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बालाघाट: बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज, किया मां का अंतिम संस्कार

बालाघाट में पंचायत की नाराजगी के बावजूद बेटियों ने मां का अंतिम संस्कार किया. पहले तो पंचायत ने बेटियों के द्वारा अंतिम संस्कार करने बात पर आपत्ति जताई, लेकिन बाद में पीछे हटना पड़ा और बेटियों ने अपना फर्ज निभाया. पढ़िए पूरी खबर.

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Published : Aug 20, 2020, 11:48 AM IST

Mother's funeral
मां का अंतिम संस्कार

बालाघाट। पंचायत के रोकने के बावजूद बेटियों ने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया. पंचायत चाहती थी कि, अंतिम संस्कार किसी रिश्तेदार को बुलाकर कराया जाए, जबकि बेटियों ने तर्क दिया कि, उनके होते मां को मुखाग्नि दूसरा कोई क्यों देगा ?.

बेटियों का कहना है कि, मां का अंतिम संस्कार करना उनका फर्ज है और उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता. लिहाजा पंचायत को झुकना पड़ा और पूरा गांव अंतिम यात्रा में शामिल हुआ. ये पूरा मामला भंडामुर्री गांव का है. यहां रहने वाली प्रमिला का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उनको बेटा नहीं था, केवल चार बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है, वे सभी अपने ससुराल में रहती हैं.

बालाघाट में बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज

मां के निधन की खबर के बाद पंचायत को चिंता हुई कि, उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा ? इस बीच मां के निधन की खबर सुनकर चारों बेटियां ससुराल से मायके पहुंचीं. उन्होंने मां का अंतिम संस्कार करने की ठानी. इस पर पंचायत ने आपत्ति ली और बैठाई बुलाई, लेकिन बेटियां नहीं मानीं, तो पंचायत को झुकना पड़ा. बाद में प्रमिला की बेटियों ने मां का अंतिम संस्कार किया. इस मौके पर पूरा गांव मौजूद रहा.

बालाघाट। पंचायत के रोकने के बावजूद बेटियों ने अपनी मां का अंतिम संस्कार किया. पंचायत चाहती थी कि, अंतिम संस्कार किसी रिश्तेदार को बुलाकर कराया जाए, जबकि बेटियों ने तर्क दिया कि, उनके होते मां को मुखाग्नि दूसरा कोई क्यों देगा ?.

बेटियों का कहना है कि, मां का अंतिम संस्कार करना उनका फर्ज है और उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोक सकता. लिहाजा पंचायत को झुकना पड़ा और पूरा गांव अंतिम यात्रा में शामिल हुआ. ये पूरा मामला भंडामुर्री गांव का है. यहां रहने वाली प्रमिला का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उनको बेटा नहीं था, केवल चार बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है, वे सभी अपने ससुराल में रहती हैं.

बालाघाट में बेटियों ने निभाया बेटे का फर्ज

मां के निधन की खबर के बाद पंचायत को चिंता हुई कि, उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा ? इस बीच मां के निधन की खबर सुनकर चारों बेटियां ससुराल से मायके पहुंचीं. उन्होंने मां का अंतिम संस्कार करने की ठानी. इस पर पंचायत ने आपत्ति ली और बैठाई बुलाई, लेकिन बेटियां नहीं मानीं, तो पंचायत को झुकना पड़ा. बाद में प्रमिला की बेटियों ने मां का अंतिम संस्कार किया. इस मौके पर पूरा गांव मौजूद रहा.

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