भिण्ड। जिला प्रशासन कुपोषण को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चला रहा है, लेकिन अभी तक इसमें उसे सफलता नहीं मिल पाई है. आज भी जिले के कई विकासखंडों में बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. सरकार ने कुपोषित बच्चों को बचाने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित किए हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते राह इतनी आसान नहीं लगती. जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों का वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है.
भिंड में लगातार बच्चों के कुपोषित पैदा होने के मामले सामने आ रहे हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग को इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर इलाज और संसाधनों के जरिए कुपोषण से सुपोषण की ओर ले जाना चाहिए था, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. जिसके कारण कुपोषित बच्चों का ग्राफ घटने के बजाए बढ़ रहा है.
कलेक्टर ने समीक्षा बैठक में लापरवाही को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारियों के वेतन को रोकने के निर्देश जारी किए हैं. बता दें कि वेतन रोकने के निर्देश के साथ ही कलेक्टर ने सख्त हिदायत दी है कि स्थिति नहीं सुधरी, तो वेतन पर रोक जारी रहेगी.