बड़वानी। जिले में शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का पंजीयन न होना और घर पर डिलीवरी होना हम लोगों के लिए शर्मनाक है. आगे से ऐसा न हो, इसके लिए सभी मैदानी अमले को एक अवसर और दिया जा रहा है. आगामी त्रैमास समीक्षा के दौरान भी इस स्थिति में सुधार नही हुआ तो दोषी मैदानी अमले पर मजबूरन कठोर कार्रवाई करनी पड़ेगी. जिला कलेक्टर अमित तोमर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिलावद में आयोजित स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले की संयुक्त बैठक में उक्त निर्देश दिए.
बैठक के दौरान कलेक्टर ने सेक्टरवार मैदानी अमले की समीक्षा कर देखा कि किस सेक्टर में कितनी गर्भवती महिलाओं का पंजीयन होना था. उसमें से कितनी महिलाओं का पंजीयन हुआ. सेक्टर में होने वाली डिलीवरी में से कितनी संस्थागत हुई और कितनी डिलीवरी घर पर हुई. घर पर होने वाली डिलीवरी रोकने के लिये मैदानी अमले ने क्या प्रयास किया और यह प्रयास क्यों सफल नही हो पाया. आंगनवाड़ी केन्द्र में दर्ज अति कम वजन के बच्चों का वजन बढ़ाने हेतु क्या किया जा रहा है. बच्चो का कितना वजन बढ़ा. इन बच्चो को घर पर दिए जाने वाले थर्ड मिल वितरण हेतु क्या व्यवस्था की गई है.