बालाघाट। बालाघाट जिले के दो युवाओं ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2021 में सफलता हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है. वारासिवनी तहसील के ग्राम झालीवाड़ा के मूल निवासी एवं सहायक संचालक उद्यान सीबी देशमुख के पुत्र राहुल देशमुख ने इस परीक्षा में 349 रैंक हासिल की है. इसी प्रकार खैरलांजी तहसील के ग्राम गजपुर के मूल निवासी वर्तमान में वारासिवनी निवासी एवं बैतूल जिले के सेवानिवृत्त संयुक्त कलेक्टर ज्ञानीराम पटले के पुत्र आदित्य पटले ने यूपीएससी की परीक्षा में 375 रैंक हासिल की है.
नौकरी छोड़ आईएएस का सपना किया साकार : बचपन से कुशाग्र बुद्धि के धनी राहुल देशमुख को आईएएस की परीक्षा पास करने में परिवार के माता पिता और भाई का सहयोग हमेशा मिला. इस कारण राहुल आज सफलता के शिखर पर हैं. उन्होंने बालाघाट केंद्रीय विद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद आईआईटी धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग में बीटेक किया. इसके बाद वह इंडियन आयल कारपोरेशन में जॉब करने लगे. वहां 2 साल तक नौकरी की, लेकिन वह स्वयं से संतुष्ट नहीं थे. क्योंकि कॉलेज से ही उनका सपना आईएएस बनने का था. इसके चलते उन्होंने जॉब को तिलांजलि देकर आईएएस की तैयारी प्रारंभ की.
लक्ष्य पर डटे रहे : उनका यह निर्णय काफी टफ था और वह मायूस भी थे, लेकिन परिवार के विश्वास के कारण वह अपने लक्ष्य को लेकर डटे रहे. एंथ्रोप्लाजी के वैकल्पिक विषय और इकोनॉमिक्स एवं पॉलिटिकल विषय पर 10 से 12 घंटे प्रतिदिन तैयारी की. इस दौरान उन्होंने पूर्व में गई परीक्षा से अनुभव लिया. यूपीएससी के लिए जरूरी एलिमेंट को पहचानते गए और तैयारी बेहतर करते गए, जिसका परिणाम है कि आज जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने.
साहस के कारण मिली सफलता : राहुल ने पांचवें प्रयास और तीसरे इंटरव्यू में ही आईएएस में जो रैंक हासिल की है, उससे आज पूरा परिवार गौरवान्वित है. राहुल देशमुख का यूपीएससी के माध्यम से आईएएस जैसी परीक्षा को क्रेक करने का सपना देख रहे युवाओं से कहना है कि स्वयं पर विश्वास और सही दिशा में मेहनत और स्वयं को पूर्ण समर्पित कर देने का जुनून ही आपको सफलता दिला सकता है. स्वयं में अनुशासन और आत्मविश्वास का होना जरूरी है.
पुणे की जॉब छोड़कर तैयारी की : यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण कर कीर्तिमान रचने वाले जिले के आदित्य पटेल के सफलता की राह राहुल देशमुख से मिलती-जुलती ही है. आदित्य पटेल के पिता ज्ञानीराम पटले वर्ष 2018 में संयुक्त कलेक्टर के पद से रिटायर हुए थे. वर्तमान में पटेल परिवार वारासिवनी के गंगोत्री कॉलोनी में निवासरत है. आदित्य के पिता धनीराम पटेल ने बताया कि बेटा शुरू से यूपीएससी क्लियर करना चाहता था. ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद वह पुणे में बजाज कंपनी में जॉब कर रहा था, लेकिन अचानक उसने वर्ष 2018 में नौकरी छोड़ दी और घर आ गया. मैंने उसके फैसले का सम्मान किया और यूपीएससी की तैयारी के लिए प्रेरित किया.
(Two youths of Balaghat crack UPSC exam) (Mantra of success hard work and faith in themselves)