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खबर का असर: POS मशीन में नेटवर्क नहीं मिलने का मामला, जांच करने पहुंची भोपाल की टीम

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Published : Oct 30, 2020, 3:23 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 3:45 PM IST

बड़वानी जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. जिसके चलते भोपाल की टीम ने जिले में पीडीएस की दुकानों पर पीओएस मशीन में नेटवर्क नहीं मिलने के मामले में दौरा किया और पीडीएस की 111 दुकानों पर जाकर जांच की.

Network Case in POS Machine
पीओएस मशीन में नेटवर्क मामला

बड़वानी। एक बार फिर बड़वानी जिले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है, जिसके चलते भोपाल की टीम ने जिले में पीडीएस की दुकानों पर पीओएस मशीन में नेटवर्क नहीं मिलने के मामले में दौरा कर जिला मुख्यालय के आसपास सहित सुदूर पहाड़ी क्षेत्र की कुल 111 पीडीएस दुकानों पर जाकर जांच की. जहां कनेक्टिविटी की समस्या मिली है, राशन दुकान संचालक या तो पहाड़ी या ऊंचे स्थान और पेड़ों पर चढ़कर नेटवर्क मिलाने के बाद उपभोक्ताओं को राशन वितरित कर रहे थे.

पीओएस मशीन में नेटवर्क मामला

खाद्य विभाग के प्रभारी व अपर कलेक्टर वीरसिंह चौहान ने बताया कि बड़वानी जिले में कुल 443 पीडीएस की दुकान हैं. जिसमें ऑफलाइन 111 दुकानें चिन्हित की गई हैं, जहां भोपाल से आए इंजीनियर व टीम ने फिलहाल 22 दुकानों की कनेक्टिविटी को जांचा व विभिन्न सिम कंपनियों की सिम टेस्ट की हैं, जबकि 89 दुकानों की जांच बाकी है.

प्रदेशभर में डिजिटल इंडिया के तहत राशन दुकान भी डिजिटल हो गई हैं. पीओएस मशीन से उपभोक्ताओं को राशन वितरित किया जा रहा है, लेकिन नेटवर्क की समस्या के कारण सैकड़ों गांवों में राशन उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिल रहा है. इस कारण भोपाल से इंजीनियर्स की टीम ने जिले के 111 स्थान चिन्हित किए हैं, जहां कनेक्टिविटी की समस्या के चलते ऑनलाइन राशन वितरण में दिक्कत हो रही है.


बायोमेट्रिक पद्धति से ऐसे होता है राशन वितरण

जिले में शासन द्वारा दी गई पीओएस मशीन के माध्यम से ऑनलाइन राशन वितरण के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन जरूरी होता है, इसके लिए पर्याप्त नेटवर्क जरूरी हैं, अन्यथा राशन का वितरण नहीं हो पाता है. वहीं इससे पहले ऑफलाइन राशन वितरण में केवल उपभोक्ताओं को समग्र आईडी के आधार पर राशन आसानी से मिल जाता था.

ये भी पढ़ें: 4G के दौर में भी पेड़ पर चढ़कर करते हैं नेटवर्क की तलाश, ग्रामीण राशन के लिए परेशान


प्रदेश में सरकार ने पीओएस मशीन से राशन वितरण शुरू किया है, जिसमें उपभोक्ता को बायोमेट्रिक पद्धतियों से राशन मिलता है. पीओएस मशीन में सिम के द्वारा ऑनलाइन होने पर उपभोक्ता को अंगूठा लगाने के बाद राशन की पर्ची उपलब्ध होती है, उसके बाद उन्हें राशन वितरित किया जाता है, लेकिन कनेक्टिविटी की समस्या के चलते दिनभर में महज पांच से सात लोगों को ही राशन वितरित हो पाता है. ग्रामीण घंटों इंतजार के बाद खाली हाथ लौट जाते हैं.

पेड़ पर चढ़कर निकालनी पड़ रही राशन पर्ची

सरकार चाहे डिजिटल इंडिया की खूब बात करे और 4G नेटवर्क के कारण मिनटों में आधुनिक मशीनों से काम करने की बात करें, लेकिन यह आधुनिक सुविधाएं आफत बनकर सामने आ रही हैं, जिसके चलते राशन उपभोक्ताओं को राशन के लाले पड़ते नजर आ रहे हैं. कनेक्टिविटी के चक्कर में एक और जिला मुख्यालय के पास राशन दुकान संचालक पेड़ पर चढ़कर उपभोक्ता से अंगूठा लगाकर राशन दे रहा है, तो सुदूर अंचलों में पहाड़ियों पर चढ़कर नेटवर्क मिलाना पड़ रहा है. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद प्रशासनिक हलचल तेज हुई और भोपाल से इंजीनियर व टीम ने क्षेत्र का दौरा कर समस्याओं को समझा.

बड़वानी। एक बार फिर बड़वानी जिले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है, जिसके चलते भोपाल की टीम ने जिले में पीडीएस की दुकानों पर पीओएस मशीन में नेटवर्क नहीं मिलने के मामले में दौरा कर जिला मुख्यालय के आसपास सहित सुदूर पहाड़ी क्षेत्र की कुल 111 पीडीएस दुकानों पर जाकर जांच की. जहां कनेक्टिविटी की समस्या मिली है, राशन दुकान संचालक या तो पहाड़ी या ऊंचे स्थान और पेड़ों पर चढ़कर नेटवर्क मिलाने के बाद उपभोक्ताओं को राशन वितरित कर रहे थे.

पीओएस मशीन में नेटवर्क मामला

खाद्य विभाग के प्रभारी व अपर कलेक्टर वीरसिंह चौहान ने बताया कि बड़वानी जिले में कुल 443 पीडीएस की दुकान हैं. जिसमें ऑफलाइन 111 दुकानें चिन्हित की गई हैं, जहां भोपाल से आए इंजीनियर व टीम ने फिलहाल 22 दुकानों की कनेक्टिविटी को जांचा व विभिन्न सिम कंपनियों की सिम टेस्ट की हैं, जबकि 89 दुकानों की जांच बाकी है.

प्रदेशभर में डिजिटल इंडिया के तहत राशन दुकान भी डिजिटल हो गई हैं. पीओएस मशीन से उपभोक्ताओं को राशन वितरित किया जा रहा है, लेकिन नेटवर्क की समस्या के कारण सैकड़ों गांवों में राशन उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिल रहा है. इस कारण भोपाल से इंजीनियर्स की टीम ने जिले के 111 स्थान चिन्हित किए हैं, जहां कनेक्टिविटी की समस्या के चलते ऑनलाइन राशन वितरण में दिक्कत हो रही है.


बायोमेट्रिक पद्धति से ऐसे होता है राशन वितरण

जिले में शासन द्वारा दी गई पीओएस मशीन के माध्यम से ऑनलाइन राशन वितरण के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन जरूरी होता है, इसके लिए पर्याप्त नेटवर्क जरूरी हैं, अन्यथा राशन का वितरण नहीं हो पाता है. वहीं इससे पहले ऑफलाइन राशन वितरण में केवल उपभोक्ताओं को समग्र आईडी के आधार पर राशन आसानी से मिल जाता था.

ये भी पढ़ें: 4G के दौर में भी पेड़ पर चढ़कर करते हैं नेटवर्क की तलाश, ग्रामीण राशन के लिए परेशान


प्रदेश में सरकार ने पीओएस मशीन से राशन वितरण शुरू किया है, जिसमें उपभोक्ता को बायोमेट्रिक पद्धतियों से राशन मिलता है. पीओएस मशीन में सिम के द्वारा ऑनलाइन होने पर उपभोक्ता को अंगूठा लगाने के बाद राशन की पर्ची उपलब्ध होती है, उसके बाद उन्हें राशन वितरित किया जाता है, लेकिन कनेक्टिविटी की समस्या के चलते दिनभर में महज पांच से सात लोगों को ही राशन वितरित हो पाता है. ग्रामीण घंटों इंतजार के बाद खाली हाथ लौट जाते हैं.

पेड़ पर चढ़कर निकालनी पड़ रही राशन पर्ची

सरकार चाहे डिजिटल इंडिया की खूब बात करे और 4G नेटवर्क के कारण मिनटों में आधुनिक मशीनों से काम करने की बात करें, लेकिन यह आधुनिक सुविधाएं आफत बनकर सामने आ रही हैं, जिसके चलते राशन उपभोक्ताओं को राशन के लाले पड़ते नजर आ रहे हैं. कनेक्टिविटी के चक्कर में एक और जिला मुख्यालय के पास राशन दुकान संचालक पेड़ पर चढ़कर उपभोक्ता से अंगूठा लगाकर राशन दे रहा है, तो सुदूर अंचलों में पहाड़ियों पर चढ़कर नेटवर्क मिलाना पड़ रहा है. इस मुद्दे को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद प्रशासनिक हलचल तेज हुई और भोपाल से इंजीनियर व टीम ने क्षेत्र का दौरा कर समस्याओं को समझा.

Last Updated : Oct 30, 2020, 3:45 PM IST
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