आमला (बैतूल)। निशा बांगरे ने अपना इस्तीफा स्वीकार करने का सरकार पर दबाव बनाने के लिए आमला से भोपाल तक पदयात्रा भी की थी. इस्तीफे की फाइल मंत्रालय में तेजी से दौड़ रही है. छतरपुर जिले में तैनात डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे की फाइल भोपाल के सरकारी दफ्तरों में लंबे समय से अटकी पड़ी थी. निशा बांगरे ने अपने इस्तीफे के मामले में पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जबलपुर हाईकोर्ट ने तुरंत सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश दिया कि 23 अक्टूबर तक इस मामले में अंतिम फैसला लें. Nisha Bangre Resignation
निशा की फाइल सीएम दफ्तर में : डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार होगा कि नहीं बीते कई दिनों से यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है. शासन को निशा के इस्तीफे पर आज सोमवार शाम तक फैसला लेना है. सूत्रों के मुताबिक पहले निशा का मामला सामान्य प्रशासन विभाग की कार्मिक शाखा में पदस्थ उप सचिव जितेंद्र सिंह चौहान देख रहे थे लेकिन अब उनके स्थान पर ये फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ उप सचिव सुधीर कोचर और एक अन्य उप सचिव बृजेश सक्सेना को सौंप दी गई है. निशा की विभागीय जांच और इस्तीफे के मामले को अब ये दोनों वरिष्ठ अधिकारी देखेंगे. बता दें कि निशा के इस्तीफे के इंतजार में कांग्रेस भी है. कांग्रेस ने आमला सीट को होल्ड किया हुआ है. Nisha Bangre Resignation
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ये है पूरा मामला : निशा बांगरे ने डिप्टी कलेक्टर की नौकरी छोड़कर आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी की है. उन्होंने करीब तीन महीने पहले अपना इस्तीफा भी दे दिया लेकिन राज्य सरकार ने इसे अब तक स्वीकार नहीं किया है. ऐसे में निशा ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. उच्चतम न्यायालय ने हाईकोर्ट को ये आदेश दिए थे कि इस मामले में जल्द निर्णय लिया जाए. इसी आधार पर हाईकोर्ट ने शासन को 23 अक्तूबर तक निर्णय लेने का आदेश दिया है. निशा ने पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन वहां देरी होने के बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं. Nisha Bangre Resignation