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400 सालों से यहां लगता है 'भूतों' का मेला, जानें खासियत

यदि आप को भूतों को देखना है तो आप मलाजपुर गांव में एक बार होकर आईय. जहां भूत अठखेली करते हुए नजर आ जाएंगे.

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Published : Jan 29, 2021, 4:21 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 7:31 PM IST

400 years fair is being organized in Malajpur village of Ghodongri
भूतों का जमावड़ा

बैतूल। घोड़ाडोंगरी के मलाजपुर गांव में हर साल की तरह इस साल भी हजारों लोग भूतों के मेले में शामिल होने पहुंचे हैं. इस मेले रुपी आयोजन के बारे में कहा जाता है कि यहां संत गुरु साहब बाबा की समाधि स्थल पर कथित तौर पर भूत प्रेतों से पीड़ित लोगों का झाड़ फूंक के जरिये इलाज हो जाता है और लोग भूतों से निजात पा लेते हैं. इस मेले में महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों को ठीक करने के लिये झाडू से पीटा जाता है. हर साल आस्था और अंधविश्वास की बहस के बीच ये भूतों का मेला जारी है. इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए यहां खास बंदोबस्त किए गए हैं.

भूतों को झाडू से पीटा जाता है

मलाजपुर गांव का गुरुसाहब बाबा का दरबार जहां महिलाओं को डायन, चुड़ैल, पिशाचिनी और पुरुषों को दैय्यत, जिन्नाद और ना जाने कितने ही शब्दों से पुकारा जाता है. बात यहीं खत्म नहीं होती, यहां लोगों के शरीर में कथित तौर पर मौजूद भूत-प्रेतों को निकालने के लिये पीड़ितों को बाल पकड़कर घसीटने से लेकर झाडू से पिटाई तक की जाती है. अगर आप भी जिंदा भूत प्रेत देखना चाहते हैं, तो बैतूल में कई रास्तों के जरिये आसानी से मलाजपुर गांव पहुंचा जा सकता है.

400 सालों से यहां लगता है 'भूतों' का मेला

गुरु साहब बाबा की है समाधी

लोगों के मुताबिक इस दरबार का इतिहास 400 साल पुराना है और यहां संत गुरु साहब की समाधी है. जहां सदियों से भूत प्रेत उतारने का काम होते आ रहा है. वहीं गुरुसाहब बाबा के बारे में ये बताया जाता है कि वो राजस्थान से आए थे और फिर बैतूल के मलाजपुर में ही बस गए थे. यहां गुरु साहब बाबा ने अपनी चमत्कारी शक्तियों से भूत प्रेत से पीड़ित लोगों का इलाज शुरु किया. गुरु साहब के समाधी लेने के बाद भी यहां कथित भूत प्रेतों से पीड़ित लोगों का आना जारी है. यहां के प्रबन्धन का कहना है कि भूत कई तरह के होते हैं लेकिन इन्हें निकालने के लिये गुरु साहब बाबा की एक झाडू काफी है.

400 years fair is being organized in Malajpur village of Ghodongri
भूतों का मेला

दूर-दूर से आते हैं लोग

अब तक ये माना जाता था कि अशिक्षित और अन्धविश्वासी लोग ही भूत प्रेतों को लेकर अतिवादी होते हैं लेकिन भूतों के इस मेले में डॉक्टर, इंजीनियर लोग भी आते हैं. इनकी माने तो लोग कई बार होने वाली बहस के बावजूद यहां लोगों की गहरी आस्था है इसलिए ये मेला जारी है. बताया जाता है कि गुरु साहब बाबा के दरबार में जो गुड़ का प्रसाद चढ़ाया जाता है. उसमें आश्चर्यजनक रूप से कभी भी चीटियां नहीं लगती और ना ही मक्खियां बैठती हैं. वहीं देश विदेश से यहां आने वाले लोग अपने इर्द गिर्द भूतों का जमावड़ा देखकर हैरान रह जाते हैं.

400 years fair is being organized in Malajpur village of Ghodongri
भूतों का मेला

400 सालों से जारी है 'भूत मेला'

कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार प्रशासन ने यहां खास बंदोबस्त किए हैं. मेला क्षेत्र में मास्क और सेनेटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है. 400 बरसों से गुरु साहब बाबा की समाधि पर भूतों का मेला जारी है. विज्ञान के तर्कों के बीच यहां आस्था भारी पड़ती रही है और शायद कुछ तो है जो यहां कथित भूतों को पल भर में भला चंगा कर देता है. भूत असल में होते हैं या नहीं ये बहस का मुद्दा है लेकिन मलाजपुर दरबार मे ये दौड़ते भागते दिखाई देते हैं.

नोट- ईटीवी भारत इस प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है. यह खबर स्थानीय लोगों की बातों को सुनकर बनाई गई है.

बैतूल। घोड़ाडोंगरी के मलाजपुर गांव में हर साल की तरह इस साल भी हजारों लोग भूतों के मेले में शामिल होने पहुंचे हैं. इस मेले रुपी आयोजन के बारे में कहा जाता है कि यहां संत गुरु साहब बाबा की समाधि स्थल पर कथित तौर पर भूत प्रेतों से पीड़ित लोगों का झाड़ फूंक के जरिये इलाज हो जाता है और लोग भूतों से निजात पा लेते हैं. इस मेले में महिलाओं बच्चों और बुजुर्गों को ठीक करने के लिये झाडू से पीटा जाता है. हर साल आस्था और अंधविश्वास की बहस के बीच ये भूतों का मेला जारी है. इस साल कोरोना संक्रमण को देखते हुए यहां खास बंदोबस्त किए गए हैं.

भूतों को झाडू से पीटा जाता है

मलाजपुर गांव का गुरुसाहब बाबा का दरबार जहां महिलाओं को डायन, चुड़ैल, पिशाचिनी और पुरुषों को दैय्यत, जिन्नाद और ना जाने कितने ही शब्दों से पुकारा जाता है. बात यहीं खत्म नहीं होती, यहां लोगों के शरीर में कथित तौर पर मौजूद भूत-प्रेतों को निकालने के लिये पीड़ितों को बाल पकड़कर घसीटने से लेकर झाडू से पिटाई तक की जाती है. अगर आप भी जिंदा भूत प्रेत देखना चाहते हैं, तो बैतूल में कई रास्तों के जरिये आसानी से मलाजपुर गांव पहुंचा जा सकता है.

400 सालों से यहां लगता है 'भूतों' का मेला

गुरु साहब बाबा की है समाधी

लोगों के मुताबिक इस दरबार का इतिहास 400 साल पुराना है और यहां संत गुरु साहब की समाधी है. जहां सदियों से भूत प्रेत उतारने का काम होते आ रहा है. वहीं गुरुसाहब बाबा के बारे में ये बताया जाता है कि वो राजस्थान से आए थे और फिर बैतूल के मलाजपुर में ही बस गए थे. यहां गुरु साहब बाबा ने अपनी चमत्कारी शक्तियों से भूत प्रेत से पीड़ित लोगों का इलाज शुरु किया. गुरु साहब के समाधी लेने के बाद भी यहां कथित भूत प्रेतों से पीड़ित लोगों का आना जारी है. यहां के प्रबन्धन का कहना है कि भूत कई तरह के होते हैं लेकिन इन्हें निकालने के लिये गुरु साहब बाबा की एक झाडू काफी है.

400 years fair is being organized in Malajpur village of Ghodongri
भूतों का मेला

दूर-दूर से आते हैं लोग

अब तक ये माना जाता था कि अशिक्षित और अन्धविश्वासी लोग ही भूत प्रेतों को लेकर अतिवादी होते हैं लेकिन भूतों के इस मेले में डॉक्टर, इंजीनियर लोग भी आते हैं. इनकी माने तो लोग कई बार होने वाली बहस के बावजूद यहां लोगों की गहरी आस्था है इसलिए ये मेला जारी है. बताया जाता है कि गुरु साहब बाबा के दरबार में जो गुड़ का प्रसाद चढ़ाया जाता है. उसमें आश्चर्यजनक रूप से कभी भी चीटियां नहीं लगती और ना ही मक्खियां बैठती हैं. वहीं देश विदेश से यहां आने वाले लोग अपने इर्द गिर्द भूतों का जमावड़ा देखकर हैरान रह जाते हैं.

400 years fair is being organized in Malajpur village of Ghodongri
भूतों का मेला

400 सालों से जारी है 'भूत मेला'

कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार प्रशासन ने यहां खास बंदोबस्त किए हैं. मेला क्षेत्र में मास्क और सेनेटाइजर का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया है. 400 बरसों से गुरु साहब बाबा की समाधि पर भूतों का मेला जारी है. विज्ञान के तर्कों के बीच यहां आस्था भारी पड़ती रही है और शायद कुछ तो है जो यहां कथित भूतों को पल भर में भला चंगा कर देता है. भूत असल में होते हैं या नहीं ये बहस का मुद्दा है लेकिन मलाजपुर दरबार मे ये दौड़ते भागते दिखाई देते हैं.

नोट- ईटीवी भारत इस प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है. यह खबर स्थानीय लोगों की बातों को सुनकर बनाई गई है.

Last Updated : Jan 29, 2021, 7:31 PM IST
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