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प्रशासन ने जमींदोज़ किए 54 घर तो 200 लोग हुए बेघर, कार्रवाई के दौरान एक युवक की मौत

ग्वालियर हाईकोर्ट के आदेश पर राजपुर गांव में सरकारी जमीन पर बने 54 मकानों को तोड़ दिया गया है. कार्रवाई के दौरान एक युवक की मौत भी हो गई है. वहीं प्रशासन की इस कार्रवाई से 200 से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं.

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Published : Apr 1, 2019, 8:53 AM IST

अतिक्रमण हटाते अधिकारी

अशोकनगर। राजपुर गांव में सरकारी जमीन पर बने 54 मकानों को पुलिस-प्रशासन ने जमींदोज़ कर दिया है. जनहित याचिका पर ग्वालियर हाईकोर्ट ने अवैध रूप से बने घरों को हटाने के निर्देश जारी किए थे. इधर कार्रवाई के दौरान घर से बिजली का तार हटाने गए 22 वर्षीय युवक की करंट लगने से मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि मृतक युवक की दो दिन पहले ही सगाई हुई थी. करंट लगने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. उसकी मौत के लिए परिजनों ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. कार्रवाई के दौरान 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी और दूसरे सुरक्षा बल भी मौजूद रहे.

अतिक्रमण हटाते अधिकारी

वहीं अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में 200 से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं. उनके पास रहने के लिए अब दूसरा आशियाना भी नहीं है. वह सरकारी स्कूल के बाहर डेरा डाले हुए हैं. रहवासियों का कहना है कि वह उस जगह पिछले 40 सालों से रह रहे थे. पीड़ित रहवासियों का दावा है कि उनके पास जमीन का पट्टा है, इसके इसके बावजूद उन्हें वहां से हटा दिया गया है. बेघर हो चुके लोगों का कहना है कि वह खुले आसमान की नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं. पीड़ितों ने बताया कि पिछले 3 दिनों से उन्होंने कुछ खाया-पिया भी नहीं है.

बता दें कि साल 2014 में राम जानकी मंदिर विवाद का मामला कोर्ट में गया था, जिसके बाद इस जमीन पर बने मकानों को लेकर एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यहां से अतिक्रमण हटाने के निर्देश जारी किए थे. प्रशासनिक अमला बीते 27 मार्च को भी राजपुर गांव में अतिक्रमण हटाने गया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते उसे वापस लौटना पड़ा था. जिसके बाद बीते दिन प्रशासन के अधिकारी भारी पुलिस के साथ राजपुर पहुंचे और 54 मकानों को तोड़ दिया.

अशोकनगर। राजपुर गांव में सरकारी जमीन पर बने 54 मकानों को पुलिस-प्रशासन ने जमींदोज़ कर दिया है. जनहित याचिका पर ग्वालियर हाईकोर्ट ने अवैध रूप से बने घरों को हटाने के निर्देश जारी किए थे. इधर कार्रवाई के दौरान घर से बिजली का तार हटाने गए 22 वर्षीय युवक की करंट लगने से मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि मृतक युवक की दो दिन पहले ही सगाई हुई थी. करंट लगने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. उसकी मौत के लिए परिजनों ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. कार्रवाई के दौरान 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी और दूसरे सुरक्षा बल भी मौजूद रहे.

अतिक्रमण हटाते अधिकारी

वहीं अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में 200 से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं. उनके पास रहने के लिए अब दूसरा आशियाना भी नहीं है. वह सरकारी स्कूल के बाहर डेरा डाले हुए हैं. रहवासियों का कहना है कि वह उस जगह पिछले 40 सालों से रह रहे थे. पीड़ित रहवासियों का दावा है कि उनके पास जमीन का पट्टा है, इसके इसके बावजूद उन्हें वहां से हटा दिया गया है. बेघर हो चुके लोगों का कहना है कि वह खुले आसमान की नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं. पीड़ितों ने बताया कि पिछले 3 दिनों से उन्होंने कुछ खाया-पिया भी नहीं है.

बता दें कि साल 2014 में राम जानकी मंदिर विवाद का मामला कोर्ट में गया था, जिसके बाद इस जमीन पर बने मकानों को लेकर एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यहां से अतिक्रमण हटाने के निर्देश जारी किए थे. प्रशासनिक अमला बीते 27 मार्च को भी राजपुर गांव में अतिक्रमण हटाने गया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते उसे वापस लौटना पड़ा था. जिसके बाद बीते दिन प्रशासन के अधिकारी भारी पुलिस के साथ राजपुर पहुंचे और 54 मकानों को तोड़ दिया.

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