बालाघाट। वन विभाग द्वारा आयोजित जिले भर के काष्टगारों में होने वाली नीलामी प्रकिया का परिवहन ठेकेदारों ने चौथी बार बहिष्कार किया है. दरअसल ठेकेदारों का कहना है कि वन विभाग द्वारा पिछला 7 करोड़ का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, जिसके चलते ठेकेदारों में वन विभाग के डीएफओ के खिलाफ काफी आक्रोश है. वहीं आक्रोशित परिवहन ठेकेदारों और डीएफओ के बीच परिवहन के भुगतान की मांग को लेकर जमकर कहासुनी भी हुई.
वन विभाग द्वारा लांजी काष्ठागार डिपो में काष्ठ, बांस की नीलामी का आयोजन किया था, लेकिन इसका परिवहन ठेकेदार और व्यापारियों ने बहिष्कार कर दिया. जिसके पीछे सबसे बड़ी वजह परिवहन ठेकेदारों और खरीदारों का लंबित भुगतान है. वन विभाग के द्वारा पहले का भुगतान नहीं कर नवीन नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसका परिवहन ठेकेदारों और खरीदारों ने पुरजोर विरोध किया.
इस बीच आक्रोशित परिवहन ठेकेदारों और डीएफओ में कहासुनी इतनी बढ़ गई कि पुलिस को दखल देना पड़ा. पुलिस ने व्यापारियों को काफी समझाने का प्रयास किया. एसडीओपी नितेश भार्गव, थाना प्रभारी संतोष पन्द्रे ने ठेकेदारों की बातें सुन शालीनता के साथ अपना पक्ष रखने की बात कही. ठेकेदारों का कहना था कि डीएफओ अंसारी का रवैया ठीक नहीं है और वे दुर्भावना रखते हैं.
परिवहन ठेकेदारों ने लगातार चौथी नीलामी का किया बहिष्कार
परिवहन ठेकेदारों ने लगातार चौथी नीलामी का बहिष्कार किया. इससे पहले गर्रा बांसागार, लामता बांसागार, टिंबर लामता और अब इमारती लकड़ियों की नीलामी का बहिष्कार किया गया. ठेकेदार एसोसिएशन के सचिव ने कहा कि सभी ठेकेदारों का लगभग 6 करोड़ रुपए बकाया है. डीएफओ से हमने इस विषय पर चर्चा की, तो उन्होंने बताया कि बजट नहीं आया है, बजट आने पर हम भुगतान कर देंगे. भुगतान जनवरी से लेकर अभी तक का बाकी है.
जल्द हो जाएगा भुगतान: डीएफओ एए अंसारी
मामले में डीएफओ एए अंसारी ने कहा कि दक्षिण उत्पादन वनमण्डल का 60 प्रतिशत भुगतान हो चुका है, 40 प्रतिशत लंबित है. वन विभाग का बजट सितंबर माह के अंत तक 45 प्रतिशत खर्च करना होता है, जिसकी सिलिंग समाप्त हो गई है. जिसके चलते बजट ट्रेजरी में जमा नहीं हो रहा है. यह सिलिंग 1 अक्टूबर से 70 प्रतिशत हो जाएगी. सभी ठेकेदारों, व्यापारियों को आश्वासन दिया गया है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में भुगतान कर दिया जाएगा.