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अशोकनगर जिला अस्पताल में चल रहा है कमीशनखोरी का खेल, डॉक्टर ने मरीज को भेजा निजी पैथोलॉजी लैब

अशोकनगर के जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ राजकुमार जैतवार द्वारा एक दिव्यांग को कमीशन के लिये निजी पैथोलॉजी भेजने का मामला सामने आया है. कलेक्टर मंजू शर्मा ने लापरवाही के लिए डाक्टर को नोटिस जारी कर मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं.

victim with his wife
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Published : Jun 1, 2019, 8:26 PM IST

अशोकनगर। जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ द्वारा एक महिला मरीज का एक्स-रे कराने के लिए दिव्यांग पति को कमीशन के लिए निजी पैथोलॉजी पर भेजने का मामला सामने आया है, जबकि जिला अस्पताल में एक्स-रे की सभी सुविधाऐं मौजूद हैं.

अशोकनगर जिला अस्पताल

वीना की रहने वाली शिवरानी धानुक जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती है. तीन दिन पहले घर पर गिर जाने के कारण उसके कमर में फैक्चर आ गया था. आसपास के लोगों के बताने पर पति गजराज उसे लेकर अशोकनगर जिला अस्पताल पहुंचा, जहां उसे सर्जिकल वार्ड में भर्ती करा लिया गया.


यह है पूरा मामला


गजराज ने बताया कि हड्डी रोग विशेषज्ञ राजकुमार जैतवार ने चेकअप कर उसकी कमर का एक्स-रे कराने की बात कही. उसने जिला अस्पताल में ही एक्सरे कराकर डाक्टर जैतवार को दिखाया. डॉक्टर द्वारा एक्स-रे में धुंधलापन आने की बात कहकर जिला अस्पताल के पर्चे पर ही एडवांस पैथोलॉजी पर एक्सरे कराने को कहा. जिसके बाद वह अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर रखकर पैथोलॉजी ले गया और 6 सौ रुपए खर्च करके एक्सरे करवाया.


जब गजराज अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर लेकर पैथोलॉजी सेंटर पहुंचा इसी दौरान इस मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता की नजर पड़ी और मामला प्रकाश में आया. मामले पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ एसएस छारी ने कहा कि अस्पताल में एक्स-रे की मशीनें अच्छे से काम कर रही हैं. जिसमें किसी भी तरह का कोई भी धुंधलापन नहीं आता है. अगर डॉक्टर द्वारा लापरवाही की गयी है तो स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.


मामले की जानकारी मिलने पर जिला कलेक्टर मंजू शर्मा ने लापरवाही के लिए सिविल सर्जन एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ को नोटिस जारी करते हुए मामले की जांच के लिए सीएमएचओ को निर्देशित भी किया गया हैं.

अशोकनगर। जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ द्वारा एक महिला मरीज का एक्स-रे कराने के लिए दिव्यांग पति को कमीशन के लिए निजी पैथोलॉजी पर भेजने का मामला सामने आया है, जबकि जिला अस्पताल में एक्स-रे की सभी सुविधाऐं मौजूद हैं.

अशोकनगर जिला अस्पताल

वीना की रहने वाली शिवरानी धानुक जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती है. तीन दिन पहले घर पर गिर जाने के कारण उसके कमर में फैक्चर आ गया था. आसपास के लोगों के बताने पर पति गजराज उसे लेकर अशोकनगर जिला अस्पताल पहुंचा, जहां उसे सर्जिकल वार्ड में भर्ती करा लिया गया.


यह है पूरा मामला


गजराज ने बताया कि हड्डी रोग विशेषज्ञ राजकुमार जैतवार ने चेकअप कर उसकी कमर का एक्स-रे कराने की बात कही. उसने जिला अस्पताल में ही एक्सरे कराकर डाक्टर जैतवार को दिखाया. डॉक्टर द्वारा एक्स-रे में धुंधलापन आने की बात कहकर जिला अस्पताल के पर्चे पर ही एडवांस पैथोलॉजी पर एक्सरे कराने को कहा. जिसके बाद वह अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर रखकर पैथोलॉजी ले गया और 6 सौ रुपए खर्च करके एक्सरे करवाया.


जब गजराज अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर लेकर पैथोलॉजी सेंटर पहुंचा इसी दौरान इस मामले पर ईटीवी भारत संवाददाता की नजर पड़ी और मामला प्रकाश में आया. मामले पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ एसएस छारी ने कहा कि अस्पताल में एक्स-रे की मशीनें अच्छे से काम कर रही हैं. जिसमें किसी भी तरह का कोई भी धुंधलापन नहीं आता है. अगर डॉक्टर द्वारा लापरवाही की गयी है तो स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.


मामले की जानकारी मिलने पर जिला कलेक्टर मंजू शर्मा ने लापरवाही के लिए सिविल सर्जन एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ को नोटिस जारी करते हुए मामले की जांच के लिए सीएमएचओ को निर्देशित भी किया गया हैं.

Intro:अशोकनगर।
मानवीयता को तार-तार कर देने वाला ऐसा ही एक भयानक मामला जिला अस्पताल में देखने को मिला.जब जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजकुमार जैतवार ने सर्जिकल वार्ड में भर्ती एक महिला मरीज के दिव्यांग पति को एक्स-रे कराने के लिए 42 डिग्री तापमान में जिला अस्पताल के बाहर पर्ची लेकर एक निजी पैथोलॉजी पर भेजा. हड्डी रोग विशेषज्ञ ने अपनी मनचाही एडवांस पैथोलॉजी से महज अपने कमीशन पाने के लिए यह भी नहीं देखा कि, 42 डिग्री तापमान में दिव्यांग पति अपने पत्नी को पैथोलॉजी पर कैसे पहुंचा पाएगा. हद तो तब हुई जब मरीज अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर रखकर पैदल धक्का देते हुए 1 किलोमीटर लंबा ब्रिज पार कर निजी पैथोलॉजी पर पहुंचा. और वहां ₹600 देकर अपनी पत्नी का एक्सरा कराया.


Body:दरअसल जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती शिवरानी धानुक, वीना के रहने वाली हैं, जहां शिवरानी 3 दिन पहले अपने ही घर पर गिर जाने के कारण उसके कमर में फैक्चर आ गया था. आसपास के लोगों ने जब शिवरानी के पति गजराज को बताया की अशोकनगर जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ है और वहां इनका अच्छा इलाज हो जाएगा. जिसके बाद गजराज अपनी पत्नी को लेकर अशोकनगर जिला अस्पताल पहुंचा. जहां उसने अपनी पत्नी शिवरानी को जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती करा दिया. जहां हड्डी रोग विशेषज्ञ राजकुमार जैतवार ने महिला का चेकअप कर उसकी कमर का एक्स-रे कराने की बात कही. जिसके बाद शिव रानी के पति ने जिला अस्पताल में ही एक्सरा करा कर जब डॉक्टर जैतवार को एक्सरा दिखाया तो, डॉक्टर द्वारा एक्स-रे में धुंधलापन आने की बात कही. और जिला अस्पताल के पर्चे पर ही एडवांस पैथोलॉजी पर एक्सरे कराने की बात कही. जिसके बाद दिव्यांग गजराज अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर रखकर 42 डिग्री तापमान में एफओबी ब्रिज पार कर पैथोलॉजी पर पहुंचा. जहां उसने अपनी पत्नी का एक्सरा कराने की एवज में ₹600 खर्च किए.
वही पैथोलॉजी पर एक्सरा कराने के बाद गर्मी अधिक होने के कारण नजदीकी रास्ता अपनाते हुए वह स्ट्रेचर पर लेटी पत्नी को लेकर रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंचा. जहां स्थानीय लोगों की मदद से स्ट्रेचर पर लेटी पत्नी को पटरिया पार कराई गई. गरीमत रही कि जिस समय स्ट्रेचर पर लेटी पत्नी को पटरी पार करा रहे थे, उस समय कोई भी ट्रेन नहीं निकली.अन्यथा कोई भी बड़ी अनहोनी घट सकती थी. इस तरह कई मुसीबतें पार करने के बाद दिव्यांग अपनी पत्नी को जिला अस्पताल ले कर पहुंचा.
जब गजराज से स्ट्रेचर पर अपनी पत्नी को लाने का कारण पूछा गया तो उसने बताया कि मेरे पास ऑटो या बाहन में पत्नी को लाने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे. इसी के साथ गजराज भावुक हो गया.और उसकी आंखों से पानी बहने लगा.
हालांकि यह पूरा मामला प्रशासन एवं मीडिया के नॉलेज में आने के बाद आनन-फानन में मामले को दबाने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा घायल महिला मरीज शिवरानी को भोपाल रेफर कर दिया गया है एवं उसके पास एक्स-रे एवं निजी पैथोलॉजी पर एक्स-रे कराने के लिए दी गई पर्ची भी मरीज से प्रबंधन द्वारा वापस ले ली गई है ताकि कोई भी सबूत प्रकाश में ना आ सके.


Conclusion:इस मामले में जब जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ एसएस छारी से बात की गई तो उन्होंने बताया, कि जिला अस्पताल में एक्स-रे की तीन मशीनें है.और तीनों मशीन अच्छे से काम कर रही हैं. जिसमें किसी भी तरह का कोई भी धुंधलापन नहीं आता है.और यदि एक्स-रे मे किसी प्रकार की कोई खामी अगर आती है. तो मरीज का एक्सरा दोबारा भी कराया जा सकता है. लेकिन आपके माध्यम से जब मुझे यह जानकारी लगी तो मैं मरीज से मिलकर उसकी समस्या को तत्काल दूर करूंगा. साथ ही डॉक्टर द्वारा इस तरह की अगर लापरवाही की गई है. तो उसमें संबंधित डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा. और यदि समय सीमा में स्पष्टीकरण का जवाब सही नहीं मिलता है, तो संबंधित डॉक्टर पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
जब मरीज शिवरानी का दिव्यांग पति अपनी पत्नी को स्ट्रेचर पर लेकर पैथोलॉजी पर आया. तब इस मामले पर ईटीवी भारत के संवाददाता की नजर पड़ी. और उन्होंने मरीज से पूछताछ कर मरीज को जिला अस्पताल तक पहुंचाया. इसके बाद उसकी समस्या का निराकरण करने के लिए जिला प्रबंधन से भी चर्चा की. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन में गजराज धानुक की पत्नी को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया कराने की बात भी कही.
इस पूरे मामले की जानकारी जब जिला कलेक्टर मंजू शर्मा को लगी तो उन्होंने इस लापरवाही के लिए सिविल सर्जन एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ को नोटिस जारी किया है एवं इस पूरे मामले की जांच के लिए सीएमएचओ को निर्देशित भी किया गया है
बाइट- शिवरानी धानुक, मरीज
बाइट- गजराज धानुक, पति
बाइट- एसएस छारी, सिविल सर्जन जिला अस्पताल
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