बड़वानी। बड़वानी में सरदार सरोवर बांध से प्रभावित राजघाट के दो डूब प्रभावितों की मौत के बाद नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अफसरों ने विभाग के रेस्ट हाउस में शिविर लगाकर लोगों की समस्याएं सुनीं. बता दें कि इससे पहले डूब प्रभावितों ने कई बार ऐसे शिविरों की मांग की थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी 2 मौतों के बाद जागे और लोगों की समस्याएं सुनीं. इस शिविर में भू-अर्जन अधिकारी और तहसीलदार के अलावा नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर भी मौजूद थीं.
मेधा पाटकर ने कहा कि राजघाट में गांव और घर डूब रहे हैं, इसके लिए सरकार को प्रदेश की ओर से बात रखकर बांध में पानी बढ़ने से रोकना चाहिए. साथ ही मेधा पाटकर ने आरोप लगाया कि अगर सर्वदलीय सहमति नहीं बनी, तो नर्मदा घाटी के हालात उत्तराखंड जैसे होंगे, इसके लिए प्रदेश के सभी नेता जिम्मेदार होंगे.
मेधा पाटकर ने कहा कि ऐसे कई डूब प्रभावित सामने आए हैं, जिन्हें अभी भी मुआवजा मिलना बाकी है. वहीं कई ऐसे केवट परिवार हैं, जिनका 60 लाख रुपए का मुआवजा सरकार को देना बाकी है. मेधा पाटकर ने यह भी कहा कि कुछ लोगों को गुजरात में खराब जमीन दी गई, उनके हक की बात भी चल रही है.