बुरहानपुर: जिले में वन विभाग ने विद्यार्थियों को अनुभूति कैम्प का दौरा करवाया. यह दौरा "मैं भी बाघ, हम बदलाव" की थीम पर किया गया. कैम्प में लेकर जाने का मकसद विद्यार्थियों को वन और वन्य प्राणियों के जीवन से रू-ब-रू कराना था. अनुभूति कैम्प जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी. की दूरी पर लगाया गया था. इस कैम्प की सबसे खास बात ये थी कि यहां पर उपयोग की जाने वाली हर चीज ईको फ्रेंडली थी. वन सम्पदा से ही रोजाना के इस्तेमाल की वस्तुओं का निर्माण किया गया था.
औषधीय जड़ीबूटियों और विभिन्न चीजों से कराए अवगत
जानकारी के अनुसार वन विभाग ने मध्य प्रदेश ईको पर्यटन बोर्ड के विशेष मदद से विद्यार्थियों को ले जाया गया. ठाठरे गांव के इन जंगलों में स्कूली विद्यार्थियों को अनुभूति कैम्प के तहत सैर कराई गई. इस कैम्प में स्कूली विद्यार्थियों को जंगल में पाई जाने वाली औषधीय जड़ीबूटियों, विभिन्न प्रजातियों के जानवरों समेत पेड़ पौधों की जानकारियों से अवगत कराया गया. वहां विद्यार्थियों को जंगल और जानवरों के संरक्षण के हर पहलू को समझाया गया है.
पॉलीथिन और पॉलीथिन से बने सामानों का नहीं हुआ प्रयोग
अनुभूति कैम्प के प्रभारी डीएफओ विद्या भूषण सिंह और अन्य अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में पॉलीथिन और पॉलीथिन से निर्मित उत्पादों का इस्तेमाल नहीं किया. विद्यार्थियों को केले पत्ते पर खाना खिलाया. यह इको फ्रेंडली स्थल बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र था, बच्चों को पेड़ों की रक्षा की शपथ दिलाई साथ ही उनसे अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने की अपील की गई.
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डीएफओ के प्रभारी विद्याभूषण सिंह ने कहा, " मध्य प्रदेश के वन विभाग के आदेशानुसार पूरे प्रदेश में अनुभूति कैम्प आयोजित किए जा रहे हैं. इसी के अंतर्गत वन मंडल बुरहानपुर के सभी 8 रेंज में भी कैम्प आयोजित हो रहे हैं. प्रत्येक रेंज में 2 अनुभूति कैम्प का आयोजन प्रस्तावित है, इसके अंतर्गत विद्यालयों के बच्चों को उस क्षेत्र में ले जाया जाता है जहां विभिन्न प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं."