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दिवाली 2020: इस दिवाली 'पटाखे' फोड़े नहीं, खाकर मुंह मीठा करें !

बड़वानी में एक महिला उद्यमी ने चॉकलेट और मिठाई वाले पटाखे बनाए हैं. इन पटाखों को जलाकर नहीं बल्कि खाकर दिवाली मनाना है.

chocolate fire crackers
पटाखे खाकर मुंह मीठा करें
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Published : Nov 14, 2020, 8:22 AM IST

बड़वानी। दिवाली के मौके पर पटाखे का नाम सुनते ही जहन में तेज धमाके की आवाज, धुआं और आसमान में रंग-बिरंगी सतरंगी किरणें की छवि बन जाती है. लेकिन इस दिवाली ऐसे पटाखे बाजार में बिक रहे हैं, जिसे जलाने के लिए लिए नहीं बल्कि खाने के लिए तैयार किया गया है, जी हां, प्रदेश के बड़वानी जिले में पटाखों के रूप में टेस्टी चॉकलेट मिल रही है. यहां एक महिला ने कोरोना महामारी काल को ध्यान में रखते हुए और आत्मनिर्भरता की और एक कदम बढ़ाते हुए ये पहल की है. उन्होंने दिवली पर महंगे चॉकलेट और मिठाई गिफ्ट के बदले स्वदेशी चॉकलेट और मिठाई को पटाखों के रूप में बनाया है. इन होममेड पटोखों को बच्चों से लेकर बड़े तक खूब पसंद कर रहे हैं.

पटाखे खाकर मुंह मीठा करें

विचार आया तो कर दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की धारणा को आगे बढ़ाने का काम बड़वानी की महिला उद्यमी विनीता जैन ने किया है. उन्होंने बताया कि नवाचार की कोई सीमा नहीं है. कुछ नया करना है, यह सोचा तो मन में ये विचार आ गया. जिसे साकार भी कर दिया. विनिता जैन ने पर्यावरण को बचाए रखने और बच्चों को पटाखों से होने वाली आगजनी-हानि से बचाने के लिए खाद्य सामग्री में ये नवाचार किया है. उन्होंने गिफ्ट देने के लिए भी इन पटाखों की तरह दिखने वाली कई तरह की चॉकलेट बनाई है.

पटाखों में चॉकलेट और मिठाई की वैरायटी

विनीता ने बताया कि उन्होंने पहले तो बच्चों के लिए इस तरह का नवाचार किया था, लेकिन जब बच्चों के दोस्त उनके घर इस तरह की चॉकलेट लेकर पहुंचे, तो परिजन भी देखने आए. और सभी ने अपने रिश्तेदारों के लिए गिफ्ट के पैकेट की डिमांड करने लगे. उन्होंने बताया कि जब कोई पहली बार इन चॉकलेट और मिठाई को देखता है, तो पटाखा समझ कर मना कर देता, लेकिन जब उनके हाथों में इसे दिया जाता, तब वह इसकी और आकर्षित होकर खरीदे बिना नहीं रह पाता. पटाखों की तरह दिखने वाली चॉकलेट में सुतली बम, अनार, रॉकेट, चकरी, डबल बम जैसी कई वैरायटी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- पटाखों की तरह अलग-अलग चॉकलेट, इन्हें जलाना नहीं, बल्कि खाना है

आकर्षक है पैकेजिंग

ये चॉकलेट भी ऐसी है कि पहली बार देखो तो आतिशबाजी का मन करे, लेकिन हाथ उठाकर देखने पर पता चले कि अरे यह पटाखा नहीं चॉकलेट है. आकर्षक पैकिंग में जो भी एक बार देखे उसका मन ललचा जाए. होममेड बन रही पटाखों की तरह दिखने वाली चॉकलेट को लेकर हर वर्ग में आकर्षण देखने को मिल रहा है. वहीं विनीता जैन को रोजाना 70 से लेकर 100 पैकेट के ऑर्डर भी मिलने लगे हैं.

दिवाली पर विदेशी और महंगी चॉकलेट के मुकाबले स्वदेशी अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित उनके आत्मनिर्भर भारत के सपने और स्वदेशी वस्तुओं को आगे लाने के लिए विनीता जैन ने इस तरह का नवाचार किया है. कई विदेशी ब्रांडों की चॉकलेट की अपेक्षा पटाखा रूपी आकर्षक चॉकलेट के दाम 100 रुपए से 400 रुपए तक रखे गए हैं, जिसे आसानी से हर वर्ग के लोग खरीद सकते हैं. साथ ही त्योहार पर अपने परिचितों और रिश्तेदारों को गिफ्ट कर सकते हैं.

नहीं होगा प्रदूषण

हर साल पटाखों के कारण प्रदूषण बढ़ जाता है. लेकिन इस बार इन पटाखों पर्यावरण तो दूषित नहीं होगा, लेकिन पटाखों को खाकर मुंह का जायका जरूर बदल जाएगा.

बड़वानी। दिवाली के मौके पर पटाखे का नाम सुनते ही जहन में तेज धमाके की आवाज, धुआं और आसमान में रंग-बिरंगी सतरंगी किरणें की छवि बन जाती है. लेकिन इस दिवाली ऐसे पटाखे बाजार में बिक रहे हैं, जिसे जलाने के लिए लिए नहीं बल्कि खाने के लिए तैयार किया गया है, जी हां, प्रदेश के बड़वानी जिले में पटाखों के रूप में टेस्टी चॉकलेट मिल रही है. यहां एक महिला ने कोरोना महामारी काल को ध्यान में रखते हुए और आत्मनिर्भरता की और एक कदम बढ़ाते हुए ये पहल की है. उन्होंने दिवली पर महंगे चॉकलेट और मिठाई गिफ्ट के बदले स्वदेशी चॉकलेट और मिठाई को पटाखों के रूप में बनाया है. इन होममेड पटोखों को बच्चों से लेकर बड़े तक खूब पसंद कर रहे हैं.

पटाखे खाकर मुंह मीठा करें

विचार आया तो कर दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की धारणा को आगे बढ़ाने का काम बड़वानी की महिला उद्यमी विनीता जैन ने किया है. उन्होंने बताया कि नवाचार की कोई सीमा नहीं है. कुछ नया करना है, यह सोचा तो मन में ये विचार आ गया. जिसे साकार भी कर दिया. विनिता जैन ने पर्यावरण को बचाए रखने और बच्चों को पटाखों से होने वाली आगजनी-हानि से बचाने के लिए खाद्य सामग्री में ये नवाचार किया है. उन्होंने गिफ्ट देने के लिए भी इन पटाखों की तरह दिखने वाली कई तरह की चॉकलेट बनाई है.

पटाखों में चॉकलेट और मिठाई की वैरायटी

विनीता ने बताया कि उन्होंने पहले तो बच्चों के लिए इस तरह का नवाचार किया था, लेकिन जब बच्चों के दोस्त उनके घर इस तरह की चॉकलेट लेकर पहुंचे, तो परिजन भी देखने आए. और सभी ने अपने रिश्तेदारों के लिए गिफ्ट के पैकेट की डिमांड करने लगे. उन्होंने बताया कि जब कोई पहली बार इन चॉकलेट और मिठाई को देखता है, तो पटाखा समझ कर मना कर देता, लेकिन जब उनके हाथों में इसे दिया जाता, तब वह इसकी और आकर्षित होकर खरीदे बिना नहीं रह पाता. पटाखों की तरह दिखने वाली चॉकलेट में सुतली बम, अनार, रॉकेट, चकरी, डबल बम जैसी कई वैरायटी शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- पटाखों की तरह अलग-अलग चॉकलेट, इन्हें जलाना नहीं, बल्कि खाना है

आकर्षक है पैकेजिंग

ये चॉकलेट भी ऐसी है कि पहली बार देखो तो आतिशबाजी का मन करे, लेकिन हाथ उठाकर देखने पर पता चले कि अरे यह पटाखा नहीं चॉकलेट है. आकर्षक पैकिंग में जो भी एक बार देखे उसका मन ललचा जाए. होममेड बन रही पटाखों की तरह दिखने वाली चॉकलेट को लेकर हर वर्ग में आकर्षण देखने को मिल रहा है. वहीं विनीता जैन को रोजाना 70 से लेकर 100 पैकेट के ऑर्डर भी मिलने लगे हैं.

दिवाली पर विदेशी और महंगी चॉकलेट के मुकाबले स्वदेशी अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित उनके आत्मनिर्भर भारत के सपने और स्वदेशी वस्तुओं को आगे लाने के लिए विनीता जैन ने इस तरह का नवाचार किया है. कई विदेशी ब्रांडों की चॉकलेट की अपेक्षा पटाखा रूपी आकर्षक चॉकलेट के दाम 100 रुपए से 400 रुपए तक रखे गए हैं, जिसे आसानी से हर वर्ग के लोग खरीद सकते हैं. साथ ही त्योहार पर अपने परिचितों और रिश्तेदारों को गिफ्ट कर सकते हैं.

नहीं होगा प्रदूषण

हर साल पटाखों के कारण प्रदूषण बढ़ जाता है. लेकिन इस बार इन पटाखों पर्यावरण तो दूषित नहीं होगा, लेकिन पटाखों को खाकर मुंह का जायका जरूर बदल जाएगा.

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