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कल तक जिसका पैर छूकर लेते थे आशीर्वाद, आज उसी की जान लेने पर आमादा आवाम?

आस्था के नाम पर आये दिन फर्जी बाबाओं के पाखंड देखने को मिलते हैं. बालाघाट के हट्टा थाना क्षेत्र का डुंडा सिवनी ग्राम पंचायत पिछले कुछ दिनों से आस्था का केंद्र बना था

बाबा के झूठे दावे पर गुस्साई भीड़
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Published : Jun 25, 2019, 11:39 PM IST

बालाघाट। आस्था के नाम पर आये दिन फर्जी बाबाओं के पाखंड देखने को मिलते हैं. बालाघाट के हट्टा थाना क्षेत्र का डुंडा सिवनी ग्राम पंचायत पिछले कुछ दिनों से आस्था का केंद्र बना था. मंगलवार को भी वहां भक्तों की भीड़ लगी थी, लेकिन आज इनके अंदर श्रद्धा नहीं, बल्कि आक्रोश उबल रहा था, यदि मौके पर पुलिस नहीं पहुंचती तो कल तक पैर छूकर आशीर्वाद लेने वाले भक्त अपने गुरू को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार देते.


जानकारी के मुताबिक, कबीर पंथ के सुबोध दास उर्फ मंगलदास बाबा मंगलवार को 10 बजकर 15 मिनट पर प्राण त्यागने वाले थे. जिसके चलते हजारों भक्त जमा हो गये, काफी इंतजार के बाद भी जब बाबा का दावा झूठा निकला तो भक्तों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. जिसके बाद घंटों तक बाबा सुबोधदास और उनके सेवकों का हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. सुबोधदास अपने सेवक जनपद सदस्य के यहां पिछले कुछ दिनों से रहकर कबीर पंथ के अनुयाई और अन्य भक्तों को प्रवचन दे रहे थे और भजन-र्कीतन कर रहे थे.

बाबा का हुआ पर्दाफाश


प्रवचन के दौरान ही कुछ दिनों पहले सुबोध दास ने सेवकों को बताया था कि गुरू कबीर की इच्छानुसार वे 25 जून को प्राण त्याग देगें. ये खबर दूर-दराज तक फैल गई. जिसके बाद गांव में भीड़ उमड़नी शुरू हो गई. जब भीड़ को बाबा का दावा झूठा दिखा तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने बड़ी सावधानी से आक्रोशित भीड़ के बीच से पत्थरों से टकराते हुए बाबा को सुरक्षित निकाला.

बालाघाट। आस्था के नाम पर आये दिन फर्जी बाबाओं के पाखंड देखने को मिलते हैं. बालाघाट के हट्टा थाना क्षेत्र का डुंडा सिवनी ग्राम पंचायत पिछले कुछ दिनों से आस्था का केंद्र बना था. मंगलवार को भी वहां भक्तों की भीड़ लगी थी, लेकिन आज इनके अंदर श्रद्धा नहीं, बल्कि आक्रोश उबल रहा था, यदि मौके पर पुलिस नहीं पहुंचती तो कल तक पैर छूकर आशीर्वाद लेने वाले भक्त अपने गुरू को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार देते.


जानकारी के मुताबिक, कबीर पंथ के सुबोध दास उर्फ मंगलदास बाबा मंगलवार को 10 बजकर 15 मिनट पर प्राण त्यागने वाले थे. जिसके चलते हजारों भक्त जमा हो गये, काफी इंतजार के बाद भी जब बाबा का दावा झूठा निकला तो भक्तों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. जिसके बाद घंटों तक बाबा सुबोधदास और उनके सेवकों का हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. सुबोधदास अपने सेवक जनपद सदस्य के यहां पिछले कुछ दिनों से रहकर कबीर पंथ के अनुयाई और अन्य भक्तों को प्रवचन दे रहे थे और भजन-र्कीतन कर रहे थे.

बाबा का हुआ पर्दाफाश


प्रवचन के दौरान ही कुछ दिनों पहले सुबोध दास ने सेवकों को बताया था कि गुरू कबीर की इच्छानुसार वे 25 जून को प्राण त्याग देगें. ये खबर दूर-दराज तक फैल गई. जिसके बाद गांव में भीड़ उमड़नी शुरू हो गई. जब भीड़ को बाबा का दावा झूठा दिखा तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद पुलिस ने बड़ी सावधानी से आक्रोशित भीड़ के बीच से पत्थरों से टकराते हुए बाबा को सुरक्षित निकाला.

Intro:बालाघाट- आस्था के नाम पर आये दिन बाबाओं के पाखंड देखने को मिलते है इसी कड़ी में बालाघाट के हट्टा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत डुंडासिवनी जो पिछले कुछ दिनों से आस्था का केंद्र बना हुआ था। मंगलवार को यहां दोपहर के बाद भक्तों की भीड़ का आक्रोश इतना बढ़ गया कि यहां कई थानों की पुलिस और बल को आकर मोर्चा संभालना पड़ा। दरअसल कबीर पंथ के सुबोध दास उर्फ मंगलदास बाबा मंगलवार को 10.15 मिनट पर शरीर से प्राण त्यागने वाले थे। जिसके  चलते गांव में हजारों भक्तों की भीड़ लग गई और काफी देर तक बाबा का दावा सच न होने पर यहां जमा भीड़ का पारा सातवे आसमान पर पहॅुच गया। Body:बालाघाट में एक बार फिर आस्था के नाम पर झूठ आडंबर और पाखंड का खेल ग्राम  डूंडासिवनी में देखने को मिला। जहां मंगवार को कई घंटो तक बाबा सुबोधदास और उनके सेवको का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। बतादे कि सुबोधदास बाबा ने अपने सेवक जनपद सदस्य के यहां पिछले कुछ दिनों से रहकर कबीर पंत के अनुयाई और अन्य भक्तों को प्रवचन और भजन र्कीतन कर रहे थे। प्रवचन के दौरान ही कुछ दिनों पुर्व बाबा सुबोध दास ने सेवको को बताया था कि गुरू कबीर की इच्छा अनुसार वे आज 25 जून को सवा दस बजें शरीर से प्राण त्याग देगे। ये खबर आसपास के ईलाको में ही नही बल्कि दुर दुर तक फैलने पर गांव में भीड़ उमड़ना शुरू हो गई। लेकिन मंगलवार को हजारों लोगों की भीड़ को जब दोपहर 1 बजें इंतजार की हद होने के बाद एहसास हुआ कि बाबा का दावा झूठा निकला तब भीड़ ने हंगामा करना शुरू कर दिया।

भीड़ के बढ़ते आक्रोश को देखते हुये मौके पर भारी पुलिस बल को बुलाया गया। पुलिस ने बड़ी ही सावधानी से आक्रोशित भीड़ के बीच से पत्थरों का सामना करते हुये बाबा को सुरक्षित बाहर निकाला। भीड़ बेकाबु होते रही और पत्थराव करते रही। जिसके चलते पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। इस घटना के बाद सेवक और भक्त खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। 

बाईट 1 - कमलप्रसाद मंडलवार सेवक। 

बाईट 2 - डाली कावरे स्थानीय जनप्रतिनिधि। 

Conclusion:कई घंटों तक भक्ति में सराबोर हजारों की भीड़ दोपहर में इतनी आक्रोशित हुई कि डूंडासिवनी गांव में तनाव का पारा सातवे आसमान पर पहॅुच गया। भीड़ के आक्रोश और मामले की गंभीरता को देखते हुये सुरक्षा के लिहाज से बालाघाट पुलिस की भूमिका बड़ी ही उल्लेखनीय और सराहनीय रही। यहां न सिर्फ बाबा को सुरक्षित ले जाया गया। बल्कि गांव में बढ़ते तनाव पर काबू पाने के लिए पुलिस बल डटी रही। 

बाईट 3 - आकाश भूरिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालाघाट।
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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