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मध्य प्रदेश के प्रदूषित शहरों में 15वें नंबर पर भिंड, दिवाली से पहले पटाखों को लेकर नयी गाइडलाइन जारी

दीपावली से ठीक पहले मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लिस्ट जारी कर सभी ज़िलों के प्रदूषण लेवल की जानकारी दी है. इस लिस्ट में प्रदेश का भिंड ज़िला 15वें नम्बर पर है, वही प्रदूषण के खराब हालात के साथ ग्वालियर पहले स्थान पर है. प्रदूषित शहरों में शामिल होने के चलते भिंड में दीपावली पर ख़तरनाक बारूद और तेज आवाज़ वाले पटाखों पूरी तरह से बैन है.

Bhind at number 15 in polluted cities of Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश के प्रदूषित शहरों में 15वें नंबर पर भिंड तेज आवाज वाले पटाखे बैन
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Published : Nov 2, 2021, 7:15 AM IST

Updated : Nov 2, 2021, 7:36 AM IST

भिंड। दीपावली से ठीक पहले मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लिस्ट जारी कर सभी ज़िलों के प्रदूषण लेवल की जानकारी दी है. इस लिस्ट में प्रदेश का भिंड ज़िला 15वें नम्बर पर है. प्रदूषित शहरों में शामिल होने के चलते भिंड में दीपावली पर ख़तरनाक बारूद और तेज आवाज़ वाले पटाखों पूरी तरह से बैन हैं, साथ ही पटाखा व्यापारियों के ऐसे 5 संदेहास्पद पटाखों के सैम्पल मध्यप्रदेश प्रदूषण मंडल के लैब में 2 नवम्बर तक भेजकर उनकी रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई के निर्देश ज़िला प्रशासन ने जारी किए हैं.

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प्रदूषण के मामले में 15वें स्थान पर भिंड

देश के कई बड़े शहर आज भारी प्रदूषण की समस्या झेल रहे हैं. मध्यप्रदेश में भी कई ज़िलों में प्रदूषण का स्तर ख़तरनाक है, जिसको देखते हुए मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी 52 ज़िलों में प्रदूषण की स्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में चम्बल अंचल का भिंड ज़िला प्रदेश में 15 स्थान पर है. जबकि अंचल के अन्य ज़िलों में प्रदूषण भिंड से कम है.

पड़ोसी ज़िलों से ज़्यादा भिंड में प्रदूषण

मप्र प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, नवम्बर 2020 की रेटिंग में भिंड ज़िले का AQI 151.3 है जो की मोडरेट स्थिति में जबकि मुरैना में 148.3 माडरेट, श्योपुर में 146.5 माडरेट और दतिया में 69.3 हो, जो संतोषजनक यानी ठीक स्थिति में है. वहीं ग्वालियर ज़िला 248 AQI के साथ प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर माना गया है.

Bhind at number 15 in polluted cities of Madhya Pradesh
तेज आवाज़ वाले पटाखे बैन
तेज आवाज़ वाले पटाखे बैन, ख़तरनाक पटाखों के लिए जाएंगे सैम्पल

दीपावली पर जलने वाले पटाखों की वजह से प्रदूषण का स्तर सामान्य दिनों को अपेक्षा बहुत ज़्यादा हो जाता है. इस स्थिति को देखते हुए बोर्ड द्वारा रविवार को लिस्ट जारी करने के साथ ही प्रदेश में पटाखों को लेकर एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी किया है. जिसके आधार पर भिंड ज़िले में भी सोमवार को कलेक्टर ने तेज आवाज़ और ख़तरनाक बारूद वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही सभी एसडीएम और अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए हैं कि वे 2 नवम्बर को सभी पटाखा निर्माता और व्यापारियों से इस सम्बंध में लिखित जानकारी लें और निरीक्षण कर संदेहास्पद पटाखों के सैम्पल लेकर मप्र प्रदूषण मंडल की प्रयोगशाला में भेंजे. और उसकी रिपोर्ट प्राप्त कर सम्बंधित पर नियमानुसार कार्रवाई भी करें.

रात 10 बजे के बाद नहीं गूंजेगी पटाखों की आवाज़

बता दें कि इस दीपावली पर पटाखों को चलाने का भी समय रात 8 बजे से 10 बजे तक सीमित कर दिया गया है. इसके अलावा प्रशासन ने दोपहर में ही दीपावली पर पटाखों से सम्बंधित पूरी गाइडलाइन जारी की है. इस तरह अचानक प्रतिबंध लगने से इसका असर त्योहार और उत्साही लोगों पर भी पड़ेगा.

भिंड। दीपावली से ठीक पहले मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लिस्ट जारी कर सभी ज़िलों के प्रदूषण लेवल की जानकारी दी है. इस लिस्ट में प्रदेश का भिंड ज़िला 15वें नम्बर पर है. प्रदूषित शहरों में शामिल होने के चलते भिंड में दीपावली पर ख़तरनाक बारूद और तेज आवाज़ वाले पटाखों पूरी तरह से बैन हैं, साथ ही पटाखा व्यापारियों के ऐसे 5 संदेहास्पद पटाखों के सैम्पल मध्यप्रदेश प्रदूषण मंडल के लैब में 2 नवम्बर तक भेजकर उनकी रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई के निर्देश ज़िला प्रशासन ने जारी किए हैं.

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प्रदूषण के मामले में 15वें स्थान पर भिंड

देश के कई बड़े शहर आज भारी प्रदूषण की समस्या झेल रहे हैं. मध्यप्रदेश में भी कई ज़िलों में प्रदूषण का स्तर ख़तरनाक है, जिसको देखते हुए मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी 52 ज़िलों में प्रदूषण की स्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में चम्बल अंचल का भिंड ज़िला प्रदेश में 15 स्थान पर है. जबकि अंचल के अन्य ज़िलों में प्रदूषण भिंड से कम है.

पड़ोसी ज़िलों से ज़्यादा भिंड में प्रदूषण

मप्र प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, नवम्बर 2020 की रेटिंग में भिंड ज़िले का AQI 151.3 है जो की मोडरेट स्थिति में जबकि मुरैना में 148.3 माडरेट, श्योपुर में 146.5 माडरेट और दतिया में 69.3 हो, जो संतोषजनक यानी ठीक स्थिति में है. वहीं ग्वालियर ज़िला 248 AQI के साथ प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर माना गया है.

Bhind at number 15 in polluted cities of Madhya Pradesh
तेज आवाज़ वाले पटाखे बैन
तेज आवाज़ वाले पटाखे बैन, ख़तरनाक पटाखों के लिए जाएंगे सैम्पल

दीपावली पर जलने वाले पटाखों की वजह से प्रदूषण का स्तर सामान्य दिनों को अपेक्षा बहुत ज़्यादा हो जाता है. इस स्थिति को देखते हुए बोर्ड द्वारा रविवार को लिस्ट जारी करने के साथ ही प्रदेश में पटाखों को लेकर एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी किया है. जिसके आधार पर भिंड ज़िले में भी सोमवार को कलेक्टर ने तेज आवाज़ और ख़तरनाक बारूद वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही सभी एसडीएम और अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए हैं कि वे 2 नवम्बर को सभी पटाखा निर्माता और व्यापारियों से इस सम्बंध में लिखित जानकारी लें और निरीक्षण कर संदेहास्पद पटाखों के सैम्पल लेकर मप्र प्रदूषण मंडल की प्रयोगशाला में भेंजे. और उसकी रिपोर्ट प्राप्त कर सम्बंधित पर नियमानुसार कार्रवाई भी करें.

रात 10 बजे के बाद नहीं गूंजेगी पटाखों की आवाज़

बता दें कि इस दीपावली पर पटाखों को चलाने का भी समय रात 8 बजे से 10 बजे तक सीमित कर दिया गया है. इसके अलावा प्रशासन ने दोपहर में ही दीपावली पर पटाखों से सम्बंधित पूरी गाइडलाइन जारी की है. इस तरह अचानक प्रतिबंध लगने से इसका असर त्योहार और उत्साही लोगों पर भी पड़ेगा.

Last Updated : Nov 2, 2021, 7:36 AM IST
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