बालाघाट। बीते एक सप्ताह से बालाघाट जिला अस्पताल का डायलिसिस मशीन खराब है, जिसे बनाने में प्रबंधन नाकाम साबित हो रहा है और इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. रोजाना ही किडनी की समस्याओं से पीड़ित मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है. मरीज या तो गोंदिया या नागपुर जाने के लिए मजबूर हो गए हैं. वहीं गरीबी के चलते मरीजों को महंगे दाम देकर डायलिसिस कराना मुश्किल हो गया है.
जानकारी के मुताबिक शहीद भगत सिंह शासकीय जिला अस्पताल में किडनी मरीजों के लिये 2 डायलिसिस मशीन की व्यवस्था है. यहां पर 12 मरीजों का पंजीयन हैं, जिन्हें सप्ताह में 2-2 बार डायलिसिस करना होता है. इस तरह से 120 मरीजों की एक महीने में डायलिसिस होती है, लेकिन यह मशीन आए दिन खराब हो रही है. इस समय अस्पताल की दोनों डायलिसिस मशीन एक सप्ताह से बंद है, जिसे सुधारा नहीं गया है.
वहीं मशीन को ऑपरेट करने का काम प्राइवेट कंपनी के पास है, जिसके चलते अस्पताल प्रबंधन मशीन के बिगड़ने या बंद होने की स्थिति में पूरी तरह उसके सुधारने के लिए कंपनी पर निर्भर हैं. प्रबंधन ने कंपनी को पत्राचार कर सुधारने को कहा है, लेकिन कंपनी के कर्मचारी नहीं पहुंच पाए हैं. सीएचएमओ मान रहे हैं कि मशीन बंद होने के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है. इसके लिए कंपनी पर प्रतिदिन ढाई हजार रुपए जुर्माना लगाया जा रहा है.