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आवारा कुत्तों के हमले से घायल हुआ चीतल, इलाज के बाद हुई मौत - Chital injured

बालाघाट जिले के बघोली ग्राम में आवारा कुत्तों द्वारा दो जंगली जानवर को खदेड़कर लहुलूहान करने का मामला सामने आया है, जिसमें एक नर चीतल की प्राथमिक उपचार के बाद मौत हो गई.

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आवारा कुत्तों ने किया वन्यजीव पर हमला
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Published : Feb 7, 2020, 9:36 PM IST

Updated : Feb 7, 2020, 10:22 PM IST

बालाघाट। जिले के परसवाड़ा में उत्तर वन मण्डल के अंतर्गत बघोली बीट के जंगलों से एक नर चीतल को आवारा कुत्तों के झुण्ड ने खदेड़ते हुए उसे लहुलुहान कर दिया. जिसके बाद चीतल का प्राथमिक उपचार के बाद मौत हो गई.

आवारा कुत्तों ने किया वन्यजीव पर हमला

जानकारी के अनुसार चीतल को कुत्तों के झुण्ड द्वारा लहुलुहान करते देख ग्रामीणों ने उसकी रक्षा की, जिसके बाद घायल अवस्था में कुत्तों के चंगुल से बचते ही वन्यप्राणी गांव के अंदर जा घुसा. जिसे देखने के लिए ग्रामीणों का हुजूम लग गया. वहीं सूचना मिलते ही वन अमला मौके पर पंहुचा और घायल वन्यप्राणी को प्राथमिक उपचार के बाद जंगल में ले जाकर छोड़ दिया, लेकिन जंगल में छोड़ने के दौरान ही उसकी मृत्यु हो गई. जिसका विधिवत पंचनामा करते हुए पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया.

विभागीय तौर पर मिली जानकारी अनुसार ये वन्यप्राणी नाजुक हृदय के होते हैं, जो अचानक लोगों की भीड़ के बीच आ जाने के चलते दहशत में पड़ जाते हैं और उनकी हृदय गति अत्यधिक तेज हो जाती है. जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती है.

वहीं एक ही दिन में कुत्तों द्वारा खदेड़कर वन्यप्राणियों को गांव की तरफ ले जाने का दूसरा मामला सामने आया, जहां घंटो बाद फिर एक वन्यप्राणी हिरण को गांव के ही कुत्तों के झुण्ड ने खदेड़ते हुए गांव की तरफ दौड़ाया. जिसे घायल अवस्था में हिरण गांव की तरफ भागा, जिसे गांव के लोगों ने बचाया. जो कुत्तों से पीछा छूटते ही गांव के अंदर जा घुसा, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे जंगल की तरफ दौड़ा दिया, जो लंबी छलांग लगाते हुए समीप के जंगल के अंदर चला गया.

बालाघाट। जिले के परसवाड़ा में उत्तर वन मण्डल के अंतर्गत बघोली बीट के जंगलों से एक नर चीतल को आवारा कुत्तों के झुण्ड ने खदेड़ते हुए उसे लहुलुहान कर दिया. जिसके बाद चीतल का प्राथमिक उपचार के बाद मौत हो गई.

आवारा कुत्तों ने किया वन्यजीव पर हमला

जानकारी के अनुसार चीतल को कुत्तों के झुण्ड द्वारा लहुलुहान करते देख ग्रामीणों ने उसकी रक्षा की, जिसके बाद घायल अवस्था में कुत्तों के चंगुल से बचते ही वन्यप्राणी गांव के अंदर जा घुसा. जिसे देखने के लिए ग्रामीणों का हुजूम लग गया. वहीं सूचना मिलते ही वन अमला मौके पर पंहुचा और घायल वन्यप्राणी को प्राथमिक उपचार के बाद जंगल में ले जाकर छोड़ दिया, लेकिन जंगल में छोड़ने के दौरान ही उसकी मृत्यु हो गई. जिसका विधिवत पंचनामा करते हुए पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया.

विभागीय तौर पर मिली जानकारी अनुसार ये वन्यप्राणी नाजुक हृदय के होते हैं, जो अचानक लोगों की भीड़ के बीच आ जाने के चलते दहशत में पड़ जाते हैं और उनकी हृदय गति अत्यधिक तेज हो जाती है. जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती है.

वहीं एक ही दिन में कुत्तों द्वारा खदेड़कर वन्यप्राणियों को गांव की तरफ ले जाने का दूसरा मामला सामने आया, जहां घंटो बाद फिर एक वन्यप्राणी हिरण को गांव के ही कुत्तों के झुण्ड ने खदेड़ते हुए गांव की तरफ दौड़ाया. जिसे घायल अवस्था में हिरण गांव की तरफ भागा, जिसे गांव के लोगों ने बचाया. जो कुत्तों से पीछा छूटते ही गांव के अंदर जा घुसा, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे जंगल की तरफ दौड़ा दिया, जो लंबी छलांग लगाते हुए समीप के जंगल के अंदर चला गया.

Intro:आवारा कुत्तों के हमले से घायल हुआ वन्यप्राणी चीतल, प्राथमिक इलाज के बाद हुई मौत,Body:

परसवाड़ा (बालाघाट) :- उत्तर वन मण्डल बालाघाट अंतर्गत वन परिक्षेत्र पश्चिम बैहर अंतर्गत बघोली बीट के जंगलों से एक वन्यप्राणी नर चीतल को आवारा कुत्तों द्वारा खदेड़कर ग्राम की ओर लाया गया, जिसकी प्राथमिक उपचार के बाद मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार एक वन्यप्राणी चीतल को ग्राम बघोली के समीप कुत्तो के झुण्ड द्वारा खदेड़ते हुए उसे लहुलुहान करते देख ग्रामीणों ने दोड़ लगाकर उसकी रक्षा की, जिसके बाद घायल अवस्था में कुत्तों के चंगुल से बचते ही वन्यप्राणी गांव के अंदर जा घुसा, जिसे देखने ग्रामीणों का हुजूम लग गया, वहीं सूचना मिलते ही वन अमला मौके पर पंहुचा, और घायल वन्यप्राणी को प्राथमिक उपचार के बाद जंगल में ले जाकर छोड़ दिया गया, किन्तु जंगल में छोड़ने के दौरान ही उसकी मृत्यु हो गई। जिसका विधिवत पंचनामा कार्यवाही करते हुए पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।
          विभागीय तौर पर मिली जानकारी अनुसार ये वन्यप्राणी नाजुक हृदय के होते है, जो अचानक लोगों की भीड़ के बीच आ जाने के चलते दहशत मे पड़ जाते हैं और उनकी हृदय गति अत्यधिक तेज हो जाती है, जिसके कारण उनकी मृत्यु हो जाती है।
         वहीं एक ही दिन कुत्तों द्वारा खदेड़कर वन्यप्राणियों को गांव की तरफ ले जाने का दूसरा मामला भी देखने आया, जहां ग्राम बघोली में ही पहले घटित हुई घटना के कुछ घण्टों बाद एक बार फिर एक वन्यप्राणी हिरण को गांव के ही कुत्तों के झुण्ड ने खदेड़ते हुए गांव की तरफ दौड़ाया, घायल अवस्था में हिरण गांव की तरफ भागा, जिसे देखते ही ग्राम के लोगों द्वारा कुत्तों से बचाया गया जो कुत्तों से पीछा छूटते ही गांव के अंदर जा घुसा, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे जंगल की तरफ दौड़ा दिया, जो लंबी छलांग लगाते हुए समीप के जंगल के अंदर चला गया।
इस प्रकार कुत्तों के द्वारा खदेड़ते हुए गांव की ओर लाकर वन्यप्राणी को लहुलुहान करने का यह कोई पहला मामला नही है, इससे पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं घटित हुई है, किन्तु विभाग द्वारा कुत्ते पालने वालों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही किए जाने के कारण बार बार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है, और मूक वन्यप्राणियों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है, Conclusion:निश्चित तौर पर विभाग को इस दिशा में उचित कार्यवाही की जानी चाहिए, नही तो इसी तरह वन्यप्राणियों को कुत्तों के द्वारा मौत के घाट उतारा जाएगा, और विभाग पंचनामा कार्यवाही करते हुए उनका अंतिम संस्कार ही करता रहेगा।
Last Updated : Feb 7, 2020, 10:22 PM IST
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