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24 किलोमीटर साइकिल चलाकर स्कूल जाने वाली भिंड की बेटी ने प्रदेश में किया टॉप, मिला 8वां स्थान

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने शनिवार को 10वीं के नतीजे घोषित कर दिए हैं. जिसमें भिंड के अजनौल गांव में रहने वाली रोशनी भदौरिया ने 98.5 प्रतिशत अंक के साथ प्रदेशभर में 8वीं रैंक हासिल की है. रोशनी ने इस सफलता को पाने के लिए हर रोज 24 किलोमीटर का सफर तय किया है.

Roshni achieved 98.5 percentage points
रोशनी भदौरिया
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Published : Jul 5, 2020, 12:11 PM IST

Updated : Jul 6, 2020, 10:00 AM IST

भिंड। मन में अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो कोई भी मुश्किल आपके हौसले के सामने ज्यादा देर तक टिक नहीं सकती है. इसे साबित कर दिखाया है भिंड के मेहगांव कस्बे के अजनौल गांव की रोशनी भदौरिया ने. रोशनी ने अपनी लगन और मेहनत से अपने माता पिता के साथ ही गांव का भी नाम रोशन किया है. रोशनी ने एमपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में 98.5 प्रतिशत अंक के साथ प्रदेश में 8वीं रैंक हासिल की है. उनकी सफलता के पीछे रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल से सफर तय करना भी है.

भिंड की बेटी ने प्रदेश में किया टॉप

रोशनी में पढ़ाई को लेकर इस कदर का जुनून था कि स्कूल जाने के लिए रोजाना 24 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करती थी. रोशनी का स्कूल मेहगांव में है, जो अजनौल गांव से 12 किमी दूर है. ऐसे में रोशनी रोजाना लगभग 24 किमी की दूरी तय कर पढ़ाई करने आती जाती थी. रोशनी की मेहनत का ही फल है कि वो प्रदेश में 8वीं रैंक हासिल कर पाई हैं. रोशनी की इस सफलता से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.

Goes to school by bicycle
रोशनी भदौरिया

रोशनी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि स्कूल जाते समय कई तरह की मुश्किलें आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य के लिए आगे बढ़ती रही. बारिश के मौसम में कई बार गांव में पानी भर जाता था. ऐसे में वे अपने घर नहीं आ पाती थी. इस स्थिति में मेहगांव में ही अपने दादा के घर रहकर स्कूल आती जाती थी, लेकिन उनके अंदर पढ़ाई का जुनून कम नहीं हुआ. रोशनी ने बताया कि जिस साइकिल से वो रोजाना स्कूल आती जाती थी, उन्हें वे साइकिल शिवराज सरकार की योजना के जरिए मिली थी.

An atmosphere of happiness in Roshni's family
परिवार के साथ रोशनी भदौरिया

रोशनी ने बताया कि सभी विषयों को बराबर टाइम दिया और रोजाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई करती थी. रोशनी ने गणित और साइंस में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. रोशनी आगे चलकर आईएएस बनकर देश सेवा करना चाहती हैं. रोशनी ने बताया कि उसके माता-पिता हमेशा सपोर्ट करते थे, जिसकी वजह से वो पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे सकी और प्रदेश में 8वीं रैंक हासिल की है.

Roshan's family name
परिवार का नाम किया रोशन

रोशनी के किसान पिता पुरुषोत्तम भदौरिया अपनी बेटी की सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं. वे कहते हैं कि कुछ साल पहले तक गांव में स्कूल नहीं था तो बेटी को कंधों पर नदी पार कराकर स्कूल ले जाते थे. जब पुल बन गया तो बेटी की पढ़ने की चाह और बढ़ गई. बेटी की मेहनत की वजह से रोशनी को शासन की ओर से साइकिल मिली थी. जिसके बाद बेटी को मेहगांव पढ़ने भेजना शुरू कर दिए.

पुरुषोत्तम का कहना है कि वो किसान हैं और अपनी क्षमता से बाहर जाकर बेटी को आगे पढ़ाएंगे, जबकि रोशनी की मां सरिता भदौरिया कहती हैं कि वह पढ़ी-लिखी हैं, लेकिन अपने जीवन में कुछ खास नहीं कर पाईं. ऐसे में अपनी बेटी को आगे बढ़ते देखना चाहती हैं, वे चाहती हैं कि उनकी बेटी आईएएस बने और देश-समाज की सेवा करें.

शनिवार को माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं का रिजल्ट घोषित हुआ है. कोरोना की वजह से छात्रों ने 4 सब्जेक्ट का पेपर दिया था. जिसका रिजल्ट 4 जुलाई को माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जारी किया है. शिक्षा मंडल ने 10वीं के छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी में जनरल प्रमोशन दिया है. वहीं 15 छात्रों ने 300 से में से 300 अंक हासिल किए हैं. इस बार 10वीं का रिजल्ट 62.84 प्रतिशत रहा. जिसमें 63 प्रतिशत लड़के और 65.87 फीसदी लड़कियों ने परीक्षा पास की है.

भिंड। मन में अगर कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो कोई भी मुश्किल आपके हौसले के सामने ज्यादा देर तक टिक नहीं सकती है. इसे साबित कर दिखाया है भिंड के मेहगांव कस्बे के अजनौल गांव की रोशनी भदौरिया ने. रोशनी ने अपनी लगन और मेहनत से अपने माता पिता के साथ ही गांव का भी नाम रोशन किया है. रोशनी ने एमपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में 98.5 प्रतिशत अंक के साथ प्रदेश में 8वीं रैंक हासिल की है. उनकी सफलता के पीछे रोजाना 24 किलोमीटर साइकिल से सफर तय करना भी है.

भिंड की बेटी ने प्रदेश में किया टॉप

रोशनी में पढ़ाई को लेकर इस कदर का जुनून था कि स्कूल जाने के लिए रोजाना 24 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करती थी. रोशनी का स्कूल मेहगांव में है, जो अजनौल गांव से 12 किमी दूर है. ऐसे में रोशनी रोजाना लगभग 24 किमी की दूरी तय कर पढ़ाई करने आती जाती थी. रोशनी की मेहनत का ही फल है कि वो प्रदेश में 8वीं रैंक हासिल कर पाई हैं. रोशनी की इस सफलता से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.

Goes to school by bicycle
रोशनी भदौरिया

रोशनी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि स्कूल जाते समय कई तरह की मुश्किलें आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य के लिए आगे बढ़ती रही. बारिश के मौसम में कई बार गांव में पानी भर जाता था. ऐसे में वे अपने घर नहीं आ पाती थी. इस स्थिति में मेहगांव में ही अपने दादा के घर रहकर स्कूल आती जाती थी, लेकिन उनके अंदर पढ़ाई का जुनून कम नहीं हुआ. रोशनी ने बताया कि जिस साइकिल से वो रोजाना स्कूल आती जाती थी, उन्हें वे साइकिल शिवराज सरकार की योजना के जरिए मिली थी.

An atmosphere of happiness in Roshni's family
परिवार के साथ रोशनी भदौरिया

रोशनी ने बताया कि सभी विषयों को बराबर टाइम दिया और रोजाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई करती थी. रोशनी ने गणित और साइंस में 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. रोशनी आगे चलकर आईएएस बनकर देश सेवा करना चाहती हैं. रोशनी ने बताया कि उसके माता-पिता हमेशा सपोर्ट करते थे, जिसकी वजह से वो पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे सकी और प्रदेश में 8वीं रैंक हासिल की है.

Roshan's family name
परिवार का नाम किया रोशन

रोशनी के किसान पिता पुरुषोत्तम भदौरिया अपनी बेटी की सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं. वे कहते हैं कि कुछ साल पहले तक गांव में स्कूल नहीं था तो बेटी को कंधों पर नदी पार कराकर स्कूल ले जाते थे. जब पुल बन गया तो बेटी की पढ़ने की चाह और बढ़ गई. बेटी की मेहनत की वजह से रोशनी को शासन की ओर से साइकिल मिली थी. जिसके बाद बेटी को मेहगांव पढ़ने भेजना शुरू कर दिए.

पुरुषोत्तम का कहना है कि वो किसान हैं और अपनी क्षमता से बाहर जाकर बेटी को आगे पढ़ाएंगे, जबकि रोशनी की मां सरिता भदौरिया कहती हैं कि वह पढ़ी-लिखी हैं, लेकिन अपने जीवन में कुछ खास नहीं कर पाईं. ऐसे में अपनी बेटी को आगे बढ़ते देखना चाहती हैं, वे चाहती हैं कि उनकी बेटी आईएएस बने और देश-समाज की सेवा करें.

शनिवार को माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं का रिजल्ट घोषित हुआ है. कोरोना की वजह से छात्रों ने 4 सब्जेक्ट का पेपर दिया था. जिसका रिजल्ट 4 जुलाई को माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जारी किया है. शिक्षा मंडल ने 10वीं के छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी में जनरल प्रमोशन दिया है. वहीं 15 छात्रों ने 300 से में से 300 अंक हासिल किए हैं. इस बार 10वीं का रिजल्ट 62.84 प्रतिशत रहा. जिसमें 63 प्रतिशत लड़के और 65.87 फीसदी लड़कियों ने परीक्षा पास की है.

Last Updated : Jul 6, 2020, 10:00 AM IST
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