बालाघाट। जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात सीआरपीएफ सामाजिक सरोकार का बखूबी निर्वाह कर रही है. घने जंगलों के बीच बसे दुर्गम इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का तो अभाव अक्सर बना ही रहता है, यहां रहने वाले लोग बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं से भी महरूम रहते हैं. ऐसे में लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल रखने की जिम्मेदारी सीआरपीएफ की 123वीं बटालियन ने उठाई है.
वर्दी के साथ हमदर्दी: वर्दी के साथ-साथ हमदर्दी दिखाते हुए सीआरपीएफ ने इन इलाकों में बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू की है. यह एंबुलेंस मरीज को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाएगी. इस बाइक एंबुलेंस का लाभ आसपास के 20 गांवों के लोगों को मिलेगा. इस सेवा के लिए मोटरसाइकिल में एंबुलेंस की तरह लाइट और सायरन लगा है. तत्काल उपचार के लिए जरूरी दवाएं भी रखी गई हैं. जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों को यह गाड़ी दे दी जाएगी, जिससे वे बीमार परिजन को अस्पताल तक पहुंचा सकें.
आदिवासियों की मदद: यह पहला मौका नहीं है, जब सीआरपीएफ ने नक्सल गतिविधियों पर काबू पाने के साथ ही ग्रामीणों की परेशानियां दूर करने का बीड़ा उठाया है. इससे पहले भी सीआरपीएफ ने आदिवासी ग्रामीणों की मदद करते हुए कई बड़े काम किए हैं. सिविक एक्शन कार्यक्रम के तहत ये सुरक्षाबल कई तरह से गरीब आदिवासियों की मदद करते रहे हैं.
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समय पर मिल रहा इलाज: नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सीआरपीएफ बटालियन की इस अनूठी पहल का ग्रामीणजनों को खासा लाभ मिल रहा है. बाइक एम्बुलेंस के सहारे बीमार लोगों को सही समय पर अस्पताल पहुंचाकर बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. इस सार्थक मकसद को देखते हुए क्षेत्र में इस बाइक एम्बुलेंस की काफी चर्चा भी है. लोग इस प्रयास की काफी सराहना कर रहे हैं.