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250 मेगावाट पर ताप विद्युत गृह सारनी का सिमटा उत्पादन, बंद हुईं 6 और 7 नंबर इकाई

सारनी पावर हाउस की 1330 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाली इकाई से गुरुवार को महज 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया, जो अपनी क्षमता से 1080 मेगावाट कम है. जहां रिजर्व सीडाउन की वजह से 6 और 7 नंबर की इकाइयां बंद हैं.

Sarni Power House
सारनी पावर हाउस
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Published : Aug 14, 2020, 12:06 PM IST

बैतूल। जिले के सारनी पावर हाउस की 1330 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाली इकाई से गुरुवार को महज 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है, जो अपनी क्षमता से 1080 मेगावाट कम बताया जा रहा है. दो सौ मेगावाट की छह नंबर और 210 मेगावाट की सात नंबर इकाई को रिजर्व सीडाउन की वजह से बंद किया गया है. हालांकि चार दिनों से दो सौ मेगावाट की छह नंबर इकाई ट्यूब लीकेज की वजह से बंद चल रही थी. वहीं 250 मेगावाट की 11 नंबर इकाई में तकनीकी खराबी के चलते 4 दिनों से बंद है. जिसे गुरुवार को ठीक कर लिया गया है.

Sarni Power House
सारनी पावर हाउस

देर रात से लेकर शुक्रवार सुबह तक 250 मेगावाट की 11 नंबर इकाई को लाइटअप किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इस तरह दस नंबर 250 मेगावाट की इकाई से ही 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है. कई बार सारनी में 1330 मेगावाट के ताप विद्युत गृह से 250 और उससे भी कम बिजली का उत्पादन किया गया है.

बिजली की खपत में आई भारी गिरावट

सारनी के ताप विद्युत गृह की तरह ही खंडवा, अमरकंटक, बिरसिंहपुर में भी स्थिति निर्मित हो चुकी है. जिसे देखते हुए इकाइयों को रिजर्व सीडाउन पर चलाया जा रहा है. ताप विद्युत गृह सारनी के अधिकारियों की मानें तो खंडवा में 660-660 मेगावाट की इकाई चल रही है. जबकि अमरकंटक में 210 मेगावाट की एक इकाई को वार्षिक सुधार कार्य के लिए बंद कर दिया गया है. बिरसिंहपुर में 210 -210 मेगावाट की दो इकाइयां और 500 मेगावाट की एक इकाई से बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है. संपूर्ण प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से बिजली की डिमांड 7500 मेगावाट पर आ जाने के कारण इकाइयों को रिजर्व सीडाउन की वजह से बंद किया जा रहा है.

1.80 लाख मीट्रिक टन कोयले का स्टॉक

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी सारनी में वर्तमान समय में एक लाख 80 हजार मैट्रिक टन कोयले का स्टॉक बना हुआ है, वहीं रेलवे और सड़क मार्ग से लगातार कोयला सारनी पहुंचाया जा रहा है. मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों की मानें तो अब बिजली की डिमांड बढ़ने के बाद ही सारनी की इकाइयां शुरू हो पाएंगी. उसके पहले इकाइयों के शुरू होने की संभावना कम दिखाई दे रही हैं.

तकनीकी खराबी के कारण कुछ इकाइयां बंद

मध्यप्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी सारनी के प्रवक्ता अमित बंसोड़ ने बताया कि सारनी की दो इकाइयों को रिजर्व सीडाउन किया गया है, जबकि तकनीकी खराबी की वजह से 250 मेगावाट की 11 नंबर इकाइयां पहले से ही बंद चल रही हैं. देर रात तक इस इकाई को शुरू किए जाने की संभावना है. वर्तमान समय में 250 मेगावाट की 10 नंबर की इकाई से बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है. साथ ही कोयले का स्टॉक एक लाख 80 मीट्रिक टन बना हुआ है.

बैतूल। जिले के सारनी पावर हाउस की 1330 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाली इकाई से गुरुवार को महज 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है, जो अपनी क्षमता से 1080 मेगावाट कम बताया जा रहा है. दो सौ मेगावाट की छह नंबर और 210 मेगावाट की सात नंबर इकाई को रिजर्व सीडाउन की वजह से बंद किया गया है. हालांकि चार दिनों से दो सौ मेगावाट की छह नंबर इकाई ट्यूब लीकेज की वजह से बंद चल रही थी. वहीं 250 मेगावाट की 11 नंबर इकाई में तकनीकी खराबी के चलते 4 दिनों से बंद है. जिसे गुरुवार को ठीक कर लिया गया है.

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देर रात से लेकर शुक्रवार सुबह तक 250 मेगावाट की 11 नंबर इकाई को लाइटअप किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इस तरह दस नंबर 250 मेगावाट की इकाई से ही 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है. कई बार सारनी में 1330 मेगावाट के ताप विद्युत गृह से 250 और उससे भी कम बिजली का उत्पादन किया गया है.

बिजली की खपत में आई भारी गिरावट

सारनी के ताप विद्युत गृह की तरह ही खंडवा, अमरकंटक, बिरसिंहपुर में भी स्थिति निर्मित हो चुकी है. जिसे देखते हुए इकाइयों को रिजर्व सीडाउन पर चलाया जा रहा है. ताप विद्युत गृह सारनी के अधिकारियों की मानें तो खंडवा में 660-660 मेगावाट की इकाई चल रही है. जबकि अमरकंटक में 210 मेगावाट की एक इकाई को वार्षिक सुधार कार्य के लिए बंद कर दिया गया है. बिरसिंहपुर में 210 -210 मेगावाट की दो इकाइयां और 500 मेगावाट की एक इकाई से बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है. संपूर्ण प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से बिजली की डिमांड 7500 मेगावाट पर आ जाने के कारण इकाइयों को रिजर्व सीडाउन की वजह से बंद किया जा रहा है.

1.80 लाख मीट्रिक टन कोयले का स्टॉक

मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी सारनी में वर्तमान समय में एक लाख 80 हजार मैट्रिक टन कोयले का स्टॉक बना हुआ है, वहीं रेलवे और सड़क मार्ग से लगातार कोयला सारनी पहुंचाया जा रहा है. मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों की मानें तो अब बिजली की डिमांड बढ़ने के बाद ही सारनी की इकाइयां शुरू हो पाएंगी. उसके पहले इकाइयों के शुरू होने की संभावना कम दिखाई दे रही हैं.

तकनीकी खराबी के कारण कुछ इकाइयां बंद

मध्यप्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी सारनी के प्रवक्ता अमित बंसोड़ ने बताया कि सारनी की दो इकाइयों को रिजर्व सीडाउन किया गया है, जबकि तकनीकी खराबी की वजह से 250 मेगावाट की 11 नंबर इकाइयां पहले से ही बंद चल रही हैं. देर रात तक इस इकाई को शुरू किए जाने की संभावना है. वर्तमान समय में 250 मेगावाट की 10 नंबर की इकाई से बिजली का उत्पादन लिया जा रहा है. साथ ही कोयले का स्टॉक एक लाख 80 मीट्रिक टन बना हुआ है.

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