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छात्रावास अधीक्षक खा गये आदिवासी बच्चों का राशन, जांच में हुआ खुलासा

बालाघाट के आदिवासी छात्रावास के अधीक्षक के ऊपर राशन बेचने के आरोप लगे हैं. तहसीलदार की जांच में राशन भी तय मात्रा से कम पाया गया है.

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Published : Aug 5, 2019, 3:44 PM IST

आदिवासी छात्रावास के अधीक्षक के ऊपर राशन बेचने के आरोप

बालाघाट। परसवाडा के बोदा गांव में संचालित आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास के अधीक्षक पर बच्चों के हिस्से का राशन बेचने का आरोप लगा है. ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार दीपक पटेल जांच करने पहुंचे, जहां मौके पर गेंहू और चावल की मात्रा तय मानक से कम पाई गई.

आदिवासी छात्रों के लिए संचालित छात्रावास के अधीक्षक महेंद्र कुमार कठाने के खिलाफ ग्रामीणों ने एसडीम से शिकायत की थी कि छात्रावास में 50 छात्रों की क्षमता है, लेकिन 15 छात्र ही उपस्थित रहते हैं. जिसका फायदा उठाकर अधीक्षक पूरे छात्रों की उपस्थिति दिखाकर सभी छात्रों के नाम से राशन प्राप्त कर उन्हें बेच देता है.

ग्रामीणों की शिकायत के बाद एसडीम के निर्देश पर जांच करने के लिए तहसीलदार दीपक पटेल मौके पर पंहुचे. जांच के दौरान 2 क्विंटल से अधिक गेंहू और 38 किलोग्राम चावल कम पाया गया, जिसके बाद तहसीलदार ने पंचनामा तैयार कर एसडीम को सौंप दिया और ग्रामीणों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. वहीं, छात्रावास अधीक्षक महेंद्र कुमार कठाने ने अपने ऊपर लगे आरोप से इनकार करते हुए कहा कि उसने गेहूं के बदले चावल वापस लेने के लिए दुकानदार को दिया है.

बालाघाट। परसवाडा के बोदा गांव में संचालित आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास के अधीक्षक पर बच्चों के हिस्से का राशन बेचने का आरोप लगा है. ग्रामीणों की शिकायत पर तहसीलदार दीपक पटेल जांच करने पहुंचे, जहां मौके पर गेंहू और चावल की मात्रा तय मानक से कम पाई गई.

आदिवासी छात्रों के लिए संचालित छात्रावास के अधीक्षक महेंद्र कुमार कठाने के खिलाफ ग्रामीणों ने एसडीम से शिकायत की थी कि छात्रावास में 50 छात्रों की क्षमता है, लेकिन 15 छात्र ही उपस्थित रहते हैं. जिसका फायदा उठाकर अधीक्षक पूरे छात्रों की उपस्थिति दिखाकर सभी छात्रों के नाम से राशन प्राप्त कर उन्हें बेच देता है.

ग्रामीणों की शिकायत के बाद एसडीम के निर्देश पर जांच करने के लिए तहसीलदार दीपक पटेल मौके पर पंहुचे. जांच के दौरान 2 क्विंटल से अधिक गेंहू और 38 किलोग्राम चावल कम पाया गया, जिसके बाद तहसीलदार ने पंचनामा तैयार कर एसडीम को सौंप दिया और ग्रामीणों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. वहीं, छात्रावास अधीक्षक महेंद्र कुमार कठाने ने अपने ऊपर लगे आरोप से इनकार करते हुए कहा कि उसने गेहूं के बदले चावल वापस लेने के लिए दुकानदार को दिया है.

Intro:बालाघाट।.बालाघाट के  परसवाडा के ग्राम बोदा मे संचालित आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास में रहने वाले बच्चों के राशन छात्रावास अधीक्षक द्वारा ही  बेचने का मामला सामने आया है। ग्रामिणो की शिकायत पर बैहर के तहसीलदार दीपक पटेल ने जांच की व मौके पर स्टाक मे ढाई कि्वटल गेहूं व 38 किग्रा चावल कम पाया गया है।                                                                      Body:जानकारी के मुताबिक ग्राम बोदा मे आदिवासी बालक छात्रावास के अधीक्षक महेंद्र कुमार कठाने द्वारा, रहवासी बच्चो के राशन मे हेर फेर कर , किराना दुकान मे बेचे जाने की शिकायत एस डी एम को ग्रामिणो द्वारा किया गया था... । एसडीएम ने शिकायत की जांच हेतु तहसीलदार को मौके पर भेजकर जांच करवाया गया....।तहसीलदार बैहर के द्वारा मौके पर कार्यवाही की गई ! जिसमे पाया की 2 कुन्टल 52 किग्रा गेहू , और 38 किलो चावल , प्राप्त किये गये राशन से कम हैं ! जिसका ग्रामीणो के समक्ष पंचनामा तैयार कर आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रशासन को सौप दिया गया हैं। तहसीलदार ने पाया कि अधीक्षक ने उस गेहूं व चावल को वही पर एक किराना दुकान मे दिया है। दूकानदार ने भी इसे स्वीकार किया है।  हालांकि अधीक्षक ने इसे बेचने के आरोप से इकार करते हुए गेहूं के बदले किराना दुकान से बाद मे चावल वापिस लेने हेतु ऐसा किया जाना बताया है।।  Conclusion:एक शिक्षक के लिये इससे भी शर्म की बात और क्या हो सकती हैं , की जिसे बच्चो की सुरक्षा , स्वास्थ , शिक्षा ,और उज्जवल भविष्य का दायित्व सौपा गया हो , और वही शिक्षक बच्चो के पेट मे डाका डालकर उनके अधिकार का राशन , चंद रुपया कमाने के लालच मे किराना की दुकान मे बेच रहा हैं ! यह सीनियर बालक आदिवासी 50 सीटर की क्षमता वाला छात्रावास हैं ! लेकिन इसकी सीट कभी भर नही सकी हैं ! यहा 35 से 38 बच्चे का नामांकन हैं ! और प्रत्येक दिन लगभग 15 से 20 बच्चे ही उपस्थित रह पाते हैं , जिसका फायदा उठाकर अधीक्षक ,अपनी फाइलों मे पुर्ण उपस्थिति दर्शा कर उनके नाम का राशन प्राप्त कर लेता हैं ! और वही राशन को किराना दुकान मे बेच आता हैं ! इस तरह शाम सुबह के नाश्ते मे सूखा पोहा मे हल्दी नमक मिलाकर दे दिया जाता हैं ! ऎसा करके अधीक्षक बेखौब होकर राशन की हेरा फेरी कर रहा हैं !
छात्रावास को हर महीने मिलता हैं 1 कुन्टल 38 किलो चावल और 5 कुन्टल 52 किलो गेहू

*परसवाडा के ग्राम पंचायत बोदा मे स्थित सीनियर बालक आदिवासी छात्रावास मे 50 बच्चो की सीट उपलब्ध हैं ! लेकिन यह सीट कि भरपाई कभी नही हो सकी हैं ! लगभग 38 बच्चे का नामांकन दर्ज हैं ! लेकिन वर्तमान मे 15 से बीस बच्चो की उपस्थिति ही देखी ज़ा रही हैं ! जिसका फायदा उठाकर यहा पर पदस्थ अधीक्षक महेंद्र कुमार कठाने शेष बच्चो के राशन का हेर फेर कर किराना दुकान मे बेच देता हैं ! इस तरह प्रशासन की आंखो मे धूल झोंककर रजिस्टर की खाना पूर्ति करता रहा

*बाईट :- दीपक पटेल (तहसीलदार बैहर
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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