बैतूल। समाज में गिरते नैतिक स्तर और बढ़ते अपराध को नियंत्रित करने के लिए प्रदीपन चाइल्ड लाइन टीम द्वारा डायरेक्टर रेखा गुजरे के मार्गदर्शन में महिला जन जागरूकता के तहत महिला जागरूकता से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी के तहत मंगलवार को चाइल्ड लाइन टीम ने संजीवनी हायर सेकंडरी स्कूल में जागरूकता अभियान चलाकर महिला एवं बालिका सुरक्षा के संबंध में छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारियां दी. अभियान में विद्यालय के प्राचार्य गजेंद्र पवार ने भी चाइल्डलाइन टीम को सहयोग प्रदान किया.
गुड और बेड टच की दी जानकारी
जागरूकता अभियान के माध्यम से चाइल्डलाइन टीम ने छात्राओं को गुड टच और बेड टच की जानकारी दी. महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के टिप्स बताए गए. टीम की वर्षा खातरकर, अल्का नागले, खलिता विश्वकर्मा ने छात्राओं को गुड टच और बेड टच करने के पीछे व्यक्ति की मंशा, भावना और उद्देश को अभिव्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यदि कोई गलत इरादे से शारीरिक स्पर्श करता है तो उसकी तत्काल परिजनों को जानकारी दें. रास्ते, मोहल्ले और सार्वजनिक स्थानों सहित विशिष्ट स्थानों पर किसी भी तरह की असुरक्षा या छेड़छाड़ की जाती है तो तत्काल परिजनों को जानकारी देकर पुलिस को शिकायत करें. स्कूल में अपनी शिकायत महिला शिक्षक को तत्काल करें. इसके अलावा महिला व बालिका के सुरक्षा संबंधी बने कानून और सजा के प्रावधान की जानकारी दी. साथ ही यह अपील की गई कि परिवार में बच्चों को आदर्श और सुरक्षा वाला माहौल दिया जाए ताकि बच्चे अनैतिक आचरण से दूर रहे.
छात्रों द्वारा टीम की सदस्यों से सवाल किया गया कि 18 वर्ष से कम उम्र वाले अपराध करते हैं तो क्या सजा लड़कों को ही मिलती है लड़कियों को नहीं? तब टीम ने बच्चों को समझाया कि यदि 18 साल से कम उम्र वाला लड़का या लड़की किसी भी प्रकार का अपराध करते है तो सजा दोनों के लिए बराबर है, लेकिन किसी नाबालिग बालिका के साथ कोई दुष्कर्म करता हैं तो वह कानूनी अपराध है उसे उसकी सजा मिलेगी.
अजास संगठन महिला प्रकोष्ठ चंद्रप्रभा चौकीकर ने बच्चों को सुरक्षा के टिप्स बताए और भारत की प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न सम्मान दिया जाने के लिए शिक्षकों एवं बच्चों से पोस्टकार्ड लिखवाए गए. टीम ने शिक्षकों व बच्चों को संकल्प दिलाया कि किसी भी महिला, बच्चे, बालिका के साथ हिंसा नहीं करेंगे और यदि किसी महिला, बालिका के साथ हिंसा हो रही है तो उसका विरोध करेंगे और मदद करेंगे.