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सरकार के खिलाफ किसानों का फूटा गुस्सा, सड़क पर बैलगाड़ी रैली निकालकर किया प्रदर्शन

बालाघाट के परसवाड़ा में किसानों ने बड़ी संख्या में बैलगाड़ी रैली निकालकर धरना प्रदर्शन किया. किसान पिछले साल बेची गई धान की शेष राशि नहीं मिलने से खासा नाराज थे. जिसके बाद किसानों ने धरना प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जाताया. साथ ही शीघ्र लंबित राशि का भुगतान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

bullock cart rally took placed in balaghat
किसानों ने बैलगाड़ी रैली निकालकर किया प्रदर्शन
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Published : Dec 5, 2019, 2:21 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 4:19 PM IST

बालाघाट। जिले के परसवाड़ा तहसील में पिछले साल धानोपार्जन के दौरान समर्थन मूल्य पर बेची गई धान के बकाए रूपए अभी तक नहीं मिलने को लेकर किसानों ने भारी संख्या में परसवाड़ा मुख्यालय में बैलगाड़ी रैली निकालकर धरना प्रदर्शन किया. जिसके चलते लंबा जाम लग गया.

किसानों ने बैलगाड़ी रैली निकालकर किया प्रदर्शन
बता दें कि परसवाड़ा क्षेत्र के किसान अपनी उपज की बकाया रकम पाने के लिए साल भर से परेशान हो रहे हैं. कई बार शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया लेकिन किसानों के हित के लिए कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया गया. जिसके बाद किसानों ने विशाल बैलगाड़ी रैली निकालकर अपना आक्रोश प्रकट करते हुए शासन-प्रशासन को चेताया और शीघ्र ही लंबित भुगतान देने की मांग की. मांगे नहीं माने जाने पर किसानों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी. वहीं धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन ने जब किसानों को तहसील कार्यालय परिसर के अंदर जाने से रोका तो गहमागहमी का माहौल बन गया. एसडीएम बैहर गुरूप्रसाद मौके पर पंहुचे तो उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए उनकी बात उच्चाधिकारियों तक पंहुचाने की बात कहीं. जिसके बाद किसानों का गुस्सा शांत हुआ.बता दें कि किसानों ने एसडीएम गुरूप्रसाद को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि शीघ्र ही उनकी समस्या का निराकरण किया जाए. वहीं जल्द ही भुगतान नहीं किए जाने पर किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

बालाघाट। जिले के परसवाड़ा तहसील में पिछले साल धानोपार्जन के दौरान समर्थन मूल्य पर बेची गई धान के बकाए रूपए अभी तक नहीं मिलने को लेकर किसानों ने भारी संख्या में परसवाड़ा मुख्यालय में बैलगाड़ी रैली निकालकर धरना प्रदर्शन किया. जिसके चलते लंबा जाम लग गया.

किसानों ने बैलगाड़ी रैली निकालकर किया प्रदर्शन
बता दें कि परसवाड़ा क्षेत्र के किसान अपनी उपज की बकाया रकम पाने के लिए साल भर से परेशान हो रहे हैं. कई बार शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया लेकिन किसानों के हित के लिए कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया गया. जिसके बाद किसानों ने विशाल बैलगाड़ी रैली निकालकर अपना आक्रोश प्रकट करते हुए शासन-प्रशासन को चेताया और शीघ्र ही लंबित भुगतान देने की मांग की. मांगे नहीं माने जाने पर किसानों ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी. वहीं धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन ने जब किसानों को तहसील कार्यालय परिसर के अंदर जाने से रोका तो गहमागहमी का माहौल बन गया. एसडीएम बैहर गुरूप्रसाद मौके पर पंहुचे तो उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए उनकी बात उच्चाधिकारियों तक पंहुचाने की बात कहीं. जिसके बाद किसानों का गुस्सा शांत हुआ.बता दें कि किसानों ने एसडीएम गुरूप्रसाद को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि शीघ्र ही उनकी समस्या का निराकरण किया जाए. वहीं जल्द ही भुगतान नहीं किए जाने पर किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
Intro:समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का एक साल से लंबित है भुगतान, किसानों में आक्रोश, बैलगाड़ी रैली निकालकर किया प्रदर्शन, घण्टो सड़क पर लगा रहा जाम , Body:लंबित भुगतान को लेकर परसवाड़ा में किसानों का विशाल धरना प्रदर्शन
200 से अधिक बैलगाड़ी लेकर रैली में शामिल हुए क्षेत्रीय किसान
शीघ्र भुगतान नही होने पर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
परसवाड़ा (बालाघाट) :-
जिले के परसवाड़ा तहसील अंतर्गत विगत वर्ष धानोपार्जन के दौरान समर्थन मूल्य पर बेची गई धान का शेष रूपया साल बीतने के बाद भी नही मिल पाने के कारण शासन प्रशासन के प्रति अपना आक्रोश प्रकट करते हुए किसानों के द्वारा भारी संख्या में पंहुचकर मुख्यालय परसवाड़ा में धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान जहां हजारों की संख्या में किसानों की उपस्थिति रही वहीं सैकड़ों बैलगाड़ियों की रैली से यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप्प रही जिससे घंटो जाम की स्थिति बनी रही।
जल्द हो भगुतान नही तो करेंगे उग्र आंदोलन
अपनी उपज की शेष रकम पाने साल भर से परसवाड़ा क्षेत्र के किसान परेशान है, जबकि उनके द्वारा समय समय पर शासन प्रशासन को कई बार आवेदन निवेदन, के साथ साथ ज्ञापन भी सौंपा गया, किन्तु शासन प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाये जाने पर आखिरकार आक्रोशित किसानों ने विशाल बैलगाड़ी रैली निकालकर अपना आक्रोश प्रकट करते हुए शासन प्रशासन को चेताया कि शीघ्र ही उनका लंबित भुगतान नही किया गया तो जल्द ही किसानों के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
निकाली गई बैलगाड़ी रैली
इस दौरान भारी संख्या में किसानों का जमावड़ा मुख्यालय परसवाड़ा में लग गया, साथ ही सैकड़ों की संख्या में बैलगाड़ीयां भी लेकर आए, इस दौरान कालेज मैदान लिंगा से विशाल बैलगाड़ी रैली निकाली गई, जो तहसील मुख्यालय परसवाड़ा तक पंहुची, इस दौरान गुस्साये किसानों रास्ते में जय जवान जय किसान एवं लूट की दुकान बंद करों के नारे लगाये गये, विशाल रैली के दौरान परसवाड़ा मुख्यालय में पूरी तरह यातायात व्यवस्था ठप्प नजर आई, यहां तक कि तहसील कार्यालय के सामने पंहुचकर समस्त किसानों ने अपनी बैलगाड़ी सड़क पर खड़ी कर दी जिससे तकरीबन दो घंटे तक पूरी तरह जाम की स्थिति बनी रहीं, वहीं बैठकी बाजार का दिन होने के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमराई नजर आई।
सहकारी बैंक एवं सोसायटी कार्यालय के सामने उग्र नजर आए किसान
रैली के दौरान भारी संख्या में किसान बैलगाड़ियों सहित सहकारी बैंक के सामने पंहुचे जहां पर उन्होने बैंक प्रबंधन से उनका शीघ्र भुगतान करने की बात कही वहीं सोसायटी कार्यालय पंहुचकर भी किसानों ने अपना जमकर आक्रोश प्रकट किया, हालांकि विभागीय अधिकारियों के द्वारा भुगतान की स्थिति को लेकर किसानों को समझाने का प्रयास किया गया किन्तु आक्रोशित किसान किसी भी आश्वासन को मानने तैयार नजर नहीं आए, इस दौरान पुलिस प्रशासन को काफी जददोजहद करते देखा गया, साथ ही किसानों के आक्रोश का सामना भी करना पड़ा, हालांकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना इस दौरान घटित नही हुई, फिर भी पुलिस प्रशासन को कुछ जगहां पर किसानों के आक्रोश से दो चार होना पड़ा।
तहसील कार्यालय के सामने देखा गया गहमागहमी का माहौल
धरना प्रदर्शन के दौरान तहसील मुख्यालय के सामने पुलिस प्रशासन के द्वारा किसानों को तहसील कार्यालय के परिसर के अंदर जाने से रोकने के दौरान गहमागहमी का माहौल देखा गया, सुरक्षा को लेकर चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी, जहां पर उपस्थित बल के द्वारा जददोजहद करते हुए किसानों को किसी तरह तहसील परिसर के अंदर प्रवेश करने से रोका गया, वहीं तहसीलदार के द्वारा समझाईश पर भी किसानों का गुस्सा शांत नजर नहीं आया, जिन्होने जिला कलेक्टर या एसडीएम को बुलवाने की बात कही, आननफानन में एसडीएम बैहर गुरूप्रसाद मौका स्थल पर पंहुचे तथा किसानों को आश्वस्त करते हुए उनकी बात उच्चाधिकारियों तक पंहुचाने की बात कहीं तब जाकर किसी तरह किसानो का गुस्सा शांत हुआ। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती नजर आई।
सड़क पर ही किया गया सभा का आयोजन
इस दौरान तहसील कार्यालय के सामने ही किसानों ने सड़क पर जाम लगा दिया, जहां पर उन्होने एक सभा का आयोजन किया जिसमें उपस्थित वक्ताओं के द्वारा कहा गया कि सरकार के द्वारा किसानों के साथ पक्षपात किया जा रहा है, वहीं इसमें प्रशासनिक अमला भी पीछे नही है, प्रशासनिक उदासीनता के चलते ही विगत वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का भुगतान एक साल बीतने के बाद भी लंबित पड़ा है, इस दौरान प्रशानिक अमले पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि प्रशासन ने संबंधित खरीदी एजेंसियों के साथ मिलकर किसानों को ठगने का काम किया है, समर्थन मूल्य के नाम पर धान खरीदा गया, किन्तु राशि मात्र 1400 रू प्रति कि्ंवटल दी गई और शेष राशि 350 के लिए आज भी किसान भटक रहा है, इतना ही नही किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक सांठगांठ के चलते पहले तो किसानों की धान को बिना किसी निविदा के ठेकेदार को 1600 रू प्रति कि्ंवटल बेचा गया, और किसानों को सिर्फ 1400 रू प्रति क्विंटल दिया गया, जिसमे प्रशासनिक अमले और खरीदी एंजेंसी के द्वारा सांठगांठ करते हुए जहां एक ओर ठेकेदार को बिना निविदा के धान बेचकर लाभ पंहुचाने का कार्य किया है वहीं दूसरी ओर किसानों के खूनपसीने की मेहनत पर डाका डालने का काम किया है। किसानों ने बताया कि खरीदी की अंतिम तिथि के दौरान तहसीलदार द्वारा विधिवत टोकन बांटकर धान खरीदी करवाई गई थी, ऐसे में समर्थन मूल्य के नाम पर किसानों से धान खरीद तो लिया गया, किन्तु उसे बिना निविदा के बेचना किसी सांठगांठ की प्रक्रिया की ओर इंगित करता है। हालांकि इस मामले पर प्रशासनिक अमले की ओर से समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान के शेष भुगतान को लेकर उच्चाधिकारियों तक किसानों की बात पंहुचाने की बात कही जा रही है।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
सभा के आयोजन के उपरांत किसानों ने उपस्थित एसडीएम गुरूप्रसाद को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपते हुए कहा गया कि शीघ्र ही उनकी समस्या का निराकरण किया जाए। वहीं जल्द ही भुगतान नही किए जाने पर किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
किसान रैली के आयोजन पर नजर आए कई दल के नेता
मुख्यालय परसवाड़ा में किसानों का इतना बड़ा आंदोलन पहली बार देखने में नजर आया, जिससे निश्चित ही कहा जा सकता है कि वाकई यहां पर किसान शासन प्रशासन के प्रति काफी नाराज है, और आज सड़क पर उतरकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की, वहीं किसानों ने अपनी एकता का परिचय भी दिया है। इसी बीच एक ऐसा नजारा भी देखने में आया जहां पर कई दलों के नेता इस धरना प्रदर्शन में किसानों के साथ एक मंच पर नजर आए, हालांकि यह अच्छी बात है कि देर से ही सही सभी ने किसानों के दर्द को महसूश करते हुए एक मंच से उनका समर्थन किया है।
         
          इस दौरान ओमप्रकाश पटेल, रामेश्वर कटरे, देवेन्द्र कटरे, शिशुपाल पटले, अनिल गजावे सहित भारी संख्या में किसानों की उपस्थिति रही।Conclusion:         बहरहाल अन्नदाता कहे जाने वाले किसान की यहां स्थिति ऐसी बनी हुई है कि आज वह अपनी ही मेहनत का वाजिब दाम पाने के लिए सड़कों पर उतरकर धरना पदर्शन करने को मजबूर है, देखना यह है कि उनके खून पसीने की मेहनत का दाम आखिरकार सरकार कब तलक दे पाती है।
Last Updated : Dec 5, 2019, 4:19 PM IST
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