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पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ का झपट्टा, डॉग्स की जान तो बची, गार्ड्स की नौकरी पर खतरा - PANNA TIGER RESERVE

पन्ना टाइगर रिजर्व में दो श्वान घुस गए. इससे प्रबंधन में हड़कंप है. जांच के आदश, जानिए-आखिर डॉग्स से इतना खतरा क्यों?

Panna Tiger Reserve
पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ का झपट्टा (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

पन्ना : पन्ना टाइगर रिजर्व में डॉग्स की एंट्री पर बैन है. डॉग्स की एंट्री रोकने के लिए रिजर्व के गार्ड लगातार निगरानी करते हैं. इसके बाद भी डॉग्स रिजर्व में प्रवेश कर जाते हैं. पिछले दिनों भी टाइगर रिजर्व के मंडला गेट से दो डॉग्स अंदर घुस गए. जैसे ही दोनों डॉग्स को एक टाइगर ने देखा तो उसने दहाड़ते हुए पीछा किया. इस दृश्य को रिजर्व में जिप्सी पर सफारी कर रहे सैलानियों ने अपने मोबाइल में कैद किया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

टाइगर रिजर्व में डॉग्स की एंट्री से प्रबंधन चिंतित

पन्ना नेशनल टाइगर रिजर्व में डॉग्स घूमने का वीडियो वायरल होते ही प्रबंधन के कान खड़े हुए. इसके बाद रिजर्व के क्षेत्र संचालक ने गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच मंडला के वन अधिकारी को सौंपी. पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचता तिर्की ने बताया "पिछले दिनों मंडला रेंज अंतर्गत पर्यटकों ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था. इसमें दो डॉग्स पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में घुसे हुए पाए गए. इन डॉग्स पर टाइगर ने हमला किया."

पन्ना टाइगर रिजर्व में डॉग्स घुसने के मामले की जांच के आदेश (ETV BHARAT)

डॉग्स बाइट से बाघों में फैल सकती है बीमारी

टाइगर के हमले से बचे दोनों डॉग्स को गार्डों ने रिजर्व से बाहर किया. इस मामले को क्षेत्र संचालक ने गंभीरता से लेते हुए जांच बैठाई है. अब इस मामले में दोषी कर्मचारियों पर कारवाई की तलवार लटक रही है. रिजर्व प्रबंधन का कहना है "डॉग्स के काटने से टाइगर को गंभीर बीमारी हो सकती है. यह बीमारी अन्य बाघों में भी फैल सकती है. टाइगर अगर कुत्तों को काट लेता है या कुत्ते टाइगर को काट लेते तो रिजर्व में बीमारियां फैलने का डर है."

बफर एरिया में डॉग्स का वैक्सीनेशन जोरों पर

गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र के गांवों में डॉग्स में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) बीमारी फैलने से रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. डॉग्स का वैक्सीनेशन जारी है. क्योंकि सीडीवी बहुत खतरनाक बीमारी है. ये संक्रामक बीमारी है जो रिजर्व के जानवरों में भी फैल सकती है. रिजर्व प्रबंधन के अनुसार अभी तक बफर क्षेत्र के 36 गांवों के डॉग्स का वैक्सीनेशन किया जा चुका है. ये अभियान अभी जारी है. टीका लगाने का काम नवंबर 2024 से शुरू किया गया, जो फरवरी 2025 तक चलेगा. इस बीमारी से रिजर्व के एक बाघ की मौत हो गई थी.

पन्ना : पन्ना टाइगर रिजर्व में डॉग्स की एंट्री पर बैन है. डॉग्स की एंट्री रोकने के लिए रिजर्व के गार्ड लगातार निगरानी करते हैं. इसके बाद भी डॉग्स रिजर्व में प्रवेश कर जाते हैं. पिछले दिनों भी टाइगर रिजर्व के मंडला गेट से दो डॉग्स अंदर घुस गए. जैसे ही दोनों डॉग्स को एक टाइगर ने देखा तो उसने दहाड़ते हुए पीछा किया. इस दृश्य को रिजर्व में जिप्सी पर सफारी कर रहे सैलानियों ने अपने मोबाइल में कैद किया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

टाइगर रिजर्व में डॉग्स की एंट्री से प्रबंधन चिंतित

पन्ना नेशनल टाइगर रिजर्व में डॉग्स घूमने का वीडियो वायरल होते ही प्रबंधन के कान खड़े हुए. इसके बाद रिजर्व के क्षेत्र संचालक ने गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच मंडला के वन अधिकारी को सौंपी. पन्ना टाइगर रिजर्व की क्षेत्र संचालक अंजना सुचता तिर्की ने बताया "पिछले दिनों मंडला रेंज अंतर्गत पर्यटकों ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया था. इसमें दो डॉग्स पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में घुसे हुए पाए गए. इन डॉग्स पर टाइगर ने हमला किया."

पन्ना टाइगर रिजर्व में डॉग्स घुसने के मामले की जांच के आदेश (ETV BHARAT)

डॉग्स बाइट से बाघों में फैल सकती है बीमारी

टाइगर के हमले से बचे दोनों डॉग्स को गार्डों ने रिजर्व से बाहर किया. इस मामले को क्षेत्र संचालक ने गंभीरता से लेते हुए जांच बैठाई है. अब इस मामले में दोषी कर्मचारियों पर कारवाई की तलवार लटक रही है. रिजर्व प्रबंधन का कहना है "डॉग्स के काटने से टाइगर को गंभीर बीमारी हो सकती है. यह बीमारी अन्य बाघों में भी फैल सकती है. टाइगर अगर कुत्तों को काट लेता है या कुत्ते टाइगर को काट लेते तो रिजर्व में बीमारियां फैलने का डर है."

बफर एरिया में डॉग्स का वैक्सीनेशन जोरों पर

गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र के गांवों में डॉग्स में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) बीमारी फैलने से रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. डॉग्स का वैक्सीनेशन जारी है. क्योंकि सीडीवी बहुत खतरनाक बीमारी है. ये संक्रामक बीमारी है जो रिजर्व के जानवरों में भी फैल सकती है. रिजर्व प्रबंधन के अनुसार अभी तक बफर क्षेत्र के 36 गांवों के डॉग्स का वैक्सीनेशन किया जा चुका है. ये अभियान अभी जारी है. टीका लगाने का काम नवंबर 2024 से शुरू किया गया, जो फरवरी 2025 तक चलेगा. इस बीमारी से रिजर्व के एक बाघ की मौत हो गई थी.

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