ETV Bharat / state

अशोकनगर: तापमान बढ़ने से लू और मौसमी बिमारियों के मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी

author img

By

Published : May 25, 2019, 9:27 PM IST

मौसम में हो रहे बदलाव और बढ़ते तापमान की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. लू और अन्य मौसमी बिमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

लू और मौसमी बिमारियों के मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी

अशोकनगर। मई के आखिरी सप्ताह में 25 मई से शुरु हुए नौतपा 8 जून तक चलेंगे. नौतपा के पहले दिन तापमान 42 डिग्री पर पहुंच गया है. मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से अब लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा है. लू और अन्य मौसमी बिमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

लू और मौसमी बिमारियों के मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी

मौसम में बदलाव की वजह से जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़कर 800 पर पहुंच गई है. अधिकांश मरीज सनस्ट्रोक, डायरिया एवं मौसमी बुखार के चलते जिला अस्पताल में भर्ती हैं. जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में एक माह में 430 बच्चे भर्ती किए जा चुके हैं. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अधिकांश बच्चे उल्टी, दस्त और लू से पीड़ित हैं. जिला अस्पताल में मरीजों के पर्चा बनाने के लिए दो काउंटर बनाए गए हैं. लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते आए दिन विवाद की स्थिति बन जाती है.

जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ संतोष रघुवंशी ने बताया कि शिशु वार्ड में नॉर्मल 20 से 25 बच्चे रहते थे. लेकिन मौसम बदलने के कारण और तापमान बढ़ने से 40-50 बच्चें शिशु वार्ड में भर्ती रहते हैं. डॉ रघुवंशी ने इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को सुझाव देते हुए बच्चों को धूप में ना ले जाने की सलाह दी है और बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखने की बात भी कही है.

अशोकनगर। मई के आखिरी सप्ताह में 25 मई से शुरु हुए नौतपा 8 जून तक चलेंगे. नौतपा के पहले दिन तापमान 42 डिग्री पर पहुंच गया है. मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से अब लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर हो रहा है. लू और अन्य मौसमी बिमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

लू और मौसमी बिमारियों के मरीजों की संख्या में हुई बढ़ोत्तरी

मौसम में बदलाव की वजह से जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़कर 800 पर पहुंच गई है. अधिकांश मरीज सनस्ट्रोक, डायरिया एवं मौसमी बुखार के चलते जिला अस्पताल में भर्ती हैं. जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में एक माह में 430 बच्चे भर्ती किए जा चुके हैं. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अधिकांश बच्चे उल्टी, दस्त और लू से पीड़ित हैं. जिला अस्पताल में मरीजों के पर्चा बनाने के लिए दो काउंटर बनाए गए हैं. लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते आए दिन विवाद की स्थिति बन जाती है.

जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ संतोष रघुवंशी ने बताया कि शिशु वार्ड में नॉर्मल 20 से 25 बच्चे रहते थे. लेकिन मौसम बदलने के कारण और तापमान बढ़ने से 40-50 बच्चें शिशु वार्ड में भर्ती रहते हैं. डॉ रघुवंशी ने इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को सुझाव देते हुए बच्चों को धूप में ना ले जाने की सलाह दी है और बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखने की बात भी कही है.

Intro:अशोकनगर। मौसम में हर दिन हो रहे बदलाव का असर लोगों के स्वास्थ्य पर देखने को मिल रहा है. सन स्ट्रोक (लू) सहित अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं जिला अस्पताल में ओपीडी के बाहर लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. लाइन में लगने के अलावा लोग पर्चा बनाने वाले काउंटर के अंदर घुसकर भी अपना पर्चा बनवाने के प्रयास करते देखे जा रहे हैं. जहां सामान्य दिनों में ओपीडी में मरीजों की संख्या 300 से 400 रहती थी. वही मौसम में बदलाव के बाद मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिसके चलते यह संख्या बढ़कर 800 पर पहुंच गई है.


Body:नौतपा के पहले दिन तापमान 42 डिग्री पर पहुंच गया है. जबकि रात का तापमान 24 डिग्री पर है. मौसम में हो रहे बदलाव से सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है.वहीं शनिवार को जिला अस्पताल में ओपीडी पर मरीजों की संख्या लगभग 800 दर्ज की गई है.अधिकांश मरीज सनस्ट्रोक,डायरिया एवं मौसमी बुखार के जिला अस्पताल में भर्ती है दूषित पानी बा दूषित भोजन के सेवन से डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है.
जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में एक माह में 430 बच्चे भर्ती किए जा चुके हैं. जबकि शिशु वार्ड में प्रतिदिन 6 से 7 बच्चे भर्ती किए जाते थे,लेकिन मौसम के बदलाव के कारण प्रतिदिन 18 से 20 बच्चों की भर्ती हो रही है. मौके पर उपस्थित शिशु बार्ड के स्टाफ ने बताया की उल्टी,दस्त एवं लू के अधिक बच्चे वार्ड में भर्ती हो रहे हैं. जिला अस्पताल में मरीजों के पर्चा बनाने के लिए दो काउंटर बनाए गए हैं. जिनमें से एक काउंटर के 2 कंप्यूटर चालू है. जहां से मरीजो को पर्चे बनाकर दिए जाते हैं. जबकि दूसरा काउंटर लंबे समय से बंद चल रहा है. मरीजों की संख्या बढ़ने पर शनिवार को भी विवाद की स्थिति बन गई. लोग लंबी कतार से बचने के लिए काउंटर के गेट के अंदर घुसने का प्रयास करते देखे गए. वहीं जो लोग लाइन में लगे थे बे इस बात का विरोध कर रहे थे.


Conclusion:जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ संतोष रघुवंशी ने बताया कि शिशु वार्ड में नॉर्मल 20 से 25 बच्चे रहते थे. लेकिन अब मौसम बदलने के कारण 40 से 50 बच्चों की संख्या हो गई है.इसमें सबसे ज्यादा लू, उल्टी,दस्त के बच्चे भर्ती किए जा रहे हैं. श्री रघुवंशी ने इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को सुझाव देते हुए बताया कि बच्चों को धूप में ना ले जाने की सलाह दी. एवं बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए पानी को उबालकर पीना चाहिए.
बाईट-संतोष रघुवंशी,शिशु रोग विशेषज्ञ जिला अस्पताल
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.