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फिर क्षतिग्रस्त हुआ चम्बल पुल, वाहनों का लगा लंबा जाम

भिंड में एमपी-यूपी बॉर्डर पर बना चम्बल पुल एक बार फिर टूट गया है. जिसकी वजह से स्लेब धसक गई और वाहनों का लंबा जाम लग गया.

Damaged bridge
क्षतिग्रस्त हुआ पुल
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Published : Mar 4, 2021, 6:22 PM IST

भिंड। बरही स्थित एमपी-यूपी बॉर्डर पर बना चम्बल पुल एक बार फिर क्षतिग्रस्त हो गया है. यहां पिलर पर लगी बैरिंग को नुक़सान हुआ है. जिसकी वजह से स्लेब धसक गई है, ऐसे में गंभीर हादसा न हो इसका ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पूरी तरह भारी वाहनों के पुल से गुज़रने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिसकी वजह से पुल के दोनों किनारों पर भारी संख्या में बड़े वाहनों का जाम लगा हुआ है. लेकिन आवागमन ठप हो चुका है. ऐसे में रिपेयरिंग काम के लिए भी उत्तरप्रदेश प्रशासन की ओर से कलेक्टर को पत्र लिखकर सूचना दी गई है.

क्षतिग्रस्त हुआ पुल

बैरिंग टूटने से क्षतिग्रस्त हुआ चम्बल पुल

क्षमता से ज़्यादा भारी वाहनों के गुज़रने की वजह से संबलपुर लगातार 4 हज़ार होता जा रहा है. कई बार बड़े हादसे भी इस पुल पर देखे गए हैं. बावजूद इसके पुल पर सिर्फ मेंटेनेंस कर काम चलाया जा रहा है. लगातार ओवरलोड वाहन इस पुल से गुज़रते हैं, जिसकी वजह से आए दिन पुल क्षतिग्रस्त होता है. एक बार फिर भिंड में चम्बल नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. इस बार इस पुल के छह नंबर पिलर पर लगी बैरिंग टूट गई है. जिसकी वजह से पुल की स्लैब धसक गई. हालांकि इस दौरान कोई वाहन न उतरने से बड़ा हादसा होने से टल गया, लेकिन कोई अनहोनी न हो इसको ध्यान में रखते हुए दोनों ही किनारों पर पुल से भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

प्रदेश का सबसे लंबा ब्रिज खस्ताहाल, बारिश से पहले ही हुआ जर्जर

ओवरलोड वाहनों की वजह से हो रहा नुकसान

इस पुल का निर्माण सन 1975 में हुआ था. उस दौरान इसकी क्षमता 22 टन की थी, लेकिन लगातार ओवरलोड वाहनों की वजह से पुल को भारी नुक़सान होता जा रहा है. ऐसे में कभी भी बड़े हादसे की आशंका है. इस बात को ध्यान में रखते हुए नगर में भी एक डायवर्ट रूट बनाया जा रहा है. जहां पुलिया के निर्माण की वजह से लंबा जाम लगा हुआ है, क्योंकि चम्बल पुल से गुजरने वाले वाहन डायवर्ट रोड पर जाकर से होकर गुज़रने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में पूरे इलाक़े में बड़ी संख्या में वाहन जाम में फंसे हुए हैं.

ज़िम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई बार यह पल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. बड़ी बात यह है कि इस तरह के गंभीर हादसों के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारी अपनी आंखें बंद करें हैं और महज़ रिपेयरिंग और मेंटेनेंस के भरोसे इस पुल पर वाहनों का आवागमन जारी है. ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना है, क्योंकि इस पुल को बने साल से ज़्यादा का समय बीत चुका है लेकिन आज क्षमता से ज़्यादा भारी वाहनों का इस पोल पर आवागमन जारी है.

भिंड। बरही स्थित एमपी-यूपी बॉर्डर पर बना चम्बल पुल एक बार फिर क्षतिग्रस्त हो गया है. यहां पिलर पर लगी बैरिंग को नुक़सान हुआ है. जिसकी वजह से स्लेब धसक गई है, ऐसे में गंभीर हादसा न हो इसका ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पूरी तरह भारी वाहनों के पुल से गुज़रने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिसकी वजह से पुल के दोनों किनारों पर भारी संख्या में बड़े वाहनों का जाम लगा हुआ है. लेकिन आवागमन ठप हो चुका है. ऐसे में रिपेयरिंग काम के लिए भी उत्तरप्रदेश प्रशासन की ओर से कलेक्टर को पत्र लिखकर सूचना दी गई है.

क्षतिग्रस्त हुआ पुल

बैरिंग टूटने से क्षतिग्रस्त हुआ चम्बल पुल

क्षमता से ज़्यादा भारी वाहनों के गुज़रने की वजह से संबलपुर लगातार 4 हज़ार होता जा रहा है. कई बार बड़े हादसे भी इस पुल पर देखे गए हैं. बावजूद इसके पुल पर सिर्फ मेंटेनेंस कर काम चलाया जा रहा है. लगातार ओवरलोड वाहन इस पुल से गुज़रते हैं, जिसकी वजह से आए दिन पुल क्षतिग्रस्त होता है. एक बार फिर भिंड में चम्बल नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हुआ है. इस बार इस पुल के छह नंबर पिलर पर लगी बैरिंग टूट गई है. जिसकी वजह से पुल की स्लैब धसक गई. हालांकि इस दौरान कोई वाहन न उतरने से बड़ा हादसा होने से टल गया, लेकिन कोई अनहोनी न हो इसको ध्यान में रखते हुए दोनों ही किनारों पर पुल से भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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ओवरलोड वाहनों की वजह से हो रहा नुकसान

इस पुल का निर्माण सन 1975 में हुआ था. उस दौरान इसकी क्षमता 22 टन की थी, लेकिन लगातार ओवरलोड वाहनों की वजह से पुल को भारी नुक़सान होता जा रहा है. ऐसे में कभी भी बड़े हादसे की आशंका है. इस बात को ध्यान में रखते हुए नगर में भी एक डायवर्ट रूट बनाया जा रहा है. जहां पुलिया के निर्माण की वजह से लंबा जाम लगा हुआ है, क्योंकि चम्बल पुल से गुजरने वाले वाहन डायवर्ट रोड पर जाकर से होकर गुज़रने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में पूरे इलाक़े में बड़ी संख्या में वाहन जाम में फंसे हुए हैं.

ज़िम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी कई बार यह पल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. बड़ी बात यह है कि इस तरह के गंभीर हादसों के बाद भी ज़िम्मेदार अधिकारी अपनी आंखें बंद करें हैं और महज़ रिपेयरिंग और मेंटेनेंस के भरोसे इस पुल पर वाहनों का आवागमन जारी है. ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना है, क्योंकि इस पुल को बने साल से ज़्यादा का समय बीत चुका है लेकिन आज क्षमता से ज़्यादा भारी वाहनों का इस पोल पर आवागमन जारी है.

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