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बैतूल जिले के सदा प्रसन्न में दिखा टाइगर, वन महकमा बेखबर - Tiger's Movement in Multai Rent

बैतूल जिले के मुलताई रेंज में टाइगर का मूवमेंट देखा गया है, पर वन विभाग को इसकी खबर नहीं है.

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Published : Aug 5, 2020, 10:39 AM IST

बैतूल। दक्षिण वन मण्डल के मुलताई रेंज में टाइगर की चहलकदमी बढ़ गई है, लेकिन वन अमला बेखबर है. वनकर्मी टाइगर की मौजूदगी को सामान्य मान कर कोई रुचि नहीं ले रहे हैं, जो टाइगर सहित नागरिकों के लिए घातक हो सकती है. सदा प्रसन्न घाट के खत्म होते ही महाराष्ट्र की सीमा लग जाती है, इस क्षेत्र में कई बार टाइगर की मूवमेंट देखी गई है.

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टाइगर के पैरों के निशान

जानकारी के मुताबिक मुलताई रेंज की प्रभात पट्टन सर्किल के सदा प्रसन्न घाट में बीते 3 दिनों से टाइगर का मूवमेंट बढ़ गया है. इस इलाके में खेती-किसानी करने वालों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टाइगर के लिए सदा प्रसन्न घाट का घना जंगल अच्छा आशियाना बन गया है और उसे ये इलाका बहुत सुरक्षित लगता है. इस बार वर्षा कम होने की वजह से टाइगर जंगल से निकल कर महाराष्ट्र सीमा पर बने शेकदरी बांध में पानी पीने आते जाते हैं. हालांकि, अभी तक इस टाइगर ने कोई जनहानि नहीं की है.

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टाइगर के पैरों के निशान

सीमावर्ती क्षेत्र में घूमने को लेकर वन विभाग में खासी निश्चिंतता दिखाई पड़ती है. मैदानी वन अमले को जानकारी ही नहीं है कि टाइगर अपनी टेरेटरी में चक्कर लगा रहा है. जानकारों की माने तो ये टाइगर महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर रिजर्व का है और सदा प्रसन्न घाट तक उसकी टेरेटरी है, इसलिए वो नागरिकों को दिखाई पड़ जाता है. एसडीओ वन मंडल मुलताई हरीश बघेल ने कहा कि आपसे मुझे जानकारी मिली है, वनकर्मियों को भेज कर तस्दीक करा लेता हूं, साथ ही ग्रामीणों को भी अलर्ट रहने की अपील जारी करता हूं.

बैतूल। दक्षिण वन मण्डल के मुलताई रेंज में टाइगर की चहलकदमी बढ़ गई है, लेकिन वन अमला बेखबर है. वनकर्मी टाइगर की मौजूदगी को सामान्य मान कर कोई रुचि नहीं ले रहे हैं, जो टाइगर सहित नागरिकों के लिए घातक हो सकती है. सदा प्रसन्न घाट के खत्म होते ही महाराष्ट्र की सीमा लग जाती है, इस क्षेत्र में कई बार टाइगर की मूवमेंट देखी गई है.

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टाइगर के पैरों के निशान

जानकारी के मुताबिक मुलताई रेंज की प्रभात पट्टन सर्किल के सदा प्रसन्न घाट में बीते 3 दिनों से टाइगर का मूवमेंट बढ़ गया है. इस इलाके में खेती-किसानी करने वालों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टाइगर के लिए सदा प्रसन्न घाट का घना जंगल अच्छा आशियाना बन गया है और उसे ये इलाका बहुत सुरक्षित लगता है. इस बार वर्षा कम होने की वजह से टाइगर जंगल से निकल कर महाराष्ट्र सीमा पर बने शेकदरी बांध में पानी पीने आते जाते हैं. हालांकि, अभी तक इस टाइगर ने कोई जनहानि नहीं की है.

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टाइगर के पैरों के निशान

सीमावर्ती क्षेत्र में घूमने को लेकर वन विभाग में खासी निश्चिंतता दिखाई पड़ती है. मैदानी वन अमले को जानकारी ही नहीं है कि टाइगर अपनी टेरेटरी में चक्कर लगा रहा है. जानकारों की माने तो ये टाइगर महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर रिजर्व का है और सदा प्रसन्न घाट तक उसकी टेरेटरी है, इसलिए वो नागरिकों को दिखाई पड़ जाता है. एसडीओ वन मंडल मुलताई हरीश बघेल ने कहा कि आपसे मुझे जानकारी मिली है, वनकर्मियों को भेज कर तस्दीक करा लेता हूं, साथ ही ग्रामीणों को भी अलर्ट रहने की अपील जारी करता हूं.

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