भिंड। मेहगांव विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को लेकर प्रचार के अंतिम दौर में रखा गया सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया का संयुक्त रोड शो फ्लॉप हो गया. सीएम शिवराज मेहगांव आकर भी बिना रोड शो का हिस्सा बने वापस लौट गए, जिसके पीछे रोड शो में भीड़ न जुटने के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह रोड शो अकेले ही करना पड़ा. इस दौरान प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया उनका साथ देने के लिए रोड शो में रथ पर मौजूद रहे.
मेहगांव विधानसभा अब बीजेपी के लिए चुनौती बनती जा रही है. यहां ओपीएस भदौरिया को लेकर जनता को साधने के लिए सीएम शिवराज और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का रोड शो होना था, लेकिन यह रोड शो शुरू होने के साथ ही फ्लॉप साबित हुआ. मेहगांव से सिंधिया समर्थक ओपीएस भदौरिया को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया है लेकिन मेहगांव विधानसभा की जनता लगातार ओपीएस भदौरिया का विरोध कर रही है.
पिछली बार मेहगांव से विधायक रहे भदौरिया ने जब कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी को अपनाया और उन पर बिकाऊ होने का तमगा लगने के साथ ही जनता में लगातार आक्रोश देखा जा रहा है. ईटीवी भारत ने भी अपने खास कार्यक्रम भैया जी का अड्डा के जरिए जनता की राय जानी तो उसमें भी लोगों ने ओपीएस को बिकाऊ प्रत्याशी बताया था. इन्हीं हालातों को देखते हुए बीजेपी के लिए अब मेहगांव सीट मुसीबत बनती जा रही है.
बीजेपी की बढ़ती समस्या को देखते हुए सीएम शिवराज और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक रोड शो चुनाव के अंतिम दौर में रखा गयाथा, लेकिन बीजेपी मेहगांव क्षेत्र में उम्मीद के अनुसार भीड़ नहीं जुटा पाई. वही सीएम शिवराज भी मेहगांव के हेलीपैड तक हेलीकॉप्टर से आए तो लेकिन बिना रोड शो में शामिल हुए डबरा के लिए रवाना हो गए. कयास लगाए जा रहे हैं कि ज्यादा भीड़ ना होने की वजह से सीएम इस रोड शो में शामिल नहीं हुए.
ये भी पढ़े-मेहगांव विधानसभाः बड़ा फैक्टर है जातिगत समीकरण, बीजेपी के ओपीएस के सामने कांग्रेस के हेमंत कटारे
जनता का बीजेपी प्रत्याशी से खुश नहीं होना कांग्रेस के लिए फायदे मंद हो सकता है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत कटारे की लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से इस बार माना जा रहा है कि मेहगांव विधानसभा का मतदान रस्साकशी की स्थिति में रहेगा.