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दैनिक कर्मचारियों को नहीं मिला 3 माह से वेतन, CMO पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Jun 27, 2020, 7:45 PM IST

कोरोना जैसे खतरनाक संक्रमण के दौरान भी काम कर रहे नगर पालिका चंदेरी में कार्यरत कर्मचारियों को 3 माह से वेतन नहीं दी गई है, जिसके चलते कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कर्मचारियों ने वेतन दिलाए जाने की मांग करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है.

municipal employees  submitted Memorandum to sdm
नपा कर्मचारियों ने तीन महीने से सैलरी नहीं मिलने को लेकर सौंपा ज्ञापन

अशोकनगर। कोरोना संक्रमण के दौरान नगर पालिका चंदेरी में कार्यरत कर्मचारी बखूबी अपनी जिम्मदारियां निभा रहे हैं, लेकिन तीन मीह से वेतन न मिलने के कारण अब उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है. तंगी से परेशान होकर ये कर्मचारियों ने शनिवार को लामबंद होकर अनुविभागीय अधिकारी चंदेरी को तीन माह का वेतन दिलाए जाने की मांग करते हुए आवेदन सौंपा है.

एसडीएम को आवेदन देने के दौरान दैनिक वेतन भोगियों ने बताया, कोरोना महामारी के संक्रमण काल में वे नगर पालिका क्षेत्र में शासन के दिए हुए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपनी जिम्मेदारियों को ईमादारी से से निभाया है. बावजूद इसके मुख्य चंदेरी नगर पालिका अधिकारी विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उन्हें 3 माह का वेतन (मार्च-अप्रैल और मई ) नहीं दिया है, जिसके चलते उनका परिवार आर्थिक तंगी का शिकार हो गया है. कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा, जब मुख्य नगर पालिका अधिकारी से वेतन की मांग की गई तो उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग कर कर्मचारियों को प्रताड़ित किया.

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को है नौकरी जाने का डर

नगर पालिका चंदेरी के 56 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने बताया , सीएमओ विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उन्हें विगत वर्ष 18-19 में भी 2 माह का वेतन नहीं दिया था. कर्मचारियों का कहना है कि अगर किसी भी प्रकार की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाले जाने का डर रहता था, जिसके चलते सभी कर्मचारी सीएमओ विश्वनाथ प्रताप सिंह के शोषण का शिकार होते रहे हैं.

वर्ष 2015 से काम कर रहे कर्मचारी

नगर पालिका चंदेरी की परिषद मीटिंग दिनांक 21 मार्च 2018 के प्रस्ताव क्रमांक 2 में 156 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के पूर्व माह के वेतन भुगतान के संबंध में दिनांक 14 अक्टूबर 2017 के संकल्प क्रमांक 10 में लिए गए निर्णय पर विचार विमर्श के बाद परिषद ने जल यंत्रालय शाखा में 34 कर्मचारी, राजस्व शाखा में 5 कर्मचारी, निर्माण शाखा में 3 कर्मचारी, स्टोर शाखा में 3 और स्ट्रीट लाइट शाखा में 11, साल 2015 से डेली बेसिस यानि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रखे गए हैं, उन्हें दोबारा काम पर रखने की अनुशंसा परिषद के प्रस्ताव में पारित है.

गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते हुआ ट्रांसफर

2 सालों में ठेकेदारों की मिलीभगत से निर्माण कार्यों, नगर पालिका में जमा संचित निधि का प्रयोग ठेकेदारों के भुगतान करने, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साड़ा) कॉलोनी में रसूखदारों को अनियमित तरीके से किए गए प्लॉट आवंटन और स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगर पालिका को प्राप्त राशि में भारी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के चलते नगर पालिका चंदेरी में पदस्थ सीएमओ विश्वनाथ प्रताप सिंह का ट्रांसफर सागर जिले के देवरी में कर दिया गया था, लेकिन राजनीतिक रसूख और उच्च न्यायालय के स्टे आर्डर के आधार पर वे फिर से चंदेरी नगर पालिका में आ गए.

महिला दैनिक वेतन भोगी ने बताया कि कर्मचारी अपने वेतन की समस्या को लेकर जिला मुख्यालय पर कलेक्टर डॉक्टर मंजू शर्मा को भी आवेदन सौंप चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों की वेतन को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके बाद दैनिक वेतन भोगियों ने चंदेरी एसडीएम को भी आवेदन देकर अपनी समस्याएं बताई.

अशोकनगर। कोरोना संक्रमण के दौरान नगर पालिका चंदेरी में कार्यरत कर्मचारी बखूबी अपनी जिम्मदारियां निभा रहे हैं, लेकिन तीन मीह से वेतन न मिलने के कारण अब उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है. तंगी से परेशान होकर ये कर्मचारियों ने शनिवार को लामबंद होकर अनुविभागीय अधिकारी चंदेरी को तीन माह का वेतन दिलाए जाने की मांग करते हुए आवेदन सौंपा है.

एसडीएम को आवेदन देने के दौरान दैनिक वेतन भोगियों ने बताया, कोरोना महामारी के संक्रमण काल में वे नगर पालिका क्षेत्र में शासन के दिए हुए दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपनी जिम्मेदारियों को ईमादारी से से निभाया है. बावजूद इसके मुख्य चंदेरी नगर पालिका अधिकारी विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उन्हें 3 माह का वेतन (मार्च-अप्रैल और मई ) नहीं दिया है, जिसके चलते उनका परिवार आर्थिक तंगी का शिकार हो गया है. कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा, जब मुख्य नगर पालिका अधिकारी से वेतन की मांग की गई तो उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग कर कर्मचारियों को प्रताड़ित किया.

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को है नौकरी जाने का डर

नगर पालिका चंदेरी के 56 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों ने बताया , सीएमओ विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उन्हें विगत वर्ष 18-19 में भी 2 माह का वेतन नहीं दिया था. कर्मचारियों का कहना है कि अगर किसी भी प्रकार की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाले जाने का डर रहता था, जिसके चलते सभी कर्मचारी सीएमओ विश्वनाथ प्रताप सिंह के शोषण का शिकार होते रहे हैं.

वर्ष 2015 से काम कर रहे कर्मचारी

नगर पालिका चंदेरी की परिषद मीटिंग दिनांक 21 मार्च 2018 के प्रस्ताव क्रमांक 2 में 156 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के पूर्व माह के वेतन भुगतान के संबंध में दिनांक 14 अक्टूबर 2017 के संकल्प क्रमांक 10 में लिए गए निर्णय पर विचार विमर्श के बाद परिषद ने जल यंत्रालय शाखा में 34 कर्मचारी, राजस्व शाखा में 5 कर्मचारी, निर्माण शाखा में 3 कर्मचारी, स्टोर शाखा में 3 और स्ट्रीट लाइट शाखा में 11, साल 2015 से डेली बेसिस यानि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रखे गए हैं, उन्हें दोबारा काम पर रखने की अनुशंसा परिषद के प्रस्ताव में पारित है.

गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते हुआ ट्रांसफर

2 सालों में ठेकेदारों की मिलीभगत से निर्माण कार्यों, नगर पालिका में जमा संचित निधि का प्रयोग ठेकेदारों के भुगतान करने, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साड़ा) कॉलोनी में रसूखदारों को अनियमित तरीके से किए गए प्लॉट आवंटन और स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगर पालिका को प्राप्त राशि में भारी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के चलते नगर पालिका चंदेरी में पदस्थ सीएमओ विश्वनाथ प्रताप सिंह का ट्रांसफर सागर जिले के देवरी में कर दिया गया था, लेकिन राजनीतिक रसूख और उच्च न्यायालय के स्टे आर्डर के आधार पर वे फिर से चंदेरी नगर पालिका में आ गए.

महिला दैनिक वेतन भोगी ने बताया कि कर्मचारी अपने वेतन की समस्या को लेकर जिला मुख्यालय पर कलेक्टर डॉक्टर मंजू शर्मा को भी आवेदन सौंप चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी कर्मचारियों की वेतन को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके बाद दैनिक वेतन भोगियों ने चंदेरी एसडीएम को भी आवेदन देकर अपनी समस्याएं बताई.

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