजर आता है. भिण्ड के बरोही थाना क्षेत्र के डोंगरपुरा गांव में कुछ दबंगों ने एक दलित परिवार की जमीन पर कब्जा कर लिया, यहां तक उन्हें घर छोड़ने तक मजबूर कर दिया. पीड़ित परिवार कलेक्ट्रेट परिसर के सामने आमरण अनशन पर बैठ गया है कि शायद उसे न्याय मिल जाए.
पीड़ित परिवार का कहना है कि गांव के कुछ ठाकुर उन्हें गांव से निकालने की नीयत से उनकी पुश्तैनी जमीन हथियाने के उद्देश्य से उन्हें पिछले चार साल से परेशान कर रहे हैं. पीड़ित ने कहा कि गांव नहीं छोड़ने पर वह मारपीट पर उतर आए. उन्होंने बताया कि दबंगों ने एससी-एसटी एक्ट को क्रॉस करने के उद्देश्य से पीड़ित परिवार पर झूठी शिकायत कर दी. पीड़ित केशव जाटव ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक अरविंद भदौरिया, केपी सिंह भदौरिया और डॉक्टर गोविंद सिंह के दबाव में उस पर झूठा केस कर दिया गया है.
भिण्ड एसपी रुडोल्फ अल्वारेस का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है और दोनों ही पक्षों के ऊपर अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज है. ऐसे में धरने पर बैठे लोग दोबारा से जांच की मांग रहे हैं, जिसके लिए पुलिस विभाग के अन्य आला अधिकारियों ने समीक्षा की है. जांच की जिम्मेदारी मेहगांव थाना प्रभारी को सौंपी जा रही है, उनके द्वारा जांच रिपोर्ट देने के बाद ही दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.