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पानी नहीं, शादी नहीं! जलसंकट ने बढ़ाई युवाओं की चिंता, वनग्रामों में नहीं हो पा रहा सैकड़ों युवाओं का विवाह

बड़वानी में भीषण गर्मी और गहराते जलसंकट के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नतीजतन गांव की 10 से ज्यादा बहुओं ने ससुराल छोड़ दिया है, तो वहीं पानी की किल्लत वजह से यहां के युवाओं के हाथ पीले नहीं हो पा रहे हैं. (Barwani water crisis) (youths are not getting married due to water crisis)

Barwani water crisis
बड़वानी जल संकट
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Published : Apr 28, 2022, 11:04 PM IST

बड़वानी। जिले के पाटी विकासखंड अंतर्गत की पंचायत हरला के वनग्राम लाईझापी में भीषण गर्मी में गहराते जलसंकट के चलते परिवार बसाने व संभाल कर रखने की जद्दोजहद भी ग्रामीणों के बीच दिखाई दे रही है, हालात यह है कि वर्तमान में लोग अपनी बेटियों की शादी यहां करने से कतराने लगे हैं. करीब 2 से 3 किमी का पहाड़ीनुमा सफर तय कर यहां के ग्रामीण पानी की जुगाड़ करते है, ऐसे में पूरा दिन गुजर जाता है और परिवार का एक व्यक्ति दिनभर हैंडपंप से पानी लाने के लिए ही लगा रहता है.(Barwani water crisis) (youths are not getting married due to water crisis)

Barwani water crisis
बड़वानी जल संकट

हैंडपंप के सहारे ग्रामीण: लाईझापी में ग्रामीणों की प्यास बुझाने का एकमात्र साधन हैंडपंप है, जिससे करीब 10 से 15 मिनट ही पानी मिल पाता है. भीषण जलसंकट के चलते यहां के ग्रामीण दिन भर पानी की जुगत में लगे रहते है. ग्रामीण पहाड़ियों पर पर निवासरत है जहां से वाहन भी आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं.

Barwani water crisis
बड़वानी जल संकट

खंडवा में पानी की मांग को लेकर अनोखा प्रदर्शन, महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में गाए भजन किया डांस, वीडियो वायरल

कई युवक कुंवारे तो कई बहुओं ने छोड़ा ससुराल: पाटी जनपद के दूरस्थ वनग्रामों के लोग भीषण जलसंकट से परेशान है, जिसके चलते यहां करीब 10 बहुओं ने परिवार छोड़ दिया है वहीं 150 से ज्यादा युवक कुंवारे बैठे है. तपती धूप और भीषण गर्मी के बीच महिलाओं के लिए गांव से करीब 2 से 3 किमी दूर जाकर हैंडपंप से पानी लाना और फिर पहाड़ीनुमा रास्ता तय करना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है और ऐसे हालात रोज के हैं.

Barwani water crisis
बड़वानी जल संकट

विकास के दावे खोखले, लोग पलायन को मजबूर: सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा आदिवासी अंचलों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन हरला पंचायत जैसी कई दूरस्थ पंचायतों में इनके दावे खोखले नजर आते हैं, गांव के लोग बताते हैं कि पानी की समस्या की शिकायत सभी जगह की है, लेकिन अब तक ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हुई है. रहवासी क्षेत्रों में मशीन नहीं पहुंच पाती है, जिससे यहां ट्यूबवेल खनन नहीं हो पाता. ज्यादातर लोग रोजगार के लिए गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पलायन कर गए हैं.

Barwani water crisis
बड़वानी जल संकट

छिंदवाड़ा जिला जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित, कलेक्टर ने जारी की गाइडलाइन

जलसंकट में परिवार को बांधे रखना बड़ी चुनौती: भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में पीने के पानी की जुगत में ग्रामीण महिलाएं गांव से करीब 3 किमी का सफरकर परिजनों के लिए पानी की व्यवस्था करती हैं. जलसंकट के बीच यहां परिवार को एक साथ बांधे रखना भी किसी चुनौती से कम नही है.

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बड़वानी जल संकट

बड़वानी। जिले के पाटी विकासखंड अंतर्गत की पंचायत हरला के वनग्राम लाईझापी में भीषण गर्मी में गहराते जलसंकट के चलते परिवार बसाने व संभाल कर रखने की जद्दोजहद भी ग्रामीणों के बीच दिखाई दे रही है, हालात यह है कि वर्तमान में लोग अपनी बेटियों की शादी यहां करने से कतराने लगे हैं. करीब 2 से 3 किमी का पहाड़ीनुमा सफर तय कर यहां के ग्रामीण पानी की जुगाड़ करते है, ऐसे में पूरा दिन गुजर जाता है और परिवार का एक व्यक्ति दिनभर हैंडपंप से पानी लाने के लिए ही लगा रहता है.(Barwani water crisis) (youths are not getting married due to water crisis)

Barwani water crisis
बड़वानी जल संकट

हैंडपंप के सहारे ग्रामीण: लाईझापी में ग्रामीणों की प्यास बुझाने का एकमात्र साधन हैंडपंप है, जिससे करीब 10 से 15 मिनट ही पानी मिल पाता है. भीषण जलसंकट के चलते यहां के ग्रामीण दिन भर पानी की जुगत में लगे रहते है. ग्रामीण पहाड़ियों पर पर निवासरत है जहां से वाहन भी आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं.

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खंडवा में पानी की मांग को लेकर अनोखा प्रदर्शन, महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में गाए भजन किया डांस, वीडियो वायरल

कई युवक कुंवारे तो कई बहुओं ने छोड़ा ससुराल: पाटी जनपद के दूरस्थ वनग्रामों के लोग भीषण जलसंकट से परेशान है, जिसके चलते यहां करीब 10 बहुओं ने परिवार छोड़ दिया है वहीं 150 से ज्यादा युवक कुंवारे बैठे है. तपती धूप और भीषण गर्मी के बीच महिलाओं के लिए गांव से करीब 2 से 3 किमी दूर जाकर हैंडपंप से पानी लाना और फिर पहाड़ीनुमा रास्ता तय करना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है और ऐसे हालात रोज के हैं.

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बड़वानी जल संकट

विकास के दावे खोखले, लोग पलायन को मजबूर: सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा आदिवासी अंचलों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन हरला पंचायत जैसी कई दूरस्थ पंचायतों में इनके दावे खोखले नजर आते हैं, गांव के लोग बताते हैं कि पानी की समस्या की शिकायत सभी जगह की है, लेकिन अब तक ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हुई है. रहवासी क्षेत्रों में मशीन नहीं पहुंच पाती है, जिससे यहां ट्यूबवेल खनन नहीं हो पाता. ज्यादातर लोग रोजगार के लिए गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पलायन कर गए हैं.

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