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अंबानी-अडानी के प्रोडक्ट्स की जली होली, मेधा पाटकर ने मंत्री उषा ठाकुर को दी डिबेट की चुनौती - Minister Usha Thakur

बड़वानी के झंडा चौक पर अंबानी-अंडानी के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार किया गया. इस दौरान प्रतिकात्मक रूप से जिओ सिम को भी जलाया गया. आंदोलन का नेतृत्व नर्मदा बचाओ आंदोलन की अध्यक्ष मेधा पाटकर ने किया.

Medha Patkar
मेधा पाटकर
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Published : Jan 1, 2021, 7:21 PM IST

बड़वानी। नर्मदा बचाओ आंदोलन की अध्यक्ष मेधा पाटकर की अगुवाई में शहर के झंडा चौक पर कॉर्पोरेट्स के विरोध में प्रदर्शन हुआ. जिसमें किसान संगठन, मजदूर ,मछुआ व आदिवासी भी शामिल हुए. प्रदर्शन के दौरान अंबानी-अंडानी के प्रोडक्ट का बहिष्कार किया गया. संगठनों ने प्रतिकात्मक रूप से जिओ सिम को भी जलाया. प्रदर्शन में नए कृषि कानूनों का भी विरोध किया गया.

अंबानी-अंडानी के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहीं मेधा पाटकर ने कहा की खेती आज घाटे का सौदा है. तीन नए कृषि कानून अडानी-अंबानी जैसे लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं. पीएम मोदी भी इनके भागीदार हैं. अंबानी-अडानी किसान-मजदूरों के खून-पसीने पर रोज करोड़ों कमा रहे हैं. जब इनका बहिष्कार होगा. आम जनता इनके विरोध में होगी, तभी वे किसानों की सुध लेंगे.

Boycott of jiao
जिओ का बहिष्कार

पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को खुली चुनौती

पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए मेधा पाटकर ने कहा है कि उन्हें क्षेत्र की जानकारी नहीं है. नर्मदा घाटी में वे कभी आईं नहीं है. गरीबों को किसकी वजह से मदद मिली, सब जानते हैं. फिर भी अगर वे डिबेट करना चाहतीं हैं तो बड़वानी के झंडा चौक पर आ जाएं. खुले मंच से बहस करें.

क्या कहा था कैबिनेट मंत्री ने ?

बता दें हाल ही में इंदल उत्सव के दौरान मेधा पाटकर द्वारा किसान आंदोलन को समर्थन करने पर कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने उन पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जिस क्षेत्र में विकास शुरू होते हैं वहां योजनाओं को रोकने के लिए मेधा पाटकर पहुंच जातीं हैं और आदिवासियों को बरगलाने का काम करती हैं.

ये भी पढे़ेंः मटली के इंदल महोत्सव में पहुंचे कैबिनेट मंत्री, उषा ठाकुर ने मेधा पाटकर पर साधा निशाना

बड़वानी। नर्मदा बचाओ आंदोलन की अध्यक्ष मेधा पाटकर की अगुवाई में शहर के झंडा चौक पर कॉर्पोरेट्स के विरोध में प्रदर्शन हुआ. जिसमें किसान संगठन, मजदूर ,मछुआ व आदिवासी भी शामिल हुए. प्रदर्शन के दौरान अंबानी-अंडानी के प्रोडक्ट का बहिष्कार किया गया. संगठनों ने प्रतिकात्मक रूप से जिओ सिम को भी जलाया. प्रदर्शन में नए कृषि कानूनों का भी विरोध किया गया.

अंबानी-अंडानी के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार

प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहीं मेधा पाटकर ने कहा की खेती आज घाटे का सौदा है. तीन नए कृषि कानून अडानी-अंबानी जैसे लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं. पीएम मोदी भी इनके भागीदार हैं. अंबानी-अडानी किसान-मजदूरों के खून-पसीने पर रोज करोड़ों कमा रहे हैं. जब इनका बहिष्कार होगा. आम जनता इनके विरोध में होगी, तभी वे किसानों की सुध लेंगे.

Boycott of jiao
जिओ का बहिष्कार

पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को खुली चुनौती

पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए मेधा पाटकर ने कहा है कि उन्हें क्षेत्र की जानकारी नहीं है. नर्मदा घाटी में वे कभी आईं नहीं है. गरीबों को किसकी वजह से मदद मिली, सब जानते हैं. फिर भी अगर वे डिबेट करना चाहतीं हैं तो बड़वानी के झंडा चौक पर आ जाएं. खुले मंच से बहस करें.

क्या कहा था कैबिनेट मंत्री ने ?

बता दें हाल ही में इंदल उत्सव के दौरान मेधा पाटकर द्वारा किसान आंदोलन को समर्थन करने पर कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर ने उन पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जिस क्षेत्र में विकास शुरू होते हैं वहां योजनाओं को रोकने के लिए मेधा पाटकर पहुंच जातीं हैं और आदिवासियों को बरगलाने का काम करती हैं.

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