बैतूल। मुलताई ब्लॉक का प्रभातपट्टन क्षेत्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का गढ़ रहा है, जिसमें वर्तमान में तिवरखेड़ में 98 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौजूद हैं, जिन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया और जेल भी गए. रविवार को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ और क्रांति दिवस के अवसर पर कलेक्टर के निर्देशानुसार एसडीएम सीएल चनाप ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लक्ष्मण उर्फ बद्री पिता गोविन्द बढ़ई का सम्मान किया, इस दौरान भारत सरकार द्वारा भेजे गए अंगवस्त्रम और शाल उन्हें भेंट किए गए.
एसडीएम एसएल चनाप ने बताया कि तिवरखेड़ निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लक्ष्मण उर्फ बद्री ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था, वे देश को आजादी दिलाने के लिए जेल भी गए थे. उन्होंने बताया कि भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर रविवार कलेक्टर के निर्देशानुसार तिवरखेड़ पहुंचकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का सम्मान किया गया. गौरतलब है कि गांधी जी के भारत छोड़ो आंदोलन में मुलताई और प्रभातपट्टन के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया था, जिसमें से वर्तमान में तिवरखेड़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही जीवित हैं.
राष्ट्रीय पर्वों पर शासन द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का प्रतिवर्ष सम्मान किया जाता है. मुलताई और प्रभात पट्टन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की पावन भूमि रही है, जहां बड़ी संख्या में लोगों ने आजादी की लड़ाई में शामिल होकर देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
आज भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ पर वरिष्ठ केन्द्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को कलेक्टर महोदय बैतूल द्वारा सम्मानित करने के निर्देश प्राप्त होने पर ग्राम तिवरखेड़ तहसील प्रभातपट्टन जिला बैतूल के वरिष्ठ केन्द्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लक्ष्मण उर्फ बद्री पिता गोविंद बढ़ई को महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार द्वारा भेजे गए अंगवस्त्रम एवं शॉल से सम्मानित किया गया है.