भिंड। जिले के एसपी को लगातार गंभीर आरोपों में घिरे होने के आरोपों के चलते पीएचक्यू भेज दिया गया है. मध्यप्रदेश शासन ने भिंड के साथ ही चम्बल संभाग में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करते हुए एडीजी, कमिश्नर, भिण्ड कलेक्टर और एसपी को भोपाल भेजा है. वहीं अब जिले की कमान नए हाथों में सौंपी जा रही है.
भिंड जिले के कलेक्टर छोटे सिंह को भी उप सचिव बनाकर भोपाल बुला लिया है. अब उनकी जगह जिले में नए कलेक्टर के तौर पर 2008 बैच के आईएएस अफसर वीरेंद्र सिंह रावत लेंगे. वर्तमान में रावत शाजापुर कलेक्टर हैं और जल्द ही भिंड पहुंचकर कार्यभार संभालेंगे. शनिवार शाम सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किए हैं.
वहीं चंबल एडीजी डीपी गुप्ता को भी अतिरिक्त्त पुलिस महानिदेशक बनाकर पुलिस मुख्यालय भोपाल बुला लिया गया है. गुप्ता पर भी लंबे समय से रेत व्यापार में जुड़े होने के आरोप लगते रहे हैं. कमलनाथ सरकार में मंत्री रहते हुए पूर्वमंत्री डॉ गोविंद सिंह ने खुलकर तत्कालीन आईजी रहे डीपी गुप्ता पर जिले में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए थे.
उस समय इस खबर ने प्रदेश स्तर पर खूब सुर्खियां भी बटोरी थी. ऐसे में एसपी नगेन्द्र सिंह और एडीजी डीपी गुप्ता के एक साथ जाने का कारण रेत के अवैध व्यापार से जुड़े होने का आरोप माने जा रहे हैं.
भिंड एसपी पर लगे गंभीर आरोप, कई मामलों का खुलासा
भिंड एसपी को लेकर जिले के साथ प्रदेशभर में किरकिरी हो चुकी है. क्योंकि जिले में लॉकडाउन के दौरान भी रेत का अवैध उत्खनन कराने और थाना प्रभारियों से वसूली कराने जैसे तमाम आरोप उन पर लगे हैं.
मामला तब तूल पकड़ा जब चंबल डीआईजी राजेश हिंगणकर द्वारा एक के बाद एक ताबड़तोड़ छापेमार कार्रवाई करते हुए लाखों रूपये का अवैध रेत भंडार पकड़े गए. वहीं श्योपुर में पदस्थ दो पुलिसकर्मियों द्वारा भिंड में थाना प्रभारियों से वसूली की बात का खुलासा भी हुआ, जिसमें डीआईजी द्वारा दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया . एसपी नगेन्द्र सिंह ने भिंड में खराब पुलिसिंग की बात भी स्वीकार की है.
सुर्खियों में आने के बाद से ही एसपी नगेन्द्र अज्ञातवास में चले गए, उनसे न फोन पर सम्पर्क हो रहा है ना ही वे ऑफिस या बंगले पर मिलते हैं. माना जा रहा है कि उनके इस आचरण के चलते ही उन्हें पीएचक्यू भेज दिया गया है.