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अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे डूब प्रभावितों से एसडीएम ने की आवागमन बहाल करने की अपील

खरगोन के खारक गांव में बांध के डूब प्रभावित लोगों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है, जिसके चलते वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं.

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अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे डूब प्रभावितों से एसडीएम ने की आवागमन बहाल करने की अपील
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Published : Dec 20, 2019, 8:33 PM IST

बड़वानी। पिछले तीन दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जागृत आदिवासी दलित संगठन के लोगों ने डेरा डाल रखा है. मुख्य दरवाजे के सामने बैठे संगठन के कार्यकर्ताओं से एसडीएम ने आवागमन की सुविधा को बहाल रखने का अनुरोध किया, जिस पर जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ताओं ने परिसर के अंदर बैठकर अपना अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया है.

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे डूब प्रभावितों से एसडीएम ने की आवागमन बहाल करने की अपील


बता दें कि खरगोन के खारक गांव में बांध के डूब प्रभावित लोगों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है साथ ही जिले में प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने जेल भेज दिया है, जिसको लेकर जागृत दलित आदिवासी संगठन प्रदर्शन कर रहा है. संगठन की साइना भाई ने बताया कि इसके अलावा पार्टी विकासखंड में नशे व अवैध गतिविधियों को लेकर प्रशासन के सुस्त रवैए के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं.


खारक बांध को लेकर सैकड़ों आदिवासी पिछले 3 दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि खरगोन में सरकार बांध से डूब प्रभावितों को शीघ्र मुआवजा दे. प्रदर्शन के दौरान जिन कार्यकर्ताओं को जेल भेजा है उन्हें रिहा कर दें तभी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन समाप्त किया जाएगा.

बड़वानी। पिछले तीन दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जागृत आदिवासी दलित संगठन के लोगों ने डेरा डाल रखा है. मुख्य दरवाजे के सामने बैठे संगठन के कार्यकर्ताओं से एसडीएम ने आवागमन की सुविधा को बहाल रखने का अनुरोध किया, जिस पर जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ताओं ने परिसर के अंदर बैठकर अपना अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया है.

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे डूब प्रभावितों से एसडीएम ने की आवागमन बहाल करने की अपील


बता दें कि खरगोन के खारक गांव में बांध के डूब प्रभावित लोगों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है साथ ही जिले में प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने जेल भेज दिया है, जिसको लेकर जागृत दलित आदिवासी संगठन प्रदर्शन कर रहा है. संगठन की साइना भाई ने बताया कि इसके अलावा पार्टी विकासखंड में नशे व अवैध गतिविधियों को लेकर प्रशासन के सुस्त रवैए के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं.


खारक बांध को लेकर सैकड़ों आदिवासी पिछले 3 दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि खरगोन में सरकार बांध से डूब प्रभावितों को शीघ्र मुआवजा दे. प्रदर्शन के दौरान जिन कार्यकर्ताओं को जेल भेजा है उन्हें रिहा कर दें तभी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन समाप्त किया जाएगा.

Intro:बड़वानी। पिछले 3 दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जागृत आदिवासी दलित संगठन की महिला पुरुषों ने डेरा डाल रखा है । मुख्य दरवाजे के सामने बैठे संगठन के कार्यकर्ताओं से एसडीएम ने आवागमन की सुविधा को बहाल रखने का अनुरोध कर परिसर के अंदर मिटने की समझाइश दी जिस पर जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ताओं ने परिसर के अंदर बैठकर अपना अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया है।


Body:बता दे कि खरगोन जिले के खारक गांव में बांध के डूब प्रभावित लोगों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है ,साथ ही जिले में प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने जेल भेज दिया है। जिसको लेकर जागृत दलित आदिवासी संगठन प्रदर्शन कर रहा है संगठन की साइना भाई ने बताया कि इसके अलावा पार्टी विकासखंड में नशे व अवैध गतिविधियों को लेकर प्रशासन के सुस्त रवैए के खिलाफ भी प्रदर्शन कर रहे हैं।
बाइट01-सायना बाई-संगठन कार्यकर्ता


Conclusion:खरगोन जिले के खारक बांध को लेकर सैकड़ों आदिवासी पिछले 3 दिनों से कलेक्ट्रेट परिसर के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं । संगठन के कार्यकर्ताओं का कहना है कि खरगोन में सरकार बांध से डूब प्रभावितों को शीघ्र मुआवजा दें साथ ही प्रदर्शन के दौरान जिन कार्यकर्ताओं को जेल भेजा है उन्हें रिहा कर दें तभी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन समाप्त किया जाएगा।
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