भिंड। मध्य प्रदेश में चुनाव आते ही अब सरकारी कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगो को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में पटवारी भी अब अपना मानदेय बढ़वाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. पूरे मध्य प्रदेश के साथ ही भिंड जिले के सभी नौ तहसीलों में हलका पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. मांग है कि सरकार दो दशक बीतने के बाद भी उनका मानदेय नहीं बढ़ा रही है. मेहगांव तहसील कार्यालय में भी चालीस से ज्यादा पटवारी धरने पर हैं.
25 वर्षों से नहीं बढ़ाया गया पटवारियों का मानदेय: राज्यव्यापी आंदोलन में शामिल इन पटवारियों का कहना है कि सन 1998 में मध्य प्रदेश की सरकार ने इन पटवारियों का मानदेय 2,100 रुपए किया था. इस मानदेय को बढ़वाने के लिए पटवारी संघ ने सरकार से गुहार लगायी थी. तब 2007 में जाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मानदेय 2800 रुपय प्रतिमाह किए जाने की घोषणा की थी. लेकिन सीएम ये ऐलान सिर्फ घोषणाबाजी बनकर रह गया. कई बार पटवारियों ने अपनी मांग उठाई लेकिन हर बार मुख्यमंत्री आश्वासन देकर टालते रहे. बीते 25 वर्षों से पटवारी एक ही वेतनमान पर काम कर रहे हैं.
मानदेय बढ़ा तो 7 हजार तक बढ़ जाएगी सैलरी: सरकार की इस वादा खिलाफी से पटवारियों में असंतोष और नाराजगी व्याप्त है. उनका कहना है कि यदि मानदेय बढ़ता है तो इससे उनकी तनख्वाह में 7 हजार रुपये का इजाफा हो जाएगा, जो इस बढ़ती महंगाई में उन्हें काफी राहत पहुंचायेगा. लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते उन्हें लगातार इसका नुकसान झेलना पड़ रहा है. इस वादा खिलाफी से पटवारी संघ नाराज है और काम बंद हड़ताल पर चला गया है. उनका कहना है कि अब अगर सरकार ने उनकी मांगे अभी नहीं मानी तो जल्द ही इस बारे में कोई बड़ा कदम जरूर उठाएंगे.