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पीले मोजेक से बर्बाद हो रही सोयाबीन की फसल, किसानों ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

बैतूल जिले में आमला ब्लॉक के कई गांवों के किसानों की सोयाबीन की फसल पीले मोजेक की बीमारी के चलते खराब हो गई, जिसके नुकसान की भरपाई की मांग को लेकर किसानों ने आमला तहसील कार्यालय पहुंचकर सीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

Betul News
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Published : Aug 26, 2020, 7:25 PM IST

बैतूल। आमला ब्लॉक के एक दर्जन से अधिक गांव के किसानों ने तहसीलदार को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपते हुए बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग की है. सोयाबीन की फसल में पीले मौजेक की रोग लग रहा है. जिससे किसानों की फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है.

बता दें, किसानों के खरीफ के सीजन में मक्का और सोयाबीन की बुवाई की थी. इस साल अतिवृष्टि की वजह से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. किसानों ने कर्ज लेकर खाद- बीज की व्यवस्था कर सोयाबीन, मक्का, फल्ली की बुवाई की थी, इन फसलों पर फूल आने के दौरान पीला मोजेक सहित अन्य बीमारियों लग जाने से किसान परेशान नजर आ रहे हैं, अपनी फसलों को इल्लियों सहित अन्य रोगों की चपेट में देख भी किसान परेशान हैं.

किसानों का कहना है कि, फसल के बर्बाद हो जाने से वो और कर्जदार बन जाएंगे. किसानों ने कहा की, सोयाबीन की फसल को पीले मोजेक ने बर्बाद कर दिया है. 70 दिन की फसल में अब कुछ हाथ नहीं लगने वाला है. खेत की पत्तियां पूरी तरह सड़ चुकी हैं. फसल के सिर्फ डंठल बचे हैं. क्षेत्र में किसानों द्वारा बार- बार आमला तहसील कार्यालय में आवेदन देकर अधिकारियों को सचेत किया जा रहा है कि, किसानों की समस्या को दूर किया जाए और सरकार तक उनकी समस्या को पहुंचाया जाए.

आमला क्षेत्र के लगभग 20 गांवों के किसानों ने अपनी समस्या बार-बार अधिकारियों के सामने जाहिर की है. वहीं कोरोना महामारी के कारण वैसे ही किसानों की आर्थिक स्थिति खराब चल रही है. स्थानीय प्रशासन से मांग है कि, जल्द से जल्द सर्वे कराकर राहत बीमा राशि किसानों को प्रदान की जाए.

बैतूल। आमला ब्लॉक के एक दर्जन से अधिक गांव के किसानों ने तहसीलदार को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपते हुए बर्बाद हुई सोयाबीन की फसल का मुआवजा दिए जाने की मांग की है. सोयाबीन की फसल में पीले मौजेक की रोग लग रहा है. जिससे किसानों की फसल बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है.

बता दें, किसानों के खरीफ के सीजन में मक्का और सोयाबीन की बुवाई की थी. इस साल अतिवृष्टि की वजह से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. किसानों ने कर्ज लेकर खाद- बीज की व्यवस्था कर सोयाबीन, मक्का, फल्ली की बुवाई की थी, इन फसलों पर फूल आने के दौरान पीला मोजेक सहित अन्य बीमारियों लग जाने से किसान परेशान नजर आ रहे हैं, अपनी फसलों को इल्लियों सहित अन्य रोगों की चपेट में देख भी किसान परेशान हैं.

किसानों का कहना है कि, फसल के बर्बाद हो जाने से वो और कर्जदार बन जाएंगे. किसानों ने कहा की, सोयाबीन की फसल को पीले मोजेक ने बर्बाद कर दिया है. 70 दिन की फसल में अब कुछ हाथ नहीं लगने वाला है. खेत की पत्तियां पूरी तरह सड़ चुकी हैं. फसल के सिर्फ डंठल बचे हैं. क्षेत्र में किसानों द्वारा बार- बार आमला तहसील कार्यालय में आवेदन देकर अधिकारियों को सचेत किया जा रहा है कि, किसानों की समस्या को दूर किया जाए और सरकार तक उनकी समस्या को पहुंचाया जाए.

आमला क्षेत्र के लगभग 20 गांवों के किसानों ने अपनी समस्या बार-बार अधिकारियों के सामने जाहिर की है. वहीं कोरोना महामारी के कारण वैसे ही किसानों की आर्थिक स्थिति खराब चल रही है. स्थानीय प्रशासन से मांग है कि, जल्द से जल्द सर्वे कराकर राहत बीमा राशि किसानों को प्रदान की जाए.

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