भिंड। बीते कई साल से दूध में मिलावट, नकली घी, मावा तैयार करने का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है. मिलावट माफिया इन नकली उत्पादों को भिंड सहित प्रदेश के अन्य जिलों में भी सप्लाई कर रहा है. होली का त्योहार करीब है ऐसे में बाजारों में मिलावटी दूध, मावा की आवक बढ़ गई है. मिलावट को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग भी कार्रवाई कर रहा है लेकिन मिलावटखोरों पर FIR दर्ज होने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. चंबल अंचल में इससे पहले भी नकली दूध और नकली मावे का कारोबार करने वाले कई डेयरी संचालकों पर कार्रवाई तो की गई, लेकिन मिलावट का कारोबार कम नहीं हो रहा है.
केमिकल से तैयार करते हैं नकली दूध
नकली दूध तैयार करने का तरीका जीवन से खिलवाड़ करता है. ज़िले में हुई कार्रवाई में पता चला कि मिलावट माफिया केमिकल से नकली दूध तैयार करते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक है. नकली दूध बनाने के लिए यूरिया, डिटर्जेंट जैसे केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है. माफिया शुद्ध दूध से फैट यानी घी निकाल लेते हैं और उसे महंगे दामों पर बेचते है. ऐसे में सिर्फ स्किम्ड मिल्क रह जाता है जिसमें रिफाइंड ऑइल मिलाने के लिए डिटर्जेंट पाउडर या लिक्विड डिटर्जेंट केमिकल का उपयोग करते हैं. और नकली दूध तैयार हो जाता है.
दूध में मिलावट का पता लगाने के लिए एक नई तकनीक विकसित
बड़ी मात्रा में फल-फूल रहा मिलावटी कारोबार
जिले की खाद्य सुरक्षा अधिकारी रीना बंसल ने बताया कि ज़िले में मिलावट खोरी चरम पर है. अंचल में नकली मिलावटी दूध, मावा और पनीर का कारोबार किया जाता है. ये उत्पाद चम्बल से अन्य जिलों और अन्य प्रदेशों तक सप्लाई होता है. कई बार कार्रवाई में इस बात का खुलासा हुआ है. विभाग की माने तो त्योहार को देखते हुए मिलावट माफिया पर के खिलाफ जांच तेजी से जारी है. सैम्पल के आधार पर डेयरी संचालकों पर करवाई की जा रही है.