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दबंगों ने किया आदिवासियों के तालाब पर कब्जा, न्याय के लिए दो साल से भटक रहे हैं पीड़ित परिवार - बैगा समाज बालाघाट

आदिवासी टोला के बैगा समाज के लोग बरसों से तालाब में मछली पालन कर जीवनयापन कर रहे थे. लेकिन उस तालाब से दबंगों ने अधिकार छीनकर अन्य को पट्टा दिलवा दिया हैं.

आदिवासियों के तालाब पर कब्जा
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Published : Aug 7, 2019, 9:09 PM IST

बालाघाट। जिले के बिरसा जनपद पंचायत के बलगांव के आदिवासी टोला के बैगा समाज के लोग बरसों से तालाब में मछली पालन कर जीवनयापन कर रहे थे. लेकिन उस तालाब से दबंगों ने अधिकार छीनकर अन्य को पट्टा दिलवा दिया हैं. जिसके चलते तालाब को वापस पाने के लिये वे अब कलेक्टर कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं.

आदिवासियों के तालाब पर कब्जा


दर्जन भर की संख्या में बालाघाट अपर कलेक्टर न्यायालय में पहुंचें इन पीड़ितों ने बताया कि तालाब पर उनका कब्जा होने के चलते दो साल पहले 8 हजार रूपये का बैहर से मछली बीज भी डाला गया था. जब मछली मारने गये तो दबंगों ने उनके साथ मारपीट की और पुलिस में रिपोर्ट कर उन्हें फंसा दिया.


तालाब में मछली पालन करने का उन्हें पट्टा भी मिला हुआ था और वे उसके रिनीवल के लिये आवेदन देकर पुन: लाइसेंस प्राप्त करने में सफल हो गये थे. इनका कहना है कि इसी बीच बलगांव पंचायत में सरपंच- बीडीसी व अन्य दबंगों ने तालाब देने के लिए पट्टा बैगाओं से छीनकर गोंड समाज के कुछ लोगों को दिलवा दिया हैं.
इस संबंध में अपर कलेक्टर शिवगोंविद मरकाम ने कहा कि बैगाओं का कहना हैं कि तालाब में वह पूर्व से मछली पालन का कारोबार कर भरण पोषण कर रहे थे. गांव के दबंगों ने उस तालाब को मिलीभगत करते हुए गोंड समाज को पट्टा दिलवा दिया हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पीड़ितों के आवेदन पर मामले की जांच की जा रही है.

बालाघाट। जिले के बिरसा जनपद पंचायत के बलगांव के आदिवासी टोला के बैगा समाज के लोग बरसों से तालाब में मछली पालन कर जीवनयापन कर रहे थे. लेकिन उस तालाब से दबंगों ने अधिकार छीनकर अन्य को पट्टा दिलवा दिया हैं. जिसके चलते तालाब को वापस पाने के लिये वे अब कलेक्टर कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं.

आदिवासियों के तालाब पर कब्जा


दर्जन भर की संख्या में बालाघाट अपर कलेक्टर न्यायालय में पहुंचें इन पीड़ितों ने बताया कि तालाब पर उनका कब्जा होने के चलते दो साल पहले 8 हजार रूपये का बैहर से मछली बीज भी डाला गया था. जब मछली मारने गये तो दबंगों ने उनके साथ मारपीट की और पुलिस में रिपोर्ट कर उन्हें फंसा दिया.


तालाब में मछली पालन करने का उन्हें पट्टा भी मिला हुआ था और वे उसके रिनीवल के लिये आवेदन देकर पुन: लाइसेंस प्राप्त करने में सफल हो गये थे. इनका कहना है कि इसी बीच बलगांव पंचायत में सरपंच- बीडीसी व अन्य दबंगों ने तालाब देने के लिए पट्टा बैगाओं से छीनकर गोंड समाज के कुछ लोगों को दिलवा दिया हैं.
इस संबंध में अपर कलेक्टर शिवगोंविद मरकाम ने कहा कि बैगाओं का कहना हैं कि तालाब में वह पूर्व से मछली पालन का कारोबार कर भरण पोषण कर रहे थे. गांव के दबंगों ने उस तालाब को मिलीभगत करते हुए गोंड समाज को पट्टा दिलवा दिया हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पीड़ितों के आवेदन पर मामले की जांच की जा रही है.

Intro:बालाघाट।बालाघाट के बिरसा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बलगांव के बैगाटोला के बैगाओं द्वारा बरसो से तालाब में मछली पालन कर जीवनयापन कर रहे थे। लेकिन उस तालाब से दबंगो ने अधिकार छिनकर अन्य को पटटा दिलवा दिया हैं। जिससे बैगा परिवार अपने को पीड़ित व ठगा महसूस पा रहे हैं। जिसके चलते तालाब को वापिस पाने के लिये वे अब कलेक्टर कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं। ।।
Body:जानकारी के मुताबिक बलगाव के बैगाटोला में लगभग 60 घर के बैगा परिवार हैं। जिनके टोला के निकट में तालाब हैं। इस तालाब में पूर्वजों से मछली पालन करते हुये वे अपना व परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। तालाब में मछली पालन करने का उन्हें पटटा भी मिला हुआ था और वे उसके रिनीवल के लिये आवेदन देकर पुन: लायसेंस प्राप्त करने में सफल हो गये थे। लेकिन इसी बीच बलगांव पंचायत में सरपंच-बीडीसी व अन्य दबंगो ने बलगांव के गोंड समाज के लोगों को तालाब देने के लिये लामबद्धी करते हुये पटटा बैगाओं से छिनकर गोंड समाज के कुछ लोगों को दिलवा दिया हैं।

सुखराम मरकाम, शांतिबाई बैगा, जनिया बाई बैगा सहित दर्जन भर की संख्या में बालाघाट अपर कलेक्टर न्यायालय में पहुंचें इन पीड़ितों ने बताया कि तालाब पर उनका कब्जा होने के चलते दो साल पहले 8 हजार रूपये का बैहर से मछली बीज भी डाला गया था। जब मछली मारने गये तो दबंगों ने उनके साथ मारपीट की और पुलिस में रिपोर्ट कर उन्हें फंसा दिया गया। जबकि तालाब पर बैगा टोला के राष्ट्रीय मानव का दर्जा प्राप्त बैगा जाति के लोगों का पहला अधिकार हैं। इन ग्रामीण बैगाओं ने बताया कि शासन पुरूषों को समूह बनाकर तालाब दे रही हैं लेकिन हम बैगा महिलायें इस तालाब में समूह बनाकर लेना चाहते हैं। हमारा पूर्व से अधिकार था और अधिकार हैं। इसीलिये दो साल से तालाब के लिये लड़ाई लड़ रहे हैं। अपर कलेक्टर कार्यालय में बुलाया गया था इसलिये वे यहां आये हुये है।। Conclusion:इस संबंध में अपर कलेक्टर शिवगोंविद मरकाम ने कहा कि ये प्रभावित बैगाओं का कहना हैं कि तालाब में वह पूर्व से मछली पालन का कारोबार कर भरण पोषण कर रहे थे। लेकिन गांव के दबंगों ने उस तालाब को मिलीभगत करते हुये गोंड समाज को पटटा दिलवा दिया हैं। इन पीड़ितों के आवेदन को लेकर जांच की जा रही हैं। जिसमें जो नियमानुसार हैं उसके अनुरूप कार्यवाही की जायेगी।

बाईट. सुखराम मरकाम।।
बाईट. शान्ति बाई बैगा।।
बाईट. झिनिया बाई बैगा।। .
बाईट. शिवगोविन्द मरकाम अपर कलेक्टर।
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट
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