जबलपुर : मध्यप्रदेश में वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस के तूफानी ट्रायल के साथ इसके जबलपुर पहुंचने की उम्मीदें की जा रही हैं. दरअसल, 180kmph की रफ्तार से वंदे भारत का ट्रायल कोटा में जिस रेलवे ट्रैक पर हुआ है वह पश्चिम मध्य रेलवे के अंतर्गत आता है और पश्चिम मध्य रेलवे का हेडक्वार्टर जबलपुर में ही है. वहीं क्षेत्रीय दृष्टिकोण से भी जबलपुर शहर खासा महत्व रखता है. ऐसे में स्लीपर वंदे भारत के यहां से स्पीड ट्रायल रन होने के कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं रेलवे ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
जबलपुर में होगा स्लीपर वंदे भारत का ट्रायल?
पश्चिम मध्य रेलवे के कई मंडलों के रेलवे ट्रैक भारत के कुछ सबसे अच्छे रेलवे ट्रैक्स में से एक हैं. वहीं इसके कोटा मंडल के रेलवे ट्रैक पर वंदे भारत 180 kmph की स्पीड से दौड़ाई गई है. रेलवे सूत्रों का कहना है कि वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस का ट्रायल रन कंप्लीट होने के बाद इसे आम जनता के लिए शुरू कर दिया जाएगा. इसी बीच जबलपुर से भी वंदे भारत स्लीपर चलाने के लिए मांग उठ रही है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या जबलपुर में होगा स्लीपर वंदे भारत का ट्रायल?
वंदे भारत स्लीपर जबलपुर से चलेगी ?
जबलपुर से वंदे भारत स्लीपर चलाए जाने और उसके स्पीड ट्रायल रन के सवाल पर पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने कहा, '' वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस कहां से चलेगी, इसका फैसला पश्चिम मध्य रेलवे नहीं करेगा. बल्कि इसका फैसला रेलवे बोर्ड करता है.''
180 की स्पीड से दौड़ाई, अब भार रखकर होगी टेस्टिंग
दरअसल, कोटा डिवीजन का मथुरा से नागदा के बीच का क्षेत्र भारत के सबसे बेहतरीन ट्रैक्स में से एक है. इस क्षेत्र का रेलवे ट्रैक 180 kmph तक की रफ्तार पर ट्रेन चलाने के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है. इस ट्रैक की क्वालिटी की वजह से आरडीएसओ (अनुसंधान, अभिकल्प और मानक संगठन) लखनऊ इस ट्रैक का इस्तेमाल ट्रेनों की टेस्टिंग के लिए करता है. वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस को भी यहां 180kmph की रफ्तार पर दौड़ाया गया. वहीं अब भार रखकर अलग-अलग टेस्टिंग की जा रही है.
स्लीपर वंदे भारत में क्या है खास?
स्लीपर वंदे भारत पुरानी वंदे भारत से काफी अलग है. इसका इंटीरियर और बाहरी लुक शुरुआती वंदे भारत ट्रेनों से काफी बेहतर है. सबसे खास बात ये है कि स्लीपर वंदे भारत में तेज रफ्तार को बरकरार रखते हुए स्लीपर कोच दिए गए हैं. इसमें थर्ड, सेकंड और फर्स्ट एसी के प्रीमियम इंटीरियर वाले कोच हैं, जिसमें बेहद आरामदायक सीट्स, लगेज स्पेस, चार्जिंग प्वाइंट, फूड टेबल, बॉटल होल्डर्स, आर्म रेस्ट, एसी चार्जिंग प्वाइंट, सीसीटीवी कैमरे, फायर अलार्म, टॉक बैक यूनिट, रीडिंग लैंप, गर्म पानी के शावर, फूड स्टेशन, वैक्यूम टॉयलेट जैसी तमाम अत्युधिनक सुविधाएं हैं. वहीं शानदार लुक्स वाल इस ट्रेन के कोच एयर सस्पेंशन और कवच सिस्टम से भी लैस हैं.
वंदे भारत स्लीपर का पहला ट्रायल कब हुआ?
वंदे भारत स्लीपर का पहला ट्रायल 20 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश के खजुराहो और उत्तर प्रदेश के महोबा स्टेशन के बीच किया गया था. यहां करीब चार दिन तक ट्रायल किए जाने के बाद नए साल में कोटा रेल डिविजन में भी इसका ट्रायल हुआ. 2 जनवरी से 4 जनवरी के बीच वंदे भारत ने यहां 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रायल पूरा किया. रेल मंत्री अशिवी वैष्णव ने ट्रेन की इस रफ्तार की पुष्टि करते हुए एक वीडियो भी शेयर किया है. देखें वीडियो
Vande Bharat (Sleeper) testing at 180 kmph pic.twitter.com/ruVaR3NNOt
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) January 2, 2025
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