बैतूल। प्रदेश में भारी बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. सिवनपाट गांव में पुल नहीं होने से लोग अपनी जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर हैं. पहले से बना पुल जर्जर हो जाने से एक नए पुल का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार की लेटलतीफी के चलते पुल अभी तक नहीं बन पाया है.
पानी में डूबे जर्जर पुल को पार कर रहे ग्रामीण, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
सिवनपाट गांव में पहले से बना पुल जर्जर हो जाने से नए पुल का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही के चलते पुल का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया. जिससे बाढ़ की स्थिति में भी लोग अपनी जान जोखिम में डालकर पुराना पुल पार कर अपने गंतव्य तक जा रहे हैं.
ठेकेदार की लापरवाही से नहीं बना पुल
बैतूल। प्रदेश में भारी बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. सिवनपाट गांव में पुल नहीं होने से लोग अपनी जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर हैं. पहले से बना पुल जर्जर हो जाने से एक नए पुल का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार की लेटलतीफी के चलते पुल अभी तक नहीं बन पाया है.
Intro:बैतूल ।। जिले में पुल निर्माण ठेकेदार की लेटलतीफी और लापरवाही के चलते एक दर्जन से ज्यादा गाँव के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर बाढ़ भरे पुल से गुजरने को मजबूर होना पड़ रहा है। मामला बैतुल जिले के सारणी से चोपना पुनर्वास क्षेत्र की ओर जाने वाले मार्ग का है । जहा सिवनपाट गाव के पास से गुजरने वाली तवा नदी पर बने पुराने पुल के जरजर हो जाने के कारण एक नए पुल का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य मे लेट लतीफी की जा रही जिसके चलते बारिश और सतपुड़ा डेम पानी छोड़े जाने वजह से यहाँ बने पुराने पुल पर हमेशा बाढ़ जैसे हालात बन जाते है।Body:जब पुल पर थोड़ी बाढ़ कम होती है तो लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर पुल पार करने लग जाते है। यहां पर सबसे बड़ी लापरवाही ये है कि ऐसे हालात होने के बाद भी प्रशासन की ओर से इस स्थान पर सुरक्षा के कोई इंतजामात नजर नही आते है ।
Conclusion:अगर समय रहते यहां पर कोई पुख्ता इंतजाम नही किये गए तो भविष्य में बड़ी जन हानि या बड़ी दुर्घटना भी घट सकती है ।
Conclusion:अगर समय रहते यहां पर कोई पुख्ता इंतजाम नही किये गए तो भविष्य में बड़ी जन हानि या बड़ी दुर्घटना भी घट सकती है ।