भिंड। अवैध शराब और कारोबार के लिए भिंड बदनाम हैं. कोरोना के दौर में माफिया और ब्लैक मार्केटिंग करने वालों के हौसले बुलंद हैं. कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले लोगों पर पुलिस सख्त रवैया अपना रही है. मेहगांव में सब्जी-फल विक्रेताओं पर तो कार्रवाई की जा रही है, लेकिन रोक के बावजूद शराब दुकान बेधड़क संचालित हो रहे हैं. चोरी छिपे बिक रही शराब को पुलिसकर्मी लगातार नजर अंदाज कर रहे हैं.
पूरे प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू लगभग दो महीने से लागू हैं, लेकिन बावजूद इसके न तो लोग बाजार में निकलने से बाज आ रहे है और न ही दुकानदार चोरी छिपे अपने प्रतिष्ठान खोलने से. कार्रवाई के लिए पुलिस अमला सतत निगरानी भी रख रहा हैं, लेकिन इस निगरानी पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं. मेहगांव में तय समय के बाद भी फल-सब्जी विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाती हैं. उनका टोल काटकर जब्त कर लेती हैं.
भिंड में अवैध शराब को लेकर छापेमारी, 47 पेटी शराब बरामद, 5 आरोपी अरेस्ट
शटर डाल कर शराब दुकान से बिक रही दारू
इन कार्रवाई पर सवालिया निशान खुद पुलिस की कार्यप्रणाली ने लगा दिए हैं, क्योंकि फल-सब्जी जैसे छोटे व्यापारियों पर तो पुलिसकर्मी कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन मेहगांव में ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी दुकानों पर बिक रही शराब की पुलिस को भनक तक नहीं हैं. इन दुकानों पर बाहर से ताला लगा रहेगा, मगर अंदर और बाहर एक युवक हमेशा खड़ा रहता हैं. यहां ऊंचे दाम पर 24 घंटे शराब उपलब्ध कराई जा रही हैं, पर लेकिन पास में मौजूद मेहगांव थाना पुलिस को यह दिखाई नहीं देता हैं.
उठे सवाल
लोगों ने भी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि चौराहे पर डायल-100 वाहन 24 घंटे खड़ी रहती हैं. खुलेआम शराब की बिक्री की जाती हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस की सांठगांठ से दारू की बिक्री की जा रही हैं.