भिंड। जिले में अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर समय समय पर सवाल उठते रहे हैं. मध्यप्रदेश किसान कल्याण एवंम कृषि विकास विभाग मंत्रालय की ओर से भिंड जिले में पदस्थ प्रभारी अप संचालक कृषि शिवराज सिंह यादव को निलम्बित किए जाने के आदेश जारी हुए हैं. इस आदेश में जिक्र है कि, उनके ऊपर यह कार्रवाई भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष विजय दैपुरिया द्वारा की गई शिकायत पर हुई है.
जांच में पाई गई अनियमितताएं: शिकायत के खिलाफ कलेक्टर द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि, वर्ष 2020-21 मे ग्रीष्मकालीन मूंग प्रदर्शनों के आयोजन मे आदान सामग्री वितरण, भुगतान मे गंम्भीर वित्तीय अनियमितताएं और कार्य के प्रति उदासीनता, लापरवाही प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाई गई जिसको देखते हुए उन्हें सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत उन्हें निलंबित किया जाता है. निलम्बन अवधि में शिवराज सिंह यादव मुख्यालय संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास, ग्वालियर संभाग ग्वालियर में अटैच रहेंगे.
ये है पूरा मामला: कृषि विभाग में पदस्थ प्रभारी उप संचालक शिवराज सिंह यादव पर हुई कार्रवाई के सिलसिले में जब हमने शिकायतकर्ता भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष विजय देपुरिया से बात की तो उन्होंने बताया कि, भिंड की जिम्मेदारी मिलने की बाद जब वे फील्ड में निकले तो कई जगह किसानों ने बताया कि दो सा ल पहले मूंग का प्रदर्शन किया गया था. जिसका सामान मिला था. उसके बाद मूंग की अनुदान राशि जो करीब 4500 रुपये थी. पिछले दो वर्ष से लंबित है.
प्रमुख सचिव से मामले की शिकायत: इस बारे में जानकारी लेने के लिए जब शिवराज सिंह यादव से बात की तो उन्होंने कहा था कि, इसकी जीडीए मुरैना द्वारा जांच चल रही है. जब मुरैना जीडीए से बात की तो उन्होंने बताया कि, इसका उनसे कोई सम्बंध ही नहीं बल्कि वे खुद किसानों के अनुदान राशि वितरण के लिए पहले ही पत्र भिंड उपसंचालक के लिए लिख चुके हैं. इतनी बात साफ होने के बाद भुगतान के सम्बंध में यादव से बात की, लेकिन जब लगा की भुगतान नहीं किया जा रहा है तो सीधा इसकी शिकायत कृषि विभाग के प्रमुख सचिव से मामले की शिकायत की. साथ ही कृषि मंत्री कम पटेल से भी इस संबंध में शिकायत की. इसकी जांच पीएस ने भिंड कलेक्टर से कराई. इस जांच के आधार पर दोषी मानते हुए निलम्बन को कार्रवाई की गई है.
पांच बिंदुओं पर थी शिकायत: किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष विजय देपुरिया ने बताया कि, उन्होंने अपनी शिकायत में भिंड कृषि विभाग के उपसंचालक शिवराज सिंह यादव के खिलाफ पांच बिंदुओं का उल्लेख किया था. जिसमें सबसे पहले वर्ष 2021 में एन.एफ.एस.एल. योजनान्तर्गत ग्रीष्म मूंग प्रदर्शनों के आयोजन शासन द्वारा जिले के विकासखण्डों में कराया गया था. 2 वर्ष बीतने के बाद भी इनके द्वारा किसानों द्वारा खरीदी गई. आदान सामग्री का भुगतान किसानों के खाते में नहीं कराया गया. शासन से प्राप्त बजट को लेप्स कर वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश की अवहेलना कर किसानों के साथ धोखा एवं छलावा किया गया.
कमीशन के नाम से हड़प ली राशि: यादव द्वारा बीज घटक अंतर्गत जिले में कुल 3000 किसानों की संख्या प्रति कृषक प्रदर्शन 2200/- के नाम से 66,00,000/- का भुगतान कर 20 प्रतिशत हड़प लिया गया. साथ ही उन ग्रीष्म प्रदर्शनों के प्रचार प्रसार घटक में 3000 कृषकों की संख्या पर प्रति कृषक प्रदर्शन 800/- रूपये के नाम से प्रचार प्रसार कार्य कागजों तक सीमित कर 24,00,000/- रूपये हड़पे गए, लेकिन उसी प्रदर्शन कार्यक्रम में किसान द्वारा खरीदी गई अन्य आदान सामग्री में इन्हें कमीशन नहीं मिल पाने से 3000 कृषकों की संख्या पर प्रति कृषक प्रदर्शन 4200/- रूपये के नाम से लगभग एक करोड की राशि को लटकाकर किसानों को उनके भुगतान के अधिकार वंचित किया गया.
ये थी शिकायत: शिकायत का दूसरा बिंदु किसानों को बाजरा का अप्रामाणिक बीज बांट दिया गया था. शिकायत का तीसरा बिंदु जिले में स्वार्थ और निजी लाभ लेने के लिए मनमर्जी से कृषि अधिकारियों का प्रभार सौंपे जाने के सम्बंध में था. चौथा बिंदु कृषि उपसंचालक द्वारा खुद खाद विक्रेताओं से अवैध वसूली की जाती है. साथ ही कार्यालय में पदस्थ लिपिक द्वारा नवीन लाइसेंस पंजियन कि नाम पर अवैध वसूली कराई जाती है. पांचवा बिंदु था कि, अधिकारी द्वारा अपने निजी स्वार्थ के लिए अनियमित स्थानांतरण किए थे.
CM के एक्शन पर HC का रिएक्शन, शिवराज के निलंबन के आदेशों पर लगाई रोक
अवैध वसूली का वीडियो: किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष के मुताबिक कृषि उपसंचालक शिवराज सिंह यादव द्वारा खुद जाकर खाद विक्रेताओं से अवैध वसूली भी की जाती थी. इसका एक सीसीटीवी फ़ुटेज भी उन्होंने बतौर प्रमाण कलेक्टर, पीएस और कृषि मंत्री को ख़ुद सौंपा था. जिसे देखने के बाद कलेक्टर को जांच के आदेश किए गए. साथ ही कृषि मंत्री ने तत्काल प्रभाव से उन्हें निलम्बित करने और उनके ऊपर विभागीय जांच बैठने के साथ FIR कराने के भी मौखिक निर्देश दिए है.