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डायलिसिस मशीन खराब होने से महिला की मौत, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाए लापरवाही के आरोप - etv bharat news

बालाघाट के शहीद भगत सिंह जिला अस्पताल में किड़नी की बीमारी से पीड़ित महिला की डायलिसिस मशीन खराब होने के चलते मौत हो गई.

खराब डायलिसिस मशीन से महिला की मौत
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Published : Aug 28, 2019, 10:21 AM IST

बालाघाट। शहर के शहीद भगत सिंह जिला अस्पताल में लगातार डायलिसिस मशीन बंद होने के कारण किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में एक महिला की मौत हो गई है जो कि काफी समय से किडनी की बीमारी से ग्रस्त थी. महिला के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में बंद डायलिसिस मशीन के कारण मौत हुई है जबकि अस्पताल के आला अधिकारी आरोपों को निराधार बता रहे है. इटीवी भारत ने इस मरीज को जिला अस्पताल के डायलिसिस कक्ष से वापिस जाने के लिये मजबूर होने को भी कवर किया था.

खराब डायलिसिस मशीन से महिला की मौत


ईटीवी भारत ने डायलिसिस मशीन बंद होने के चलते किडनी मरीजों को हो रही परेशानी की खबर को प्राथमिकता के साथ सामने लाया था. जिसके बाद कलेक्टर दीपक आर्य ने मशीन ऑपरेट करने वाली कम्पनी के वेंडर के खिलाफ सख्त चेतावनी देते हुये एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये थे.


परिजनों का आरोप है कि महिला को डायलिसिस कराने जिला अस्पताल लाया गया लेकिन वहां मशीन बंद मिली, जिससे उसका डायलिसिस नही हुआ और इस कारण उसकी मौत हो गई. हालांकि जिला अस्पताल प्रबंधन ने इस आरोप को नकारते हुये कहा कि मरीज गोंदिया में डायलिसिस व उपचार करा रही थी, जहां से गंभीर होने पर नागपुर या मेडिकल के लिये रेफर किया गया था. लेकिन परिजनों ने उसे घर ले गए और बाद में जिला अस्पताल ले आये पर कुछ देर में ही उसकी मौत हो गई. डायलिसिस मशीन बंद होने से उसकी मौत नहीं हुई है. किडनी से पीड़ित मरीजों का डायलिसिस किया जाता है जो मार्केट में तीन से चार हजार रूपए का होता है.

बालाघाट। शहर के शहीद भगत सिंह जिला अस्पताल में लगातार डायलिसिस मशीन बंद होने के कारण किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में एक महिला की मौत हो गई है जो कि काफी समय से किडनी की बीमारी से ग्रस्त थी. महिला के परिजनों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में बंद डायलिसिस मशीन के कारण मौत हुई है जबकि अस्पताल के आला अधिकारी आरोपों को निराधार बता रहे है. इटीवी भारत ने इस मरीज को जिला अस्पताल के डायलिसिस कक्ष से वापिस जाने के लिये मजबूर होने को भी कवर किया था.

खराब डायलिसिस मशीन से महिला की मौत


ईटीवी भारत ने डायलिसिस मशीन बंद होने के चलते किडनी मरीजों को हो रही परेशानी की खबर को प्राथमिकता के साथ सामने लाया था. जिसके बाद कलेक्टर दीपक आर्य ने मशीन ऑपरेट करने वाली कम्पनी के वेंडर के खिलाफ सख्त चेतावनी देते हुये एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये थे.


परिजनों का आरोप है कि महिला को डायलिसिस कराने जिला अस्पताल लाया गया लेकिन वहां मशीन बंद मिली, जिससे उसका डायलिसिस नही हुआ और इस कारण उसकी मौत हो गई. हालांकि जिला अस्पताल प्रबंधन ने इस आरोप को नकारते हुये कहा कि मरीज गोंदिया में डायलिसिस व उपचार करा रही थी, जहां से गंभीर होने पर नागपुर या मेडिकल के लिये रेफर किया गया था. लेकिन परिजनों ने उसे घर ले गए और बाद में जिला अस्पताल ले आये पर कुछ देर में ही उसकी मौत हो गई. डायलिसिस मशीन बंद होने से उसकी मौत नहीं हुई है. किडनी से पीड़ित मरीजों का डायलिसिस किया जाता है जो मार्केट में तीन से चार हजार रूपए का होता है.

Intro:बालाघाट-शहीद भगत सिंह जिला चिकित्सालय में लगातार डायलिसिस मशीन बंद होने के कारण किडनी के रोग से पीङित मरीजो को काफी परेशानी का सामना करना पङ रहा है .....यहां तक की एक किडनी रोग से पीङित महिला मरीज की मौत भी हो गयी....बताया जाता है कि शमा खान नामक महिला किडनी की बीमारी से पीङित थी ..जिसकी जिंदगी डायलिसिस के सहारे ही चल रही थी....डायलिसिस ना होने के कारण उसकी मौत हो गयी...महिला की मौत के बाद परिजनो ने आरोप लगाया है कि जिला चिकित्सालय मेंं डायलिसिस मशीन बंद होने के कारण महिला की डायलिसिस न होने के कारण मोत हो गयी...हालाकि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी सभी आरोपो को निराधार बताया है...

Body:बता देवें कि जिला अस्पताल में 2 डायलिसिस मशीन हैं। जिसमें 12 मरीज का पंजीयन हैं। जो कि एक महीने में 120 मरीजों का डायलिसिस इन दो मशीन में होता हैं। पर पिछले काफी दिनों से इन दोनों मशीन के कभी भी बंद होने का सिलसिला जारी रहा हैं। 
ईटीवी भारत ने डायलिसिस मशीन बंद होने से किडनी मरीजों की परेशानी को लेकर प्राथमिकता के साथ खबर को सामने लाया था।इटीवी भारत पर खबर प्रसारित होने के बाद कलेक्टर दीपक आर्य द्वारा मशीन को ऑपरेट करने वाली कम्पनी के वेंडर के खिलाफ सख्त चेतावनी देते हुये एफआईआर दर्ज करने तक के निर्देश दिये थे।

शहीद भगत सिंह जिला चिकित्सालय में शहर के वार्ड नम्बर 9 में रहने वाली पीड़िता समा खान का भी डायलिसिस किया जाता था। विगत सप्ताह में डायलिसिस कराने वह जिला अस्पताल पहुंची थी। लेकिन यहां मशीन बंद मिली थी। जिसके चलते उसे डायलिसिस कराने हेतु मजबूरी में गोंदिया जाना पड़ा था। चूंकि उसकी माली हालत ठीक नहीं थी। लेकिन शरीर को बचाये रखने के लिये उसे जाना पड़ा था। इटीवी भारत ने इस मरीज को जिला अस्पताल के डायलिसिस कक्ष से वापिस जाने के लिये मजबूर होना कवर किया था।अब यही समा खान की मौत हो गई

परिजनों का आरोप हैं कि समा खान को डायलिसिस कराने जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां मशीन बंद मिली। जिससे उसका डायलिसिस नहीं कराया जा सका। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। हालांकि जिला अस्पताल प्रबंधन ने इस आरोप को नकारते हुये कहा कि मरीज गोंदिया में डायलिसिस व उपचार करा रही थी। जहां गंभीर होने पर नागपुर या मेडीकल के लिये रिफर किया गया था। लेकिन परिजनों ने उसे अपने घर ला लिया और बाद में उसे अस्पताल लेकर पहुंचें। लेकिन कुछ देर में ही उसकी मौत हो गई। डायलिसिस मशीन बंद होने से उसकी मौत का मामला नहीं हैं।
Conclusion:किडनी रोग जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त मरीज को लगातार डायलिसिस कराना पड़ता है, और प्रायवेट अस्पतालों के साथ नागपुर, गोंदिया जैसे बड़े शहरों में एक बार डायलिसिस कराने का खर्च 3 से 4 हजार रुपए तक का मरीज को आता है। ऐसे में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज आर्थिक रुप से भी कमजोर हो जाता है। ऐसी स्थिति से मरीज के लिये शहीद भगतसिंह जिला अस्पताल में दो साल पहले डायलिसिस यूनिट का संचालन शुरु किया गया था और दो डायलिसिस मशीन स्थापित कर डायलिसिस की जा रही थी, लेकिन शुरुवात से ही जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट कभी चालू कभी बंद की स्थिति में चल रही है। वहीं यूनिट का संचालन भोपाल स्तर की कंपनी से होने से यहां स्थिति और भी गंभीर बनी रही।

जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में मशीन तक पानी पहुंचाने वाली ऑरोवाटर मोटर शुरु से ही गंभीर समस्या का कारण बनी हुई है। ये मोटर लगातार खराब हो रही है जिसके कारण डायलिसिस के लिए अस्पताल पहुंच रहे मरीज बिना डायलिसिस कराए ही मायूस होकर लौट रहे थे। ऑरोवाटर मोटर विगत दो सप्ताह के अंदर करीब 3 बार खराब हो चुकी है और इस मशीन को सुधारकर लगातार लगाया जा रहा है जैसे ही मोटर से पानी की सप्लाई शुरु की जाती है मोटर गर्म होकर खराब हो रही हैं। जबकि 24 अगस्त को डायलिसिस रूम मे लगी 2 यूनिट में से 1 यूनिट ने काम ही करना बंद कर दिया था, जिसके चलते मरीजो को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ा। वहीं जिला असपताल के पास डायलिसिस की मशीन अधिक न होने के कारण पहले से ही करीब 35 मरीज डायलिसिस कराने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे है लेकिन लगातार मशीन के बंद होने चलते 12 पंजीकृत मरीजों को ही नियमित रुप से इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वेंटिग वाले मरीज अपनी बारी का महज इंतजार कर डायलिसिस कराने के लिए महंगा खर्च वहन कर रहे हैं

बाईट- शफकत खान पार्षद व नपा में विपक्ष के नेता
बाईट- डॉक्टर आर.के.मिश्र सिविल सर्जन जिला अस्पताल

श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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