बालाघाट। जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान के रखरखाव में भारी लापरवाही करने का मामला सामने आया है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते ओपन केब में रखी धान खराब हो गई और उसमें अंकुरण आ गए हैं. जिसे अब मिलरों को जबरन थमाकर मिलिंग के लिए धान को खपाया जा रहा है. बता दें कि इस अंकुरित धान का चावल खराब बनेगा और यही चावल विभाग को मिलर द्वारा वापस दिया जाएगा.
भारी मात्रा में धान खराब
बालाघाट में 90 हजार किसानों से 40 लाख क्विंटल धान की खरीदी की गई है. जिसमें से लगभग 30 लाख क्विंटल धान बालाघाट में गोदाम और ओपन केब में रखी गई है. इस केब की धान का इस समय मिलिंग कराया जा रहा है. देखा जा रहा है कि ओपन केब में रखी धान अधिकारियों की लापरवाही व बद इंतजामी के चलते भारी मात्रा में खराब हो गई है. इस खराब धान को अदला-बदली कर अधिकारियों द्वारा मिलर्स को जबरन मिलिंग के नाम पर खपाने का प्रयास कर रहे हैं. सभी अधिकारी इससे वाखिफ है कि इस खराब धान का चावल भी खराब बनेगा, इसके बावजूद इसे खपाने की कोशिश की जा रही है. वहीं अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ये गुणवत्ताविहीन चावल अमानक स्तर पर परोसने के लिए भेज दिया जाएगा.
कुछ मिलर्स ने धान लेने से किया इंकार
कुछ मिलर्स ने मिलिंग के लिए धान लेने से इंकार कर दिया है, लेकिन उन पर वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों का दबाव देकर चुप करा दिया गया है. व्यापारियों की मजबूरी है कि मिल के संचालन के लिए वह अधिकारियों के निर्देश को माने और यही हो रहा है.
जिला विपणन अधिकारी ने दी सफाई
इस मामले में जिला विपणन अधिकारी अर्पित तिवारी ने सफाई देते हुए कहा है कि एक दो प्रतिशत ही धान खराब हुई है. बारिश होने से ऐसी स्थिति बनी है, विभागीय लापरवाही नहीं है. मिलर्स के धान नहीं लेने के सम्बंध में विपणन अधिकारी का कहना था कि एक दो ऐसे मिलर्स होंगे जिनका कोई काम नहीं हुआ, तो वे ऐसा आरोप लगा रहे है.