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असली-नकली के फेर में अटका करोड़ों का मुआवजा, दो दावेदार आमने-सामने

दो पक्षों के बीच जमीन के आवेदन को लेकर विवाद हुआ था, जिसके फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी के मामले का खुलासा हुआ है.

जमीन के आवेदन को लेकर विवाद
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Published : Feb 3, 2019, 3:38 PM IST

बड़वानी। जिला मुख्यालय पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. सेनगाव में दो पक्षों के बीच जमीन के आवेदन को लेकर विवाद हो गया, जिसके बाद पीड़ित ने कोतवाली पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर वकील के माध्यम से एसपी को शिकायत की है.

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जमीन के आवेदन को लेकर विवाद
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दरअसल, सेनगाव में एक किसान को इंदिरा सागर परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण के चलते एक करोड़ 14 लाख 2 हजार 250 रुपए मुआवजा मिलना तय था. जिसकी सूचना इंदिरा सागर परियोजना (नहर) द्वारा दी गई थी. जिस पर पद्म जैन ने आपत्ति जताते हुए आवेदन प्रस्तुत किया कि जिस भूमि पर मुआवजा दिया गया है, वह किसान रामा सीरवी ने बेच दी है, इसलिए ये मुआवजा राशि उसे दी जाए.

किसान ने एनवीडीए में शिकायत दर्ज कराई कि उसके द्वारा जमीन बेची नहीं गई है. इंदिरा सागर परियोजना के अधिकारियों ने जांच में पाया कि भूमि रामा सीरवी की है और पद्म प्रकाशचंद्र ने जाली दस्तावेज पेश किए हैं. पद्म प्रकाश चंद्र ने 42 लाख रुपए में एक एकड़ जमीन का सौदा किया और 5 लाख रुपए नगद लिए हैं. साथ ही शेष राशि रजिस्ट्री के दौरान जाली दस्तावेज पेश किये हैं.

पीड़ित किसान पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर और थाने के चक्कर लगाने को मजबूर है. वहीं, कोतवाली प्रभारी का कहना है कि उन्हें शिकायत प्राप्त हुई है, लेकिन इंदिरा सागर परियोजना अंतर्गत भू-अर्जन अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी.

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बड़वानी। जिला मुख्यालय पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. सेनगाव में दो पक्षों के बीच जमीन के आवेदन को लेकर विवाद हो गया, जिसके बाद पीड़ित ने कोतवाली पुलिस के कार्रवाई नहीं करने पर वकील के माध्यम से एसपी को शिकायत की है.

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जमीन के आवेदन को लेकर विवाद
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दरअसल, सेनगाव में एक किसान को इंदिरा सागर परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण के चलते एक करोड़ 14 लाख 2 हजार 250 रुपए मुआवजा मिलना तय था. जिसकी सूचना इंदिरा सागर परियोजना (नहर) द्वारा दी गई थी. जिस पर पद्म जैन ने आपत्ति जताते हुए आवेदन प्रस्तुत किया कि जिस भूमि पर मुआवजा दिया गया है, वह किसान रामा सीरवी ने बेच दी है, इसलिए ये मुआवजा राशि उसे दी जाए.

किसान ने एनवीडीए में शिकायत दर्ज कराई कि उसके द्वारा जमीन बेची नहीं गई है. इंदिरा सागर परियोजना के अधिकारियों ने जांच में पाया कि भूमि रामा सीरवी की है और पद्म प्रकाशचंद्र ने जाली दस्तावेज पेश किए हैं. पद्म प्रकाश चंद्र ने 42 लाख रुपए में एक एकड़ जमीन का सौदा किया और 5 लाख रुपए नगद लिए हैं. साथ ही शेष राशि रजिस्ट्री के दौरान जाली दस्तावेज पेश किये हैं.

पीड़ित किसान पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर और थाने के चक्कर लगाने को मजबूर है. वहीं, कोतवाली प्रभारी का कहना है कि उन्हें शिकायत प्राप्त हुई है, लेकिन इंदिरा सागर परियोजना अंतर्गत भू-अर्जन अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी.

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Intro:बड़वानी। जिला मुख्यालय पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है, पीड़ित ने कोतवाली थाने पर आवेदन देने के बाद कोई कार्यवाही नही होने पर वकील के माध्यम से एसपी को शिकायत की है।


Body:दरअसल जिला मुख्यालय से लगे ग्राम सेंगाव में एक किसान को इंदिरा सागर परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण के चलते एक करोड़ चौदह लाख दो हजार दो सौ चौवन रुपए का अवार्ड पारित हुआ था जिसकी सूचनाइंदिरा सागर परियोजना (नहर) द्वारा दी गई थी किन्तु शहर के पदम् पिता प्रकाशचन्द्र जैन ने इस पर आपत्ति लेते हुए एक आवेदन प्रस्तुत किया कि उक्त भूमि जो किसान के नाम पर होकर मुआवजा दिया गया है वह उक्त किसान रामा नारायण सीरवी ने बेच दी है इसलिए यह मुआवजा राशि उसे दी जाए जिस पर किसान रामा ने एनव्हीडीए में शिकायत दर्ज कराई की उसने किसी को अपनी नही बेची है , इंदिरा सागर परियोजना के अधिकारियों ने जांच कर पाया कि उक्त भूमि का स्वामी रामा सिर्वी ही है इसी दौरान जांच में पाया गया कि पदम् पिता प्रकाशचंद्र जैन ने कूटरचित दस्तावेज पेश किए है जिस 100 रुपए के स्टाम्प पर रामा के फर्जी दस्तावेज पेश किए गए वह इंदौर के स्टाम्प वेंडर द्वारा लिया गया था एवं फर्जी रूप से भूमि का सौदा दर्शा कर इकरारनाम तैयार कर आपत्ति दर्ज कराई गई थी । इन्दिरा सागर परियोजना के अधिकारियों ने जांच में पाया कि पदम् जैन ने जो आपत्ति दर्ज की है जिसमे 42 लाख रुपए में उक्त 1 एकड़ जमीन का सौदा कर 5 लाख रुपए नगद लिए है तथा शेष राशि रजिस्ट्री के दौरान अदा करने के जो दस्तावेज उपलब्ध कराए है कूटरचित है। पीड़ित किसान इंदिरा सागर परियोजना के अधिकारियों की जांच रिपोर्ट लेकर न्याय की आस में दर दर भटक रहा है । पीड़ित किसान पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर और थाने के चक्कर लगाने को मजबूर है। हालांकि किसान रामा अपने वकील के माध्यम से कानूनी कार्यवाही करने की बात पर आमादा है वही कोतवाली प्रभारी का कहना है कि शिकायत प्राप्त हुई है किंतु इंदिरा सागर परियोजना अंतर्गत भू अर्जन अधिकारी द्वारा जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।


Conclusion:कूटरचित दस्तावेज पेश कर इंदिरा सागर परियोजना अंतर्गत किसान की डूब प्रभावित कृषि भूमि पर मालिकाना हक जताने वाले तथाकथित लोगो के खिलाफ जमीन के मूल मालिक को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है जबकि परियोजना के भूअर्जन अधिकारी जांच रिपोर्ट में जमीन मालिक के पक्ष में निर्णय देते हुए सम्बंधित के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज पेश करने की रिपोर्ट दे चुके है इसके बावजूद कोतवाली प्रभारी आरोपियों को बचाने के लिए जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की बात कर रहे है।
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