बैतुल। प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है, लेकिन यही प्रवासी मजदूर जब श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से बैतूल पहुंचे तो मजदूरों के स्वागत के लिए मजदूरों से ज्यादा प्रशासन की टीम नजर आई. चेन्नई से रीवा जा रही श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन में मध्यप्रदेश के बैतूल, खंडवा और छिंदवाड़ा जिले के मजदूर भी आये. इन मजदूरों को बैतूल रेलवे स्टेशन पर उतारने के लिए इन मजदूरों से ज्यादा प्रशासन की टीम के लोग मौजूद थे.
47 मजदूर पहुंचे बैतूल
ट्रेन में 81 मजदूर आने थे और उस हिसाब से प्रशासन ने रेलवे स्टेशन पर इंतजाम किए थे. प्लेटफार्म पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पॉइंट बनाए गए थे. जब ट्रेन पहुंची इसमें मात्र 47 मजदूर ही बैतूल रेलवे स्टेशन पर उतरे. इन मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से उतार कर पहले बैठाया गया और उसके बाद इनकी स्क्रीनिंग की गई और व्यक्तिगत ब्यौरा दर्ज किया गया. उसके बाद उन्हें खाना और पानी देकर बसों के माध्यम से उनके घरों के लिए रवाना कर दिया गया.
चेन्नई में काम करते थे मजदूर
यह सभी मजदूर चेन्नई में मजदूरी का काम करते थे और काम बंद हो जाने के कारण इनके सामने खाने-पीने की समस्या थी. उन्होंने सरकार से अपने घर भेजने की गुहार लगाई थी और उसी को लेकर श्रमिक एक्सप्रेस के माध्यम से मध्यप्रदेश के कई जिलों के मजदूर रवाना किए गए थे.
लॉकडाउन के बाद की पहली ट्रेन
लॉकडाउन के दौरान जब से ट्रेन बंद हुई है, तब से अधिकृत तौर पर यह पहली ट्रेन है. जिसका बैतूल रेलवे स्टेशन पर स्टॉपेज हुआ है. इसके पहले तकनीकी कारण से एक श्रमिक एक्सप्रेस रुकी थी. जिससे 19 मजदूर बैतूल रेलवे स्टेशन पर उतरे थे.